Manju

Manju village life

🙎गांव के एक कोने में, मिट्टी की एक छोटी सी झोपड़ी में रहने वाली रामदुलारी देवी की ज़िंदगी संघर्षों से भरी हुई थी। उसका प...
18/06/2025

🙎गांव के एक कोने में, मिट्टी की एक छोटी सी झोपड़ी में रहने वाली रामदुलारी देवी की ज़िंदगी संघर्षों से भरी हुई थी। उसका पति कई साल पहले बीमारी से चल बसा था, और तब से उसने अकेले ही अपने दो छोटे बच्चों की परवरिश की। खेती की थोड़ी सी जमीन थी, लेकिन वह भी बंजर हो चुकी थी। मेहनत-मजदूरी करके पेट पालना ही उसकी नियति बन गई थी।🙎

💃हर सुबह रामदुलारी सूरज उगने से पहले उठती, जंगल से लकड़ियां काटती, उन्हें बाजार में बेचने जाती, और फिर किसी खेत में मजदूरी करके लौटती। कभी-कभी पेट भर खाना भी नसीब नहीं होता। गांव में कई बार भूख से बिलखते उसके बच्चों को देखकर उसकी आंखें भर आतीं, लेकिन अपने आंसू पोंछकर वह फिर काम में लग जाती।🕺

🦎सरकारी योजनाओं का लाभ भी उसे कभी ठीक से नहीं मिला। कई बार नाम काट दिया जाता, तो कभी अधिकारी रिश्वत मांगते। वह अनपढ़ थी, इसलिए हर बार बहला दी जाती। गांव के कुछ लोग मदद करते, लेकिन यह मदद कभी भी स्थायी नहीं रही।🦕

🐀सबसे बड़ी पीड़ा उसे तब हुई जब उसकी बेटी को बुखार आया और पैसे के अभाव में इलाज न मिल सका। गांव के झोला छाप डॉक्टर ने गलत दवा दे दी और बच्ची की तबीयत और बिगड़ गई। अस्पताल तक पहुंचने से पहले ही उसकी बेटी ने दम तोड़ दिया। उस दिन रामदुलारी पहली बार टूटकर रोई थी।🦮

🐇आज भी रामदुलारी ज़िंदा है — टूटी हुई, लेकिन हार न मानने वाली। उसकी आंखों में अब भी उम्मीद है — कि शायद एक दिन उसका बेटा पढ़-लिखकर कुछ बनेगा, और उनकी ये हालत बदलेगी।🐅

🐆🦏यह कहानी हजारों रामदुलारियों की है, जो इस देश के गांवों में हर दिन अपने सपनों को मिट्टी में मिलाकर भी मुस्कराने की कोशिश करती हैं।🦏🐑

🌾गाँव की एक गरीब महिला थी – सरस्वती बाई। दिन भर दूसरों के घर बर्तन धोती, झाड़ू लगाती और शाम को अपने दो बच्चों को पढ़ाने ...
24/05/2025

🌾गाँव की एक गरीब महिला थी – सरस्वती बाई। दिन भर दूसरों के घर बर्तन धोती, झाड़ू लगाती और शाम को अपने दो बच्चों को पढ़ाने बैठ जाती। फटे पुराने कपड़ों में भी उसकी आंखों में आत्मविश्वास की चमक होती थी।🌾
🎋एक दिन गाँव में एक बड़ा समारोह हुआ – नए स्कूल का उद्घाटन। कई बड़े नेता और अधिकारी आए। स्कूल के प्रधानाध्यापक ने मंच से कहा,🇭🇺
🎄"इस स्कूल की नींव जिनके परिश्रम से रखी गई, वो हैं हमारी सरस्वती बाई। जब सबने मना किया, तब इन्होंने खुद ईंटें ढोईं, मजदूरों को खाना दिया और बच्चों की शिक्षा के लिए जी-जान लगा दी।"🌱
👑पूरा गाँव चौंक गया। तालियों की गूंज में सरस्वती बाई को मंच पर बुलाया गया। जब उसे माला पहनाई गई और सबने खड़े होकर सम्मान दिया, उसकी आंखों से आँसू बहने लगे।🌹
🌷उस दिन लोगों को समझ आया –
🌹सम्मान पैसे या पद से नहीं, सेवा और समर्पण से मिलता है।🌹

30/12/2024

मेरा स्टेडियम 💃💃, क्या मैं अपने दोस्तों के साथ यहाँ नए साल की पार्टी मनाने के लिए एक यादगार और रोमांचक योजना बना सकता हूँ? सुनहरे मौसम का सुखमय आनंद हमारे गावों में ,ठंडी ठंडी पुरवा बयार हमारे गावों 🇮🇳💃

दहेज..
06/11/2024

दहेज..

🌹🌹
31/10/2024

🌹🌹

🌹
22/10/2024

🌹

Address

Kora Jahanabad

Telephone

+917054485188

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Manju posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share