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 #मुंबई_हादसा : संतकबीरनगर के तीन युवाओं की दर्दनाक मौत, गांव में छाया मातम #संतकबीरनगर। मुंबई के  #कसारा_घाट में तीन दि...
05/09/2025

#मुंबई_हादसा : संतकबीरनगर के तीन युवाओं की दर्दनाक मौत, गांव में छाया मातम

#संतकबीरनगर। मुंबई के #कसारा_घाट में तीन दिन पहले देर रात हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने जिले के बेलहर ब्लॉक के #बरगदवा_कला गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। एक अनियंत्रित चार पहिया #वाहन के पहाड़ से टकराने से संतकबीरनगर के तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना ने न केवल मृतकों के परिवार बल्कि पूरे गांव और इलाके को सदमे में डाल दिया है।

मृतक युवक

👉रियाज अहमद पुत्र हैसियत अली (24 वर्ष)

👉अफजल हुसैन पुत्र बैतुल्लाह (23 वर्ष)

👉असदुल्ला पुत्र भूलन (27 वर्ष)

तीनों युवकों का शव जब #एम्बुलेंस से उनके पैतृक गांव लाया गया, तो गांव का माहौल शोकाकुल हो उठा। शुक्रवार देर रात शव पहुंचते ही मातम का सन्नाटा पसर गया। परिवारजन चीख-चीखकर रोते रहे और पूरे गांव में करुण क्रंदन गूंजता रहा।

#गांव_में_शोक_की_लहर
गांव के बुजुर्गों ने कहा कि इतनी कम उम्र में तीन-तीन नौजवानों की मौत ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। जिन युवकों ने अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई की ओर रुख किया था, वे अब कभी लौटकर नहीं आएंगे। माताओं के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे और पिता बेटे की अर्थी को देख बेसुध हो गए।

#विश्लेषणात्मक_दृष्टिकोण
यह हादसा सिर्फ तीन परिवारों का ही नहीं, बल्कि पूरे गांव का दुख बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बेरोजगारी और बेहतर जीवन की तलाश में गांव के कई युवा महानगरों का रुख करते हैं। परंतु वहां असुरक्षित माहौल और लापरवाह ड्राइविंग जैसी परिस्थितियां कई बार उनकी जिंदगी छीन लेती हैं। यह घटना प्रशासन और समाज दोनों के लिए चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन और बेहतर परिवहन व्यवस्था कितनी आवश्यक है।

अब बड़ा सवाल

क्या इस हादसे के बाद #प्रशासन और सरकार प्रवासी युवाओं की सुरक्षा और सड़क हादसों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाएंगे?

क्या खराब #सड़क_प्रबंधन के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय होगी?

फिलहाल, बरगदवा कला गांव के लोग तीन चिरागों को खोकर गहरे शोक में डूबे हैं। इस हादसे ने दिखा दिया है कि एक पल की लापरवाही न केवल जिंदगियां छीन लेती है बल्कि पूरे समाज को गहरे जख्म दे जाती है।

29/08/2025

#स्वास्थ्य_विभाग_की_लापरवाही: घायल अधिवक्ता को एक्सपायरी दवा से किया गया इलाज, सोशल मीडिया पर फैली आक्रोश की लहर

#संतकबीरनगर। जिले में स्वास्थ्य विभाग की #लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में है। खलीलाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दुर्घटना में घायल हुए अधिवक्ता प्रदीप प्रजापति का इलाज वार्ड ब्वॉय ने #एक्सपायरी_बीटाडीन से कर दिया। जो फेसबुक पर वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है, यह मामला सामने आते ही न केवल #चिकित्सकीय_व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं, बल्कि पूरे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यप्रणाली पर भी गहन चर्चा शुरू हो गई है।

जानकारी के अनुसार अधिवक्ता प्रदीप प्रजापति हाल ही में सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। उन्हें प्राथमिक इलाज के लिए #खलीलाबाद_सीएचसी ले जाया गया। यहां मौजूद वार्ड ब्वॉय ने उनकी चोट की ड्रेसिंग की, लेकिन उपचार के दौरान जो #बीटाडीन दवा इस्तेमाल की गई, वह एक्सपायर पाई गई। हैरत की बात यह रही कि यह काम न डॉक्टर ने किया और न ही प्रशिक्षित नर्स ने, बल्कि अस्पताल का वार्ड ब्वॉय ही ‘डॉक्टर’ की भूमिका निभाता नजर आया। हालांकि वार्ड बॉय वीडियो में अपनी गलती को स्वीकार करता हुआ नजर आ रहा है।

इस गंभीर लापरवाही की जानकारी #अधिवक्ता_बृजभान_कुमार ने अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से साझा की। उन्होंने पोस्ट कर सवाल उठाया कि आखिर स्वास्थ्य विभाग आम मरीजों की जिंदगी से किस हद तक खिलवाड़ कर रहा है। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट #वायरल होते ही जिलेभर में आक्रोश फैल गया।

विश्लेषण

स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सपायरी दवाओं का इस्तेमाल और प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों की अनुपस्थिति कोई नया मामला नहीं है, लेकिन जब यह लापरवाही अधिवक्ताओं जैसे जागरूक वर्ग के साथ होती है तो स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है। सवाल उठता है कि जब अस्पतालों में दवाओं की मॉनिटरिंग और स्टॉक की जांच के लिए विभागीय तंत्र मौजूद है, तो फिर ऐसी दवाएं वार्डों तक कैसे पहुंच जाती हैं?

वार्ड ब्वॉय द्वारा इलाज किया जाना न केवल #चिकित्सा मानकों का उल्लंघन है बल्कि यह सीधे-सीधे मरीज की जान को खतरे में डालने जैसा है। इससे स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही और अस्पतालों में गुणवत्ता नियंत्रण की वास्तविकता उजागर होती है।

#अधिवक्ता_प्रदीप_प्रजापति का मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं है, यह उन हजारों ग्रामीण और शहरी गरीब मरीजों का दर्द बयां करता है जो अपनी जिंदगी बचाने की आस लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन बदले में उन्हें #लापरवाही और अनदेखी ही मिलती है। जब शिक्षित वर्ग भी इस तरह की अव्यवस्था का शिकार होता है तो कल्पना कीजिए कि आम ग्रामीण मरीजों के साथ क्या होता होगा।

जनता की उम्मीदें

जनता की नजर अब जिला प्रशासन और #स्वास्थ्य_विभाग की कार्रवाई पर टिकी है। यह देखना होगा कि इस गंभीर लापरवाही पर सिर्फ ‘औपचारिक जांच’ होती है या फिर जिम्मेदारों पर वास्तविक कार्रवाई भी की जाती है। क्योंकि सवाल केवल एक अधिवक्ता का नहीं है, सवाल पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के भविष्य का है।

उपरोक्त समाचार की जानकारी और वीडियो एडवोकेट बृजभान कुमार दीवानी कचहरी संतकबीरनगर के फेसबुक एकाउंट से ली गई है। हम इस खबर की पुष्टि नहीं करते ।

22/08/2025

ऑपरेशन "ब्लैक कैट": संतकबीरनगर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 39 वाहनों से उतारी गई काली फिल्म, वसूला गया ₹97,500 जुर्माना

संतकबीरनगर। पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार मीणा के निर्देशन में शुक्रवार को जनपद पुलिस ने ऑपरेशन ब्लैक कैट अभियान चलाते हुए काली फिल्म का इस्तेमाल करने वाले वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। इस दौरान जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस ने जांच अभियान चलाकर कुल 39 वाहनों से काली फिल्म उतरवाई तथा ₹97,500 का भारी-भरकम जुर्माना वसूला।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि काली फिल्म का उपयोग सड़क दुर्घटनाओं, आपराधिक घटनाओं और सुरक्षा संबंधी मामलों में गंभीर खतरा पैदा करता है। कई बार अपराधी वाहन की पहचान छुपाने और वारदात को अंजाम देने में काली फिल्म का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने और जनता को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए यह अभियान चलाया गया है।

एसपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगे भी जिले में इसी तरह के अभियान लगातार चलाए जाएंगे और किसी भी वाहन पर काली फिल्म या अवैध संसोधन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि सुरक्षा नियमों का पालन करें और स्वयं सुरक्षित रहें।

विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण
यह कार्रवाई न केवल यातायात नियमों के पालन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है बल्कि अपराध नियंत्रण की दृष्टि से भी बेहद अहम मानी जा रही है। वाहनों पर लगी काली फिल्म न केवल पुलिस की निगरानी को चुनौती देती है बल्कि यह आपराधिक प्रवृत्ति वालों को भी संरक्षण देती है।

ऑपरेशन ब्लैक कैट के जरिए पुलिस ने साफ संदेश दिया है कि नियमों की अवहेलना और कानून से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जनता ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे अभियानों से जिले में कानून व्यवस्था और यातायात अनुशासन दोनों ही मजबूत होंगे।

*न्याय के मंदिर में भ्रष्टाचार का घिनौना खेल": "लेखपाल की रिश्वतखोरी का काला चेहरा बेनकाब* (सईद पठान की रिपोर्ट)संतकबीरन...
22/08/2025

*न्याय के मंदिर में भ्रष्टाचार का घिनौना खेल": "लेखपाल की रिश्वतखोरी का काला चेहरा बेनकाब*

(सईद पठान की रिपोर्ट)
संतकबीरनगर। खलीलाबाद तहसील क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब एंटी करप्शन टीम ने तहसील के लेखपाल रामअवध को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी की यह कार्रवाई न केवल भ्रष्टाचार पर सीधी चोट है, बल्कि आम जनता के भीतर वर्षों से पल रहे उस आक्रोश और बेबसी को भी सामने लाती है, जिसमें उन्हें अपने ही हक़ और अधिकार पाने के लिए रिश्वत देने पर मजबूर होना पड़ता है....पूरी खबर के लिए👇क्लिक करें,

न्याय के मंदिर में भ्रष्टाचार का घिनौना खेल": "लेखपाल की रिश्वतखोरी का काला चेहरा बेनकाब, Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps - August 22, 2025 (.....

22/08/2025

गोरखपुर में गजब की बारिश, गर्मी से मिली राहत

 #संतकबीरनगर में पुलिस अधीक्षक ने की शुक्रवार परेड की सलामी, विभिन्न शाखाओं का किया निरीक्षणसंतकबीरनगर।  #पुलिस_अधीक्षक ...
22/08/2025

#संतकबीरनगर में पुलिस अधीक्षक ने की शुक्रवार परेड की सलामी, विभिन्न शाखाओं का किया निरीक्षण

संतकबीरनगर। #पुलिस_अधीक्षक संदीप कुमार मीणा ने शुक्रवार को पुलिस लाइन में आयोजित परेड की सलामी ली और जवानों का #मनोबल बढ़ाते हुए परेड का गहन निरीक्षण किया। परेड के उपरांत उन्होंने पुलिस विभाग की विभिन्न शाखाओं का जायजा लिया और अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

#परेड समाप्त होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने सबसे पहले डायल-112 के वाहनों और टीम की कार्यप्रणाली का #निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर मौजूद कर्मियों से जनता की शिकायतों और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई से जुड़े बिंदुओं की जानकारी ली तथा सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

इसके बाद #आरटीसी #मेस का निरीक्षण करते हुए उन्होंने भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता और व्यवस्थाओं की गहन जांच की। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट कहा कि पुलिसकर्मियों को बेहतर खान-पान और सुविधा उपलब्ध कराना प्राथमिकता में है।

इसी क्रम में उन्होंने #परिवहन_शाखा का निरीक्षण किया और वाहनों की स्थिति, रखरखाव व उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा की। वहीं साइबर थाना का भी दौरा कर उन्होंने #साइबर_अपराध से निपटने के लिए तकनीकी दक्षता और त्वरित कार्रवाई पर बल दिया।

#निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को यह #निर्देश दिया कि विभागीय कार्यों में #पारदर्शिता और तत्परता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता का पुलिस पर विश्वास बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है और इसके लिए अनुशासन, ईमानदारी व संवेदनशीलता से कार्य करना होगा।

 #हैंसर_बाजार में दिव्यांग बच्चों के सपनों को मिला सहारा, चिन्हांकन शिविर में 9 बच्चों को मिला प्रमाण पत्र": अस्थि विशेष...
20/08/2025

#हैंसर_बाजार में दिव्यांग बच्चों के सपनों को मिला सहारा, चिन्हांकन शिविर में 9 बच्चों को मिला प्रमाण पत्र": अस्थि विशेषज्ञ के न आने से 25 बच्चे वंचित,
(सईद पठान की रिपोर्ट)
संतकबीरनगर। समाज का असली विकास तभी संभव है जब कमजोर और वंचित वर्गों को भी बराबरी का अवसर मिले। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए समग्र शिक्षा समेकित शिक्षा अभियान के तहत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देशन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सहयोग से ब्लॉक संसाधन केंद्र, हैंसर बाजार पर मंगलवार को #दिव्यांग बच्चों के लिए चिन्हांकन शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर का उद्देश्य बच्चों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना था।

कार्यक्रम में आई सर्जन डा. राम गोपाल, बाल रोग विशेषज्ञ डा. मधुसूदन शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी डा. रजनीश #बैद्यनाथ, स्पेशल एजुकेटर महेन्द्र प्रसाद, दुर्गेश यादव, मोना गौतम, दिलीप यादव, शम्भू प्रसाद समेत रमसा के स्पेशल एजुकेटर शामिल रहे। चिकित्सा और शिक्षा विभाग का यह संयुक्त प्रयास बच्चों और अभिभावकों के लिए नई उम्मीद लेकर आया।

इस अवसर पर #खंड_शिक्षा_अधिकारी महेन्द्र प्रसाद ने कहा कि अधिक से अधिक दिव्यांग बालिकाओं को विद्यालयों में नामांकित कराना अभिभावकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों के प्रमाण पत्र बनवाने में सहयोग करें ताकि शासन की मंशा के अनुरूप प्रत्येक दिव्यांग बालिका को ₹2000 वार्षिक #छात्रवृत्ति मिल सके। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिन बालिकाओं के पास 40% या उससे अधिक दिव्यांगता प्रमाण पत्र होगा, उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने के लिए विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

#जिला_समन्वयक (समेकित शिक्षा) डा. रजनीश बैद्यनाथ ने जानकारी दी कि अगला शिविर मंगलवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र पौली में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों से आग्रह किया कि वे समय पर पंजीकरण कराएं और आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपस्थित हों, ताकि उनका परीक्षण और प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया पूरी हो सके।

इस शिविर में कुल 45 दिव्यांग बच्चों ने प्रतिभाग किया, जिनमें से 9 बच्चों के प्रमाण पत्र तत्काल जारी कर दिए गए। हालांकि, अस्थि विशेषज्ञ डा. अमित कुमार सिंह की अनुपस्थिति के कारण 25 अस्थि दिव्यांग बच्चों का परीक्षण नहीं हो सका। इस पर अभिभावकों ने गहरा रोष व्यक्त किया और मांग की कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो ताकि कोई बच्चा हक से वंचित न रह जाए।

इस कार्यक्रम में ब्लॉक एमआईएस रोहित कुमार, फिजियोथेरेपिस्ट डा. सुशील कुमार और आधार ऑपरेटर देवनारायण ने भी सक्रिय सहयोग दिया।

यह शिविर केवल प्रमाण पत्र वितरण का आयोजन नहीं था, बल्कि यह उन बच्चों के जीवन में शिक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था। ऐसे प्रयास न सिर्फ दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाते हैं, बल्कि यह संदेश भी देते हैं कि हर बच्चा अनमोल है और उसे बराबरी का हक मिलना चाहिए।

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