20/11/2025
“कुलधरा का बुलावा” एक आधुनिक रहस्य–हॉरर कथा है, जहाँ डिजिटल कंटेंट-क्रिएशन की दुनिया और सदियों पुराने शाप के बीच एक अदृश्य, भयावह पुल बनता है। कहानी की शुरुआत होती है एक स्टूडियो-अपार्टमेंट से जो देखने में भले अस्त-व्यस्त हो, लेकिन वहीं से चार लोगों की एक अनोखी टीम भारत के सबसे रहस्यमय स्थानों की सच्चाइयों को उजागर करने का काम कर रही है।
टीम में हैं—कविता, जो इतिहास और तथ्यों की गहरी समझ रखती है; रौनक, जो किसी भी घटना को अपने अंदाज़ में नाटकीय, भावनात्मक और जीवंत रूप दे देता है; अनाया, जो हर विचित्र आवाज़, हर फ्रिक्वेंसी और हर परछाईं को अपने कैमरे और ऑडियो सेटअप में कैद कर लेती है; और राज—टीम की सबसे रहस्यमय इकाई, जो एक साथ paranormal writer, tech specialist और तांत्रिक ज्ञान का धनी है।
टीम का पिछला एडवेंचर सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है, और इसी सफलता के बीच वे अपने अगले बड़े अभियान की तलाश कर रहे हैं। सभी इस बार किसी ऐसे स्थान की ओर जाना चाहते हैं जो न सिर्फ दिखने में वीरान हो बल्कि जिसकी हवा में भी अधूरे इतिहास और अनकही चीखों की गूँज महसूस होती हो।
इसी खोज के दौरान बातचीत कुलधरा का नाम सामने लाती है—राजस्थान का वह उजड़ा हुआ गाँव, जिसे सैकड़ों साल पहले कुछ ही घंटों में पूरा का पूरा छोड़ दिया गया था। इतिहास कहता है कि गाँववाले एक शाप देकर गए थे, लेकिन असली वजहें कभी साफ नहीं हुईं। कुछ लोग कहते हैं कि रात में वहाँ की हवा भारी हो जाती है, कुछ कहते हैं कि वहाँ समय चलता नहीं… जम जाता है।
राज इस जगह के बारे में एक अनोखे अंदाज़ में अपनी बात रखता है—वह कहता है कि abandoned settlements में ऊर्जा का असंतुलन साफ महसूस होता है, और कुलधरा जैसी जगहों पर अधूरी स्मृतियाँ अब भी हवा में तैरती रहती हैं। उसकी यह बात टीम के भीतर एक सिहरन, और साथ ही एक नई उत्सुकता जगा देती है।
जब टीम तैयारी शुरू करती है, तभी एक unknown नंबर से कविता को एक कॉल आता है। फोन के दूसरी ओर से एक आवाज़—सूखी, भारी, रेगिस्तान के जैसे खालीपन से भरी—पूछती है कि क्या टीम सच में कुलधरा जाने का प्लान बना रही है। कविता के “हाँ” कहते ही वह अजनबी व्यक्ति एक चेतावनी देता है—कुलधरा के कुछ सवाल ऐसे हैं जो वहाँ जाकर भी नहीं, वहाँ से लौटकर भी शायद कभी जवाब नहीं देते। चेतावनी देने के तुरंत बाद कॉल कट जाता है, पर आवाज़ की ठंडक कमरे में गूँजती रह जाती है।
यह अजीब कॉल कहानी को एक मोड़ दे देता है। टीम अब सिर्फ एक एक्सपीडिशन या कंटेंट वीडियो नहीं बना रही—वे एक ऐसे रहस्य की दहलीज़ पर खड़े हैं जो उनकी समझ से कहीं आगे है। उनके सामने अब एक ऐसा गाँव है जहाँ इतिहास मिटा नहीं, बल्कि दबा हुआ है; जहाँ कदम रखते ही इंसान सिर्फ जगह नहीं खोजता… बल्कि खुद को खोने लगता है।
“कुलधरा का बुलावा” आधुनिक तकनीक और प्राचीन रहस्यों का संगम है—जहाँ कैमरे सच को नहीं, सच कैमरे को चुनता है। और इस बार, लगता है… **कुलधरा ने खुद इन चारों को चुना है।**
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