16/07/2025
ब्रह्माकुमारीज प्रेसनोट
मोबाइल में जो हम सेल्फी खींचते हैं उसमें हमारा गुण हमें दिखाई नहीं देता, मेडिटेशन हमें रियल सेल्फी खींचना सिखाता है।
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय 36-37, दयाल बाग में विशेष युवा कौशल दिवस पर 16 से 35 वर्ष के युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस सेमिनार में युवाओं को स्वयंम को सक्षम बनाने के लिए मोटिवेट किया गया इसके साथ ही आज के तकनीकी युग में स्वयंम को साधनों का इस्तेमाल करते हुए कैसे इनमें फंसने से बचाना है बताया गया व अपनी लर्निंग की क्षमता बढ़ाने की विभिन्न एक्टिविटी कराई गई।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शैली दीदी ने बताया आज बहुत तरह के स्किल है जिसमें कलाकारी का स्किल, सर्वाइवल स्किल सोशल स्किल आदि तरह-तरह के स्किल लेकिन इन सभी स्किल को स्वयंम में समाने के लिए हमें एकाग्रता चाहिए। कोई भी काम को करते समय आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हिम्मत और साहस होनी चाहिए, काम को दोबारा शुरू करने के लिए सेल्फ कॉन्फिडेंस चाहिए और किसी से कुछ सीखने के लिए आज्ञाकारिता चाहिए जो सिखाया गया उसे याद करने के लिए लर्निंग पावर का स्किल चाहिए। यह सारी चीज बाहर की नहीं है इसके लिए हमें अपने मन को मजबूत बनाना होगा हमारे अंतर्मन की इन शक्तियों को जागृत करने के लिए जो विधि ब्रह्माकुमारीज संस्था सिखाते हैं वह है मेडिटेशन। मेडिटेशन सिर्फ़ मन को शांत करने के लिए ही नहीं बल्कि इससे अंतर्मन की शक्तियां भी जागृत होती है। कहते हैं मनुष्य का भाव मनुष्य का गुण उसकी पहचान होती है, क्या मोबाइल में जो हम सेल्फी खींचते हैं उसमें हमारा गुण हमें दिखाई देता है। यह तो आर्टिफिशियल सेल्फी हो गई मेडिटेशन हमें रियल सेल्फी खींचना सिखाता है। हमारी पर्सनालिटी में कोई कमी है तो मेडिटेशन उसको इंप्रूव करने में हमारी मदद करता है।
मोटिवेशनल वक्ता ब्रह्माकुमार राकेश मेहता भाई जी ने बताया भारत यंगेस्ट कंट्री इन द वर्ल्ड देश है अर्थात् भारत में जो जनसंख्या है उसमें से लगभग 65% जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु के लोगों की है। आज युवाओं को कोई भी प्रकार के शॉर्टकट को अपने जीवन में अपनाने से अवॉइड करना है। सिर्फ़ स्मार्टफोन ही रखना काफ़ी नहीं है बल्कि आज स्मार्टवर्क का समय है। हम यह ना देखें हमें देश से क्या मिला है, हम यह देखें कि हमने देश को क्या दिया है। हमारी आध्यात्मिकता हमें फाउंडेशन प्रदान करती हैं, जिससे हम जो कुछ भी करें अच्छा ही करें। अगर हम अपने एप्टीट्यूड यानी मेरे अंदर जन्म से क्या विशेषता है उसके अनुसार अगर हम अपने स्किल को रिफाइन कर ले और रिफाइन करने के बाद उसके अनुसार नॉलेज ग्रहण करें तो हम अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ सकते हैं।
डॉ अनमोलिका जी ने बताया अपनी विशेषता अनुसार ही अपने करियर का चुनाव करने से ही हम जीवन में उन्नति पा सकते हैं। हमें अपने लक्ष्य को इतना महान बनाना है की उसे हासिल करने के लिए हमें मेहनत से पीछे नहीं हटना।
अंबाला सब जॉन निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी ने सबको अपने आशीर्वचन दिए।
बीके सुनील भाई ने बहुत सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। सभी अतिथियों व युवाओं को रिफ्रेशमेंट व सकारात्मक स्लोगन का पैंपलेट दिया।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रीती दीदी ने मन संचालन किया।