
25/01/2025
सिरफिरे लोग हमें दुश्मने जहां कहते हैं
हम जो इस मुल्क की मिट्टी को भी मां कहते हैं
तुझको ऐ खाके वतन तुझे तययमुम की कसम
तु बता दे ये सजदों निशान कहतें हैं
आपने खुल के मोहब्बत नहीं की है हमसे
आप भाई नहीं मियां कहते हैं
हमारी बेबशी देखो हम उन्हें हमदर्द कहते हैं
जो उर्दू बोलने वाले को दहशत गर्द कहतें हैं
मदीने तक हमने मुल्क की खातिर दुआ मांगी
किसी से पूछ ले इसको वतन का दर्द कहते हैं
और अगर दंगाइयों पे बस नहीं चलता
तो सुन ले ऐ हुकूमत हम तुझे ना मर्द करते हैं।
गणतंत्र दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं,
इस गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर ईश्वर हम सभी को सद्बुद्धि दे एवं संविधान और देश को आगे बढ़ाने की शक्ति दे।
इजहार अशरफ, सामाजिक, राजनीति एवं मानव अधिकार कार्यकर्ता, बिहार