
10/08/2024
महिलाएँ एक-दूसरे का साथ क्यों नहीं देतीं? जानिए इसके पीछे की वजह:-
स्त्रीवाद के बारे में एक अजीब सा डर महिलाओं के भीतर भी दिखाई देता है। यह देखकर मुझे हमेशा हैरानी होती है कि जब किसी मुद्दे पर तर्कपूर्ण विचार होते हैं, तो कई बार महिलाएँ भी दूसरी महिलाओं का समर्थन नहीं करतीं।यहाँ समर्थन देने का मतलब यह है कि जब भी कोई महिला अपने जीवन में बड़े निर्णय लेती है या किसी अन्याय के खिलाफ खड़ी होती है, तो वह पितृसत्तात्मक सोच के खिलाफ कितनी मजबूत और निष्पक्ष रहती है। यह लड़ाई सिर्फ हमारे समय की नहीं है, बल्कि हज़ारों सालों से चली आ रही है। हमें बचपन से एक खास तरह की सोच में ढाला गया है, जिससे उबरना मुश्किल होता है। इसी वजह से "Women Empower Women" (महिलाएँ एक-दूसरे को सशक्त बनाती हैं) का विचार मुझे बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावी लगता है। हम जहाँ भी हैं और जो भी ज़िन्दगी जी रहे हैं, वहीं से इस मुहिम में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।यह सच है कि स्त्रीवाद की लड़ाई में पुरुषों को भी आगे आना होगा, तभी तेजी से बदलाव संभव है। लेकिन, महिलाओं के बीच भी एकता और सहयोग होना ज़रूरी है, ताकि हर महिला अपने मोर्चे पर आज़ादी और बराबरी के लिए खड़ी रह सके।मैं अपने आसपास उन सभी महिलाओं और पुरुषों से प्रेरित हूँ, जो अपने हिस्से में बराबरी और आज़ादी के लिए एक सकारात्मक माहौल बना रहे हैं।स्त्रीवाद सिर्फ एक आंदोलन नहीं है, बल्कि एक सोच है, जिसे हर किसी को समझना और अपनाना चाहिए।