27/05/2025
*क्या सच में कचरे के ढेर पर बैठी है सत्ता,❓और किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी जन समस्या के साथ..धरने पर!" 🪧🧹*
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#आगाज_की_आवाज
संपादक - ओमप्रकाश नाजवानी
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किशनगढ़ की गलियों में अगर कोई सबसे नियमित काम हो रहा है, तो वो है — गंदगी और बदबू बढ़ाने का । 🤢
सुबह हो या शाम, नालियाँ ऐसे जाम हो चुकी हैं जिनमें प्रशासन की जिम्मेदारी भी सड़ांध मारने लगी है। 😷
शहर की हालत देखिए — कूड़े के ढेर ऐसे लगे हैं जैसे नगर परिषद ने फोटोशूट का पहाड़ बनाने का सोच रखा हो ओर खुद ने नाक बंद और आँखें मूँद ली हों❗
"मार्बल नगरी" कहलाने वाला ये शहर इन दिनों "कचरा कैपिटल" लग रहा है 🏙️🚮 — और वजह है नगर परिषद की गहरी नींद और प्रशासनिक पाखंड 😴👎।
अब दिलचस्प बात ये है कि किशनगढ़, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी का गृह नगर है 🏛️। नगर परिषद में बीजेपी का बोर्ड है, और प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार है। यानी सत्ता की चाबी भी अपनी 🔑, ताला भी अपना — लेकिन दरवाजा खोलना नहीं है 🚪❌! जनता पूछेगी — "राज्य केंद्र में आपके इतने अपने हैं, स्थानीय मंत्री और नगर परिषद बोर्ड भी आपका, फिर भी, रोड़ ओर नालियों की सफाई करवाने से दूर क्यों?"
*तीन सफाईकर्मी के साथ वार्ड की सफाई का सपना!* 😵🧹🧍🧍🧍
हर वार्ड में बस तीन सफाईकर्मी —
शायद एक झाड़ू लगाता होगा, दूसरा नाली निकालता होगा, ओर तीसरा कभी हाजिर हो या कभी छुट्टी पर भी हो तो कोई बड़ी बात नहीं है 🤦♂️।
इतने में तो घर का ड्रॉइंग रूम साफ नहीं होता, ये सफाई कर्मचारी वार्ड कैसे चमकाएं? और हद तो तब हो गई जब ये कर्मचारी भी वेतन न मिलने पर कई बार हड़ताल कर चुके हैं ✊🪧 —
मतलब अब तो झाड़ू पकड़ने से ज़्यादा आंदोलन करने की आदत पड़ गई है।
*कांग्रेस सफाई धरने से राजनीतिक सफाई 🎯की ओर*
चार साल निकल गए लेकिन अब कांग्रेस के पार्षद भी निकाय चुनाव आते आते अपनी दबी आवाज को अपने विधायक विकास चौधरी के साथ धार देते नजर आए। — यही किया किशनगढ़ के कांग्रेस नेताओं ने 🧹✊।
विधायक डॉ. विकास चौधरी और नेता प्रतिपक्ष हमीदा बानो की अगुवाई में कांग्रेस पार्षद नगर परिषद के बाहर सांकेतिक धरने पर बैठे 🪧। चेहरे पर आक्रोश और आँखों में जनता का दर्द और आवाज में जन समस्याओं के हल की मांग
— बोले: "या तो वार्डो में सफाई व्यवस्था सही करो, वरना जनता कुर्सी हिला देगी!" 🪑🚪
*🤔जनता की कानाफूसी?* 🎯
🚨सभापति और आयुक्त की लापरवाही के चलते किशनगढ़ में सफाई व्यवस्था दम तोड़ रही है ☠️🚫।
*हर वार्ड में गंदगी की गारंटी है, लेकिन जवाबदेही की कोई वारंटी नहीं❗*
शिकायतें ओर खबरें बार-बार नगर परिषद अधिकारी और सभापति देखते ओर सुनते आ रहे है 📄📨, लेकिन नतीजा वही — "कार्रवाई जारी है", "फील्ड में देखेंगे", "जल्द व्यवस्था सुधारेंगे"...
मतलब काम नहीं, कमिटी बन रही है! 🙄
जनता तो मजाकिया चुटकी लेते हुए बोलते नजर आती है कि *अब बदबू से ज़्यादा राजनीति सड़ांध मारने लगी है❗* 🧠🗣️
जनता का सब्र अब सोशल मीडिया पोस्ट में बदलने वाला है —
"किशनगढ़ में हवा शुद्ध नहीं, ओर बदबू स्थायी है — वही गंध चार साल से!" 😷🤢
"नेता जी की योजनाएं आ गईं, बस वार्डो में झाड़ू ओर सफाई नहीं आई!"
"जनता की गंदगी से नाक बंद है, और सरकार आंख मूंद कर बैठी है!" 🙈👃
🗳️ *निकाय चुनाव नज़दीक हैं... और जनता अब पोस्टर नहीं, परफॉर्मेंस देखेगी❗*📉
अब जनता 1 दिन वाला सफाई का फोटो नहीं, उसका नियमित असर देखना चाहती है 🔍🧹।
चार साल से जो कुर्सियों पर जमा धूल है, उसे जनता अब वोटिंग मशीन से साफ करने की सोच रही है❗
नेता जी, चुनाव पास हैं... अगर अब भी गली, नाली नाले साफ नहीं हुए, तो अगली बार गली में प्रत्याशी ओर जन प्रतिनिधियों के पोस्टर नहीं, विरोध ओर आक्रोश दिखेगा। ✋📣
🔚 तो नेताजी, सिर्फ 1 दिन वाली फॉर्मेलिटी कर सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड मत कीजिए, कभी वार्डो की सफाई व्यवस्था को भी नियमित करवाइए।
वरना जनता इस बार गंदगी से नहीं, आपसे, आपकी पार्टी ओर आपकी नीतियों से दूरी बनाएगी — और आगामी चुनाव में नाली और वार्ड सफाई नहीं, आपकी राजनीतिक पटरी सफायें की बात सोचेगी! 🧹📦🗳️