प्रभु रत्नाकर योग आश्रम कुरूक्षेत्र

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प्रभु रत्नाकर योग आश्रम कुरूक्षेत्र jai valmeki jai prbhu ratnakar ji maharaj

प्रभु जी के मिशन पर मर मिटने वाला वीर कर्मयोगी प्रेम सिंह चण्डालिया भावाआधस का एक मजबूत स्तम्भ वे कौम के प्रति नेक इरादा...
13/08/2025

प्रभु जी के मिशन पर मर मिटने वाला वीर कर्मयोगी प्रेम सिंह चण्डालिया भावाआधस का एक मजबूत स्तम्भ वे कौम के प्रति नेक इरादा रखने वाला वीर आज हमारे बीच नहीं रहा ।

परमपिता परमात्मा वीर प्रेम सिंह चण्डालिया जी को अपने चरणों में स्थान दें व उनके परिवार के समस्त सदस्यों व मित्रों को सांत्वना भक्षें।
singh chandaliya
fans

07/07/2025

Big shout out to my newest top fans! Baldeep Machal

07/07/2025

"होनी अनहोनी"
"होनी और अनहोनी" ये दो शब्द ऐसे हैं । जो हमारे पूरे जीवन को उलझाए रखते हैं । "होनी" हमें कभी सुख कभी दुःख के जाल में फंसाकर रखती है और "अनहोनी" का भय हमें भयभीत करता रहता है । हम अज्ञानता के कारण इन दोनों शब्दों "होनी अनहोनी" में उलझकर अनमोल जीवन यूं ही गंवा देते हैं ।
"होनी अनहोनी" का गहराई से मंथन करें तो हर उल्झन का हल मिलता है । आत्म मंथन के बाद जो रास्ता मिलता है वो सतमार्ग है । सत्य तो ये है कि हमारा "होनी अनहोनी" से कोई लेना-देना नहीं । हमारा "होनी अनहोनी" में कोई हस्तक्षेप नहीं ।

"होनी" होकर रहती है । होनी को कोई रोक नहीं सकता । "होनी" को कोई टाल नहीं सकता । "अनहोनी" हुई ही नहीं तो चिंता व्यर्थ है । होगी या ना होगी, कोई प्रमाण नहीं है । केवल भ्रम के कारण भयभीत हैं । "होनी" को रोक नहीं सकते "अनहोनी" का केवल भ्रम है । जीव में इतना सामर्थ्य नहीं है कि " होनी अनहोनी" में कोई दख़ल अंदाजी कर सके ।

जब "होनी अनहोनी" में हम चाहकर भी हम कुछ नहीं कर सकते हैं तो व्यर्थ है इन दोनों शब्दों में उलझना । जो हमारे वस में ही नहीं है । जिसमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं है । ना हम उसमें दख़ल अंदाजी कर सकते हैं तो उस के भ्रमजाल में फंसना,उलझना व्यर्थ है ।

जय वाल्मीकि जी

19/05/2025

प्रांतीय संगठन बरेली यूपी
जिला अध्यक्ष महिला विंग
कुमारी तारा तमसा जी
D/o विरोत्तम प्रेमदास द्रविड़
बरेली यूपी

Santlakshayrishi Ji
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♈ भारत वर्ष में 24 अग्नि ( मई ) की महिमा ♈‌आदरणीय धर्म प्रेमियों 🙏जय वाल्मीकि 🙏कहते हैं जिस  में सच दया सहनशीलता ईमानदार...
19/05/2025

♈ भारत वर्ष में 24 अग्नि ( मई ) की महिमा ♈
‌आदरणीय धर्म प्रेमियों 🙏जय वाल्मीकि 🙏कहते हैं जिस में सच दया सहनशीलता ईमानदारी और पाखंडवाद के विरुद्ध शुद्ध विचार हो वास्तव में वह व्यक्ति ही पूजनीय और सत्कार के योग्य होते हैं ।
‌ऐसे ही सत्कार के योग्य हैं प्रथम आदि धर्म गुरु परम पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज ।
‌रत्नाकर भाव रत्नों का समुन्दर। जब जब समुन्दर की गहराई में डुबकी लगाई जाएगी तब तब कीमती रत्न हाथ लगते रहेंगे।
‌इस तरह सच की खोज में जैसे - जैसे व्यक्ति ज्ञान वान और विवेक शील बनता जाएंगा। सच्चाई , हकीकत के नजदीक होता जायेगा । प्रभु रत्नाकर जी महाराज का जीवन भी उस समुन्दर की तरह है जिनके बारे में जितना जानोगे कीमती रत्न हाथ लगते रहेंगे ।
‌ भारत वर्ष की धरती पर जब छूआ छात चरम सीमा पर थी आदि देश ( भारत ) में आदि वासियों को जब नेतिक शिक्षा के अधिकारों से वंचित कर उन पर जबरी " मनु स्मृति " द्वारा मानवीय अधिकारों से दूर कर वर्ण व्यवस्था अनुसार 5वें वर्ण यानी कि सबसे निचले स्तर पर मानकर समाजिक , आर्थिक , राजनीतिक स्तर पर मनोबल गिरा कर जीने को मजबूर किया । जब अछूतों को मंदिरों में प्रवेश तो दूर मंदिरों के नजदीक भी नहीं आने दिया जाता था ऐसे घोर अन्धकार में पूज्य प्रभु रत्नाकर जी महाराज द्वारा अछूतों को सम्मान से जीवन यापन करने के लिए प्रेरित कर सन् 1964 में निराला धर्म , आदि धर्म ( वाल्मीकि धर्म ) प्रदान किया । आपने आदि धर्म ( वाल्मीकि धर्म ) के उत्थान के लिए दिन न देखा रात न देखी । आपने जीवन में सभी सुख सुविधाएं को छोड़कर अपना सारा जीवन राष्ट्र को निस्वार्थ अर्पण कर दिया।
‌जब आपने धर्म हीन अछूत , शूद्र , जनता को धर्म प्रदान करने के लिए प्राचीन आदि धर्म ( वाल्मीकि धर्म ) में सबको संगठित करने के लिए 24 अग्नि ( मई ) 1964 को " वाल्मीकि धर्म समाज " की स्थापना पंजाब प्रदेश के प्रसिद्ध शहर लुधियाना में की , तब आप जी की आयु 20 वर्ष 1 मास 18 दिन के थे।
‌सदियों से ब्राह्मणों द्वारा भगवान वाल्मीकि जी ओर रक्ष संस्कृति के खिलाफ कुप्रचार करके अछूतों , शूद्रों को नीचा दिखाने का प्रयास जारी हैं । आर्य लोग सतयुग , त्रेता , द्वापर युग से आज तक असुर संस्कृति को छल - कपट करते हुए असुर संस्कृति को खत्म करने का प्रयास करते आ रहे हैं लेकिन आप ने दिव्य ज्ञान द्वारा मृत हूई सभ्यता को ज्ञान रूपी अमृत पिला कर सुरजीत किया। और प्रभु रत्नाकर जी महाराज द्वारा ----- अछूत , शूद्र , असुर , अनार्य , भील , द्राविड़ , दैत्य , दानव , चंडाल , निशाचर , राक्षस आदि नामों के शुद्ध अर्थ बताकर भारत वर्ष में ही नहीं विदेशों में भी घर घर सुप्रचार किया ।
आप द्वारा रचित अनमोल रचनाएं
पावन वाल्मीकि सार - शब्द
क़ौमी नमस्कार -- जय वाल्मीकि - हर हर वाल्मीकि
मूल मंत्र ---- " आदि वाल्मीकये नमो नम : "
देनिक नित्यनेम
12 मास की आदि वाणी
राम क्या है ? ?
पोल प्रकाश
पाणि ग्रहण विधि
symbol of God ( V ) पावन सत्य चिन्ह
आदि रचनाएं की और शिक्षा - दीक्षा देकर राष्ट्र निर्माण करने के लिए वाल्मीकिन समाज को प्रेरित किया ।
आओ सभी मिलकर प्रभु रत्नाकर जी महाराज द्वारा दी हुई महान देन के 62वे स्थापना दिवस के रूप में भावाआधस की और से डा. अम्बेडकर भवन जालंधर बाईपास चौंक 24 अग्नि अक्षय वार सुबह 10 : 34 सत्संग में पहुंच कर पुण्य के भागी बने । धन्यवाद
जय वाल्मीकि जय रत्नाकर
भारतीय वाल्मीकि आदि धर्म समाज ( रजि )
राक्षस दल
✍️ -------- रिंकू निशाचर फगवाड़ा पंजाब
fans

 #दलितमहापुरुषोंकेजन्मदिवस  #प्रभुरत्नाकरयोगआश्रमसिरसिलाकुरूक्षेत्र
02/04/2025

#दलितमहापुरुषोंकेजन्मदिवस
#प्रभुरत्नाकरयोगआश्रमसिरसिलाकुरूक्षेत्र

आप सभी आदि धर्म प्रेमी परिवार सहित सादर आमन्त्रित हैं गांव सिरसिला कुरूक्षेत्र हरियाणा में ♈💐♈
24/03/2025

आप सभी आदि धर्म प्रेमी परिवार सहित सादर आमन्त्रित हैं गांव सिरसिला कुरूक्षेत्र हरियाणा में ♈💐♈

💐🙏💛❤️💚🧡👏 भारतीय वाल्मीकि आदि धर्म समाज भावाआधस के मुख्य पदाधिकारी पहुंचे चंडीगढ़ कैबिनेट मंत्री कृष्ण  बेदी जी के नया स्...
23/03/2025

💐🙏💛❤️💚🧡👏 भारतीय वाल्मीकि आदि धर्म समाज भावाआधस के मुख्य पदाधिकारी पहुंचे चंडीगढ़ कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी जी के नया स्थान पर महायोग पर्व 6 अप्रैल के पोस्टर जारी किए गए मुख्य संचालक सुभाष भील राष्ट्रीय महामंत्री प्रेम सिंह चंडालिया जी राष्ट्रीय मुख्य मीडिया प्रभारी सोहनलाल कांगड़ा हरियाणा अध्यक्ष महिपाल भील पंजाब से मुख्य प्रचार मंत्री ईशम भील धारा टॉक जोधाराम जख्मी सोनू कांग बाबूराम कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी जी के हाथों से पोस्ट किया किए गए जारी 💐💐💐🙏
Krishan Bedi

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