16/10/2023
मुड़वारा 93 में भाजपा का एनालिसिस -
वैसे तो 93 मुड़वारा विधानसभा सीट भाजपा के लिए लकी सीट रही है, हर बार भाजपा के कार्यकर्ता इस सीट पर बड़े हर्षोल्लास व उमंग के साथ चुनाव लड़ते और जीतते चले आ रहे हैं।
लेकिन इस बार की हवा बता रही हैं कि, भाजपा की इस परंपरागत सीट में भाजपा की जगह एक नेता का एकाधिकार हो गया है, जो कि ना ही स्थानीय नेताओं को पसंद आ रहा है और ना ही अंदर से काम करने वाले संघ को ।
शायद यही कारण है कि इस सीट पर आज भाजपा का रथ 20 साल बाद थमने की स्थिति बनाता दिख रहा है । टिकट मिलने वाले प्रत्याशी अब अकेले पड़ते जा रहे हैं, प्रेस कांफ्रेंस की स्थिति बता रही हैं कि वे इस बार मुड़वारा सीट पर भाजपा की टिकट बंटवारे से नाखुश हैं, इसीलिए मैदान में वोटरों को ना ही रिझाने का प्रयास कर रहे और ना ही इस बार जीतने के लिए काम कर रहे हैं।
दबी जवान इस बात को भी कह रहे हैं कि, इस बार हार जाए तो ठीक है, चुनाव अभी एक महीने दूर हैं फिर भी अनुमान बता रहा है कि मुड़वारा सीट पर भाजपा की जीत के बीच कांटो की संख्या बहुत अधिक है ।
ग्रामीण अंचलों में विरोध खुलकर और दोगुना है, बिना संगठन के सहयोग के चुनाव जीतना टेड़ी खीर है । बहुत से भाजपाई विपक्षी दल की टिकट के इंतजार में बैठे हैं, ताकि टिकट मिलने के बाद बता पाए कि इस चुनाव में किस व्यक्तिगत संबंध के कारण हमने विपक्ष का सहयोग किया ।
यदि इस बार भी यदि विधायक जी चुनाव जीतते हैं तो यह भाजपा की नहीं उनकी पर्सनल जीत कही जाएगी ।
मुड़वारा का ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो 3 दिसम्बर ही बताएगा ।
हमारी कटनी