21/09/2025
लाहौल स्पीति की सीबकथोर्न बैरी सेहत के लिए है वरदान l
हिमालयी संजीवनी है सीबकथोर्न, प्रकृति की देन है
सीबकथॉर्न
(फोटो :- ताजा तसवीर लाहौल घाटी के बिलिंग में सीबकथोर्न बैरी या छरमा का पौधा)
वनस्पति में कई सारे पेड-पौधे ऐसे हैं, जो औषधीय गुणों से भरे हैं। ऐसा ही एक पौधा सी बकथॉर्न है, जिसे हिप्पोफी और स्थानीय भाषा में छरमा भी कहते हैं।
इसके फल बेरीज की तरह होते हैं।
वैज्ञानिक का मानना है कि सीबकथोर्न उच्च शिखरीय क्षेत्रों में पर्यावरणीय एवं औषधीय दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण पौधा है।
डॉक्टरो के मुताबिक कुछ लोग इसे मिरैकल प्लांट भी कहते हैं। इसे हिमालय की संजीवनी के नाम से भी जाना जाता है।
इस पेड़ में लगने वाली ऑरेंज रंग की बैरी विटामिन सी से भरपूर होती है , जो त्वचा को ग्लोइंग बनाता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा फैटी एसिड (यह अकेला वेजिटेरियन सोर्स है, जो ओमेगा 3, ओमेगा 6, ओमेगा 7 और ओमेगा 9 देता है) इसे सुपरफूड बनाते हैं। स्क्वैश, चाय या सुखाकर इसे सालभर इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे सेहत को कई फायदे मिलते हैं l
पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2019 में एक काॅलेज के कार्यक्रम में इस फल की चर्चा की थी। विदेशों के कई आधुनिक संस्थानों ने भी इसे बहुत ही मूल्यवान माना है। खासकर ब्लड प्रेशर, बुखार, स्टोन, ट्यूमर,अल्सर, थायराइड, शुगर जैसी बीमारियों के लिए इस फल का जूस काफी फायदेमंद है।
लाहौल स्पीति में इसे स्क्वैश के तौर पर भी उपयोग में लाया जाता है l
सी बकथॉर्न की बनाई गई स्क्वैश का सेवन चेहरे और ओवर ऑल हेल्थ के लिए बेहतरीन माने जाते है l ऐसे में लाहौल स्पीति में महिलाओं द्वारा जंगलों से ये छोटी छोटी बैरी इकठ्ठा करके अब बाजारों में भी इसे बेचा जा रहा हैl
सी बकथॉर्न के बेनिफिट्स को देखते हुए अब कई सारे ब्रांड के द्वारा इसकी चाय वा अन्य चीजे भी तैयार की हैl