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 #रॉबिनशॉपुष्‍प
30/10/2024

#रॉबिनशॉपुष्‍प

30 अक्‍टूबर 2014 को रॉबिन शॉ पुष्‍प हमारे बीच नहीं रहे․ उनका अवसान हिन्‍दी साहित्‍य की ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई संभव न.....

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09/10/2024

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'शारदीय  #नवरात्रि' की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
03/10/2024

'शारदीय #नवरात्रि' की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

 #कुक्कूमोरे
30/09/2024

#कुक्कूमोरे

सब्जी बेचने वाले सब्जी साफ करके डंठल वगैरह जो सड़क पर फेंक देते थे, कुक्कू मोरे उसे बटोरकर घर लाती थीं। कुक्कू मोरे ...

 #सालिमअली
27/07/2024

#सालिमअली

सालिम मोइज़ुद्दीन अब्दुल अली पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी थे। उन्हें "भारत के बर्डमैन" के रूप में जाना जाता है, स.....

 #केविनकार्टर
27/07/2024

#केविनकार्टर

New York Times में प्रकाशित होने के तीन महीने बाद 27 जुलाई 1994 को उस महान फोटोग्राफर ने जवानी में ही आत्म हत्या कर अपना जीवन समा....

'कृष्णा सरीन' ( #बीनाराय) की पैदाइश लाहौर (अब पाकिस्तान ) में हुई थी ,13 जुलाई 1931 को । बॅटवारे के समय 'कृष्णा सरीन' का...
13/07/2024

'कृष्णा सरीन' ( #बीनाराय) की पैदाइश लाहौर (अब पाकिस्तान ) में हुई थी ,13 जुलाई 1931 को । बॅटवारे के समय 'कृष्णा सरीन' का परिवार #कानपुर आ गया था । 'कृष्णा सरीन को पढाई के लिए कानपुर से #लखनऊ आना पड़ा और यहाँ इनका दाखिला हुआ था #इजाबेलाथॉबर्नकॉलेज में। जहाँ वे डे स्कॉलर नहीं थी हॉस्टलर थीं। इजाबेला थॉबर्न कॉलेज में कृष्णा सरीन'और उनकी सहेलियों बनीं आशा माथुर (असल नाम सोहन सिंह ) और इन्दिरा पांचाल। तीनो सहेलियो पर हीरोइन बनने का भूत सवार था। कृष्णा कॉलेज के नाटकों में काम किया करती थी।
एक विज्ञापन देख कर कृष्णा और उनकी सहेलियों ने फिल्म कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया था, जिसके बाद तीनों अभिनेत्री बनीं। कुछ का कहना है कि फिल्म निर्माता-निर्देशक और अभिनेता किशोर साहू ने कृष्णा को एक नाटक में देखा था। वह उससे प्रभावित हुए और दोनों सहेलियों के साथ उन्हें #बम्बई अब मुम्बई लेकर चले आये। #किशोरसाहू ने कृष्णा को बीना राय नाम दिया। बीना राय की बतौर हीरोइन पहली फिल्म ‘ #कालीघटा’ थी। यह फिल्म 13 जुलाई 1951 में प्रदर्शित हुई थी। फिल्म के नायक और निर्देशक किशोर साहू थे। फिल्म नहीं चली। गजब के हुस्न के कारण बीना राय का जादू फिल्म निर्माताओं के सिर चढ़ कर बोलने लगा। फिल्मों में बीना राय का करियर बहुत लम्बा नहीं रहा। अपने 15 साल के करियर में उन्होंने 19 फिल्में कीं।
उन्होंने अशोक कुमार के साथ शोले, सरदार, तलाश, बन्दी और दादी मां, भारत भूषण के साथ मेरा सलाम, अजित के साथ मरीन ड्राइव, दिलीप कुमार और देव आनंद के साथ ‘इंसानियत’ और प्रेमनाथ के साथ शगुफ्ता, औरत, प्रिजनर ऑफ गोलकुंडा, हमारा वतन, समंदर और चगेंज खान सरीखी फिल्में कीं। प्रेमनाथ के साथ उनकी कोई भी फिल्म हिट नहीं हो सकी। फिल्मों में उनकी सबसे सफल जोड़ी प्रदीप कुमार के साथ बनी, जो अपनी ऐतिहासिक फिल्मों में भूमिका के कारण प्रिंस अभिनेता के रूप में मशहूर थे। बीना राय की प्रदीप कुमार के साथ हिट फिल्मों में अनारकली, ताजमहल और घूंघट फिल्में थीं। ‘घूंघट’ के लिए बीना राय को फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला।
#मधुबाला और #प्रेमनाथ पहली फिल्म बादल (1951) थी । शूटिंग के पहले दिन मधुबाला ने प्रेमनाथ के मेकअप रूम में प्रवेश किया और ही उन्हें लाल गुलाब प्रेमनाथ ने औरत (1953) के सेट पर बीना राय के साथ प्यार किया और उनसे शादी कर ली ।
के-आसिफ ने मुगल-ए-आज़म में अनारकली की भूमिका के नर्गिस का चयन किया पर नर्गिस ने इस फिल्म को छोड़ दिया था अब रोल मधुबाला को मिला । मधुबाला ने मुगल-ए-आज़म में अनारकली की भूमिका जान डाल दी थी। उसी समय फिल्मिस्तान ने अनारकली की घोषणा की बीना रॉय ने अनारकली की भूमिका निभाई थी। फिल्म 1953 में रिलीज हुई थी और बड़ी सफलता हासिल की थी। मुगल-ए-आज़म को 7 साल की देरी हुई थी।

मुगल-ए-आज़म 1960 में रिलीज़ हुई थी और उस दौर की बेहद कामयाब फिल्म थी। मधुबाला तो उस साल का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड उनको मिलेगा यह तय माना जा रहा था। पर अवॉर्ड मिला बीना राय को फिल्म घूंघट के लिए। यह हैरान करने वाला फैसला था फिल्मफेयर अवॉर्ड कमेटी की खूब आलोचना हुई थी।
उनकी एक अन्य ऐतिहासिक फिल्म ‘ताजमहल’ 1963 में रिलीज हुई थी। कभी लाखों फिल्मी दर्शक के दिल पर राज करने वाली हीरोइन बीना राय अंतिम समय में मुंबई के मालाबार हिल स्थित अनीता भवन में बेटे मोंटी के साथ रहती थीं। उनके बड़े बेटे प्रेम किशन और कैलाश नाथ हैं। प्रेम किशन फिल्म-सीरियल निर्माण से जुड़े हैं। प्रेम किशन की बेटी आकांक्षा भी कई फिल्में में काम कर चुकी हैं।

पहली ब्यूटी क्वीन थी   #नसीमबानो  चालीस के दशक की उर्दू -हिन्दी फिल्मों की प्रमुख अभिनेत्री थीं।  उनको  ब्यूटी क्वीन कहा...
04/07/2024

पहली ब्यूटी क्वीन थी
#नसीमबानो चालीस के दशक की उर्दू -हिन्दी फिल्मों की प्रमुख अभिनेत्री थीं। उनको ब्यूटी क्वीन कहा जाता था।
नसीम बानो का जन्म 4 जुलाई, 1916 को हुआ था। इनकी परवरिश शाही ढग से हुयी थी। वह स्कूल पढने के लिए पालकी से जाती थीं। नसीम बानो सुन्दरता की मिसाल थीं। उनकी सुंदरता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें किसी की नजर न लग जाए, इसलिये उन्हें पर्दे में रखा जाता था।
बेटी #सायराबानो का दौर शुरू हो जाने से उन्होंने खुद को हिन्दी सिनेमा की मुख्यधारा से अलग कर लिया और वे बेटी सायरा बानो के लिये ही ड्रेस डिजायन करती थीं। नसीम बानो जी का 18 जून 2002 को निधन हो गया था ।

 #गौहरजान
26/06/2024

#गौहरजान

गौहर जान का जन्‍म 26 जून 1873 में आजमगढ़ में हुआ था। उनके बचपन का नाम एंजेलिना येओवॉर्ड था। उनके पिता विलियम रॉबर्ट अमे....

 #नौशाद अली साहब का जन्म  गोइन रोड के पास  #हातालालखां में  25 दिसम्बर 1919 को हुआ था।  हाता लाल खां आज भी है। अल्लन साह...
05/05/2024

#नौशाद अली साहब का जन्म गोइन रोड के पास #हातालालखां में 25 दिसम्बर 1919 को हुआ था। हाता लाल खां आज भी है। अल्लन साहब एंड संस के नाम से दुकान नया गांव पश्चिम में आज भी है । अल्लन साहब के यहाँ बालक नौशाद अली ने पेटी (हार्मोनियम) बजाना सीखा था।
तब 'रॉयल टाकीज़ (मेहरा सिनेमा ) इंटरवेल के वक्त नौशाद अली यहाँ पेटी (हारमोनियम) बजाते थे। नौशाद अली 16 साल की उम्र में बम्बई चले गये थे ।
नौशाद अली साहब से जुड़ा 'रॉयल टाकीज़ ( #मेहरासिनेमा ) फेवीकोल से ज़्यादा गठज़ोड ने जमीं दोज़ कर दिया।
5 मई, 2006को नौशाद अली साहब ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। नौशाद अली साहब के नाम पर आबाई वतन #लखनऊ में कुछ भी नहीं है ।

 #नाज़ियाहसन
03/04/2024

#नाज़ियाहसन

आप जैसा कोई मेरी ज़िन्दगी में आये के जबरदस्त हिट बाद शायद नाज़िया का आत्म विश्वास बढ़ा। 1981 में भाई जोहेब के साथ

08/02/2024

James Michael Lyngdoh (08-02-1939 is an civil servant and was Chief Election Commissioner of India from June 14, 2001 to

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