lalbabu Tuddu

lalbabu Tuddu sat gyan ka prachar prasar

 #निमंत्रण_सारे_संसारको_सम्मानकेसाथ #निमंत्रण_संसारको_सम्मानकेसाथ         #भंडारा          #कबीर_परमेश्वर_निर्वाण_दिवस  ...
04/02/2025

#निमंत्रण_सारे_संसारको_सम्मानकेसाथ
#निमंत्रण_संसारको_सम्मानकेसाथ
#भंडारा
#कबीर_परमेश्वर_निर्वाण_दिवस

धर्मराज के तिल तिल का लेखामानव शरीर प्राप्त प्राणी को सत्संग के माध्यम से ही पूर्ण संत की शरण मिलती है। पूर्ण संत ही परम...
26/01/2025

धर्मराज के तिल तिल का लेखा
मानव शरीर प्राप्त प्राणी को सत्संग के माध्यम से ही पूर्ण संत की शरण मिलती है। पूर्ण संत ही परमेश्वर का संविधान बताता है जिसमें उसे सत्संग के माध्यम से यथार्थ आध्यात्मिक ज्ञान दिया जाता है 'कि यदि पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर भक्ति, पुण्य, दान, धर्म, शुभ कर्म नहीं किए। तो पूर्व जन्म के पुण्य मानव जीवन में खर्च करके परमात्मा के दरबार में जाओगे और फिर पशु आदि के जीवन ही भोगने पड़ेंगे।

#धर्मराज_के_तिल_तिल_का_लेखा

#गणतंत्रदिवस

कबीर, मांस मछलियां खात है, सुरापान से हेत।ते नर नरकै जाहिंगे, मात पिता समेत।।इस वाणी द्वारा कबीर साहेब ने बताया है कि, ज...
26/01/2025

कबीर, मांस मछलियां खात है, सुरापान से हेत।
ते नर नरकै जाहिंगे, मात पिता समेत।।

इस वाणी द्वारा कबीर साहेब ने बताया है कि, जो मांस मछली खाते हैं, शराब आदि पीते हैं।
वह इंसान माता पिता के साथ नरक में जाएगा। ये परमात्मा का विधान है।

#धर्मराज_के_तिल_तिल_का_लेखा

#गणतंत्रदिवस

26/01/2025
इस्कॉन के भक्त गीता अध्याय 11 श्लोक 21 को नहीं समझते, जहां अर्जुन ने देखा कि काल देवताओं को भी निगल रहा था। काल ही ब्रह्...
16/10/2024

इस्कॉन के भक्त गीता अध्याय 11 श्लोक 21 को नहीं समझते, जहां अर्जुन ने देखा कि काल देवताओं को भी निगल रहा था। काल ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश का पिता है, और ये सभी त्रिलोक तक ही सीमित हैं।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।

#3लोककाराज_ब्रह्माविष्णुमहेश



 #माता दुर्गा (अष्टांगी) 8 भुजा व 64 कलाओं से शक्ति युक्त हैं। फिर वह पूर्ण मोक्षदायक परमात्मा कौन है जो अनंत भुजा व कला...
07/10/2024

#माता दुर्गा (अष्टांगी) 8 भुजा व 64 कलाओं से शक्ति युक्त हैं। फिर वह पूर्ण मोक्षदायक परमात्मा कौन है जो अनंत भुजा व कलाओं का स्वामी है?
इस गूढ़ रहस्य को जानने के लिए अवश्य पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा।

#भूखे_भजन_नहीं_होत_गोपाला_पकड़_तेरी_कंठी_पकड़_तेरी_माला







#नवरात्रि

कबीर-काजी का बेटा मुआ, उर में सालै पीर।वह साहब सबका पिता, भला न मानै बीर।।इस वाणी में अल्लाह कबीर जी कहते हैं जब काजी के...
07/10/2024

कबीर-काजी का बेटा मुआ, उर में सालै पीर।
वह साहब सबका पिता, भला न मानै बीर।।
इस वाणी में अल्लाह कबीर जी कहते हैं जब काजी के पुत्र की मृत्यु हो जाती है तो काजी को कितना कष्ट होता है। पूर्ण ब्रह्म सर्व का पिता है तो उसके प्राणियों को मारने वाले से वह अल्लाह कैसे खुश हो सकता है।

ाटे_सो_कुफर_कसाई







#नवरात्रि

 #व्रत_कैसे_करें   #भूखे_बच्चों_को_देख_माता_दुखी  #माँ_को_खुश_करनेकेलिए_पढ़ें_ज्ञानगंगा                             #नवरा...
04/10/2024

#व्रत_कैसे_करें
#भूखे_बच्चों_को_देख_माता_दुखी

#माँ_को_खुश_करनेकेलिए_पढ़ें_ज्ञानगंगा


#नवरात्रि
⤵️
https://youtu.be/IAd2gv-WjfU?si=45NZJNBfwvd-rpXw

01/10/2024
सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा...
30/09/2024

सत्य भक्ति वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है। जिससे इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है तथा गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी सन्त से तत्वज्ञान प्राप्त करके, उस तत्वज्ञान से अज्ञान का नाश करके, उसके पश्चात् परमेश्वर के उस परमपद की खोज करनी चाहिए। जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।



सूक्ष्मवेद (तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथवर्वेद) तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता में...
30/09/2024

सूक्ष्मवेद (तत्वज्ञान) में तथा चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथवर्वेद) तथा इन चारों वेदों के सारांश गीता में स्पष्ट किया है कि आन-उपासना नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये शास्त्रों में वर्णित न होने से मनमाना आचरण है जो गीता अध्याय 16 श्लोक 23, 24 में व्यर्थ बताया है। शास्त्रोक्त साधना करने का आदेश दिया है।



मार्कण्डेय पुराण (गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित पृष्ठ 237) में श्राद्ध के विषय मे एक कथा का वर्णन मिलता है जिसमें रूची ...
30/09/2024

मार्कण्डेय पुराण (गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित पृष्ठ 237) में श्राद्ध के विषय मे एक कथा का वर्णन मिलता है जिसमें रूची नामक एक ऋषि को अपने चार पूर्वज जो शास्त्र विरुद्ध साधना करके पितर बने हुए थे तथा कष्ट भोग रहे थे, दिखाई दिए। पितरों ने कहा कि बेटा रूची हमारे श्राद्ध निकाल, हम दुःखी हो रहे हैं। रूची ऋषि ने जवाब दिया की पित्रामहों वेद में कर्म काण्ड मार्ग (श्राद्ध, पिण्ड भरवाना आदि) को मूर्खों की साधना कहा है, अर्थात यह क्रिया व्यर्थ व शास्त्र विरुद्ध है।

#पितरों_का_उद्धार_कैसे_करें
#पिंडदान #पितृपक्ष

#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
#श्राद्ध #पितृपक्ष

Address

Sir Kol Milik Falka Katihar
Katihar
854108

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when lalbabu Tuddu posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to lalbabu Tuddu:

Share