
08/08/2025
रक्षाबंधन का पर्व 09 अगस्त शनिवार को मनाया जाएगा: महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य
श्रावण रात्रि पूर्णिमा व्रत 08 अगस्त को तथा श्रावण दिवा पूर्णिमा व्रत 09 अगस्त को संपन्न होगा।
जम्मू, 07 अगस्त – श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं स्टेट अवॉर्डी महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि रक्षाबंधन का पावन पर्व इस वर्ष 09 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा।
महंत शास्त्री के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा तिथि 08 अगस्त, शुक्रवार को दोपहर 02:13 बजे प्रारंभ होकर 09 अगस्त, शुक्रवार को दोपहर 01:25 बजे समाप्त होगी। चूंकि 09 अगस्त को सूर्योदय व्यापिनी पूर्णिमा है, अतः रक्षाबंधन का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा।
राहुकाल सुबह 09:06 से 10:46 बजे तक रहेगा। अतः इस अवधि को छोड़कर पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा।
रक्षाबंधन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि सनातन धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के अटूट बंधन का प्रतीक है, जिससे पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में प्रगाढ़ता आती है। उन्होंने यह भी अपील की कि इस वर्ष 'मेड इन इंडिया' राखियों का ही उपयोग करें और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करें।
🕉 पूजन विधि (राखी बांधने की पारंपरिक विधि)
1. बहन सर्वप्रथम भाई को तिलक लगाए, आरती करे और अक्षत अर्पित करे।
2. तत्पश्चात दाहिनी कलाई पर राखी बांधे और भाई का पूजन करें।
3. भाई को मिठाई खिलाएं, फिर भाई बहन के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ले।
4. भाई बहन को उपहार भेंट करें।
5. यह संपूर्ण प्रक्रिया उपवास रखकर संपन्न करना श्रेष्ठ माना गया है।
यदि भाई-बहन एक स्थान पर उपस्थित न हो सकें तो बहन भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को राखी बांधकर पूजा करें और भाई की मंगलकामना करें। भाई भी राखी को भगवान से स्पर्श कर रक्षा का संकल्प लें। इस प्रकार श्रद्धा से किया गया प्रतीकात्मक राखी बंधन भी उतना ही फलदायी होगा।
राशि के अनुसार राखी व मिष्ठान्न चयन
राशि राखी का रंग/प्रतीक मिठाई
मेष : लाल रंग की राखी मालपुए
वृषभ : सफेद रेशमी डोरी दूध से बनी मिठाई
मिथुन :हरी रंग की राखी बेसन की मिठाई
कर्क :पीली रेशम वाली राखी रबड़ी
सिंह :गुलाबी/गोल्डन/पंचरंगी राखी रसयुक्त मिठाई
कन्या : गणेशजी की प्रतीक हरी राखी मोतीचूर लड्डू
तुला :सफेद/हल्के पीले रंग की राखी हलवा या घर की मिठाई
वृश्चिक :गुलाबी रंग की राखी गुड़ की मिठाई
धनु : पीली-सफेद राखी रसगुल्ले
मकर : नीले/मिश्रित रंग की राखी कोई भी मिठाई
कुंभ : नीली रंग की राखी ग्रीन मिठाई
मीन : पीले-नीले ज़री वाली राखी मिल्क केक
यदि सगी बहन न हो तो...
अगर सगी बहन न हो तो मामा, चाचा, मित्र, पुरोहित आदि भी यजमान को राखी बांध सकते हैं। इस प्रकार सामाजिक रक्षा और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान होता है।
📜 राखी बांधते समय बोले जाने वाला मंत्र
> ‘येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।’
अर्थ: जिस रक्षासूत्र से दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बांधता हूँ। हे रक्षासूत्र, तू अपने संकल्प से विचलित न हो।
📚 रक्षाबंधन से जुड़ी पौराणिक कथाएं
1. देवराज इंद्र व शचि की कथा – शचि ने इंद्र की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें विजयश्री दिलाई।
2. कृष्ण-द्रौपदी कथा – द्रौपदी द्वारा साड़ी का टुकड़ा बांधने के उपरांत श्रीकृष्ण ने उसकी चीर रक्षा की।
3. महाभारत काल में सैन्य रक्षाबंधन – युधिष्ठिर ने सैनिकों संग रक्षा बंधन मनाया।
4. लक्ष्मी व राजा बलि कथा – लक्ष्मीजी ने बलि को राखी बांधकर भगवान विष्णु को प्राप्त किया।
महंत रोहित शास्त्री (स्टेट अवॉर्डी)
अध्यक्ष – श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट, जम्मू-कश्मीर – 181123
संपर्क – 7006711011