Radha soami ji

Radha soami ji satguru

01/08/2025
01/08/2025

बाबाजी, आज आपका जन्मदिन है... मैं जानता हूँ कि आपके लिए उत्सवों या रीति-रिवाजों का कोई महत्व नहीं है—क्योंकि आप इन सबसे परे हैं, इस दुनिया के शोर से अछूते हैं... लेकिन हमारे लिए, बाबाजी... आप ही सब कुछ हैं। हमारा जीवन आपके नाम, आपके प्रेम से शुरू होता है। आप जानते ही हैं, बाबाजी... आपके अलावा हमारा कोई नहीं है। हम आपसे प्रेम करते हैं—गहराई से, अंतहीन, बेहिसाब। और फिर भी, हम जानते हैं... हमारे पिता, आप हमसे हज़ार गुना ज़्यादा प्रेम करते हैं जितना हम आपसे कभी नहीं कर सकते। मैं आज कुछ नहीं माँगूँगा। बस इतना माँगता हूँ—कृपया—मुझे आपसे पूरी तरह प्रेम करने दो... भले ही एकतरफ़ा ही क्यों न हो। मुझे आपके प्रेम में खो जाने दो, आपकी उपस्थिति में डूब जाने दो... हर साँस, हर आँसू, हर पल हमारा हाथ थामे रहो। आपके बिना, बाबाजी... कोई अर्थ नहीं, कोई अस्तित्व नहीं। हमारे साथ रहो—हमेशा।

30/07/2025

राधा स्वामी जी
Fake Message viral 👇❌

संगत से अनुरोध है कि बाबा जी का गद्दी पर बैठने का समय प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और फिर दोपहर 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक है। इसके बाद बाबा जी गद्दी पर नही बैठेंगे ... संगत केवल माथा टेक सकती है। जब डेरा ब्यास सत्संग होता है, तो बाबा जी शुक्रवार, शनिवार या रविवार को गद्दी पर नहीं बैठेंगे। संगत केवल माथा टेक सकती है। जब ब्यास सत्संग नहीं होता, तो बाबा जी उन दिनों प्रतिदिन गद्दी पर बैठेंगे...
Fake Message 👆Bhut viral ho rha hai...❌❌❌
Sangat ye message jyada se jyada baki sangat k sath share kre jo ki baki sangat bhi aware rhe 🙏


Radha soami ji this scam was occurring nearby jalalabad ferozpur cities on the name of Radha soami.. kindly spread it more and be alert from these type of fraud peoples

12/07/2025

# # 🌸 **मोहाली सेंटर की लीला — एक ऐसा चमत्कार जिसके बाद बाबा जी ने खुद वहां सत्संग बंद कर दिए** 🌸

**राधा स्वामी जी, प्यारी साध संगत जी 🙏**

आज जो कथा आप पढ़ने जा रहे हैं, वो सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक ऐसा जीवंत अनुभव है जिसे लाखों लोगों ने अपनी आंखों से देखा, अपने मन से महसूस किया और जिसने गुरु की कृपा को साक्षात प्रत्यक्ष रूप में देखा।

यह कहानी है **मोहाली सत्संग केंद्र** की — उस ऐतिहासिक जगह की जहाँ एक समय पर बाबा जी के सत्संग होते थे और लाखों संगत एकत्र होती थी।

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# # 🏡 **पहले कहां होते थे सत्संग?**

सन 2000 के आसपास की बात है। बाबा जी की कृपा से पूरे पंजाब, हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों में साध संगत का विशाल विस्तार हो रहा था। मोहाली, चंडीगढ़ के नजदीक एक शांत इलाका था, और वहां एक सुंदर, खुला सत्संग स्थल बनाया गया था।

हर रविवार और विशेष पर्वों पर वहां **3 से 4 लाख तक की संगत** एकत्र होती थी।

संगत ट्रैक्टर, बसों, स्कूटरों और पैदल दूर-दूर से आती थी। इतना विशाल समागम होता था कि लोकल प्रशासन तक को यातायात व्यवस्था में मदद करनी पड़ती थी।

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# # 🌅 **सत्संग की महिमा और संगत का प्रेम**

मोहाली सत्संग केंद्र पर संगत इतनी प्रेम से आती थी कि सुबह 3 बजे से ही लोग लाइनों में लग जाते थे। सेवादार भाई-बहन सेवा में डटे रहते, भोजन शालाओं में लंगर चलता, और पूरा वातावरण "राधा स्वामी" की गूंज से भर जाता।

लेकिन इसी प्रेम, इसी श्रद्धा के बीच एक दिन ऐसी लीला घटी जिसने सबको भीतर तक झकझोर दिया।

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# # 🕯 **13 अप्रैल का वो ऐतिहासिक दिन – जब मालिक ने अपनी रहमत दिखाई**

यह बात है **13 अप्रैल** की, जब वैशाखी के अवसर पर विशेष सत्संग हुआ करता था। संगतों की भीड़ उमड़ी हुई थी। हजारों गाड़ियां, लाखों लोग — और वातावरण एकदम आध्यात्मिक।

इसी भीड़ में एक साध संगत परिवार अपने **डेढ़ साल के मासूम बच्चे** को लेकर पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचा था। बच्चा कुछ दिनों से बीमार था और अब हालात गंभीर थे।

डॉक्टरों ने जाँच के बाद दुखद बात कह दी —
**"बच्चा अब इस संसार में नहीं रहा।"**

माँ-बाप के लिए तो जैसे दुनिया रुक गई थी। लेकिन उन्होंने क्रोध या ग़म में बहने की बजाय **श्रद्धा से सिर झुका दिया** —

> “मालिक, जैसा तूने चाहा, वैसे ही स्वीकार है।”

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# # 🙏 **शव को लेकर सत्संग में पहुँचना — सबसे गहन श्रद्धा का प्रतीक**

अब इस परिवार ने सोचा —
“जब मालिक ने हमें बुलाया है, और हम मोहाली के इतने पास हैं, तो क्यों न आज के दिन उसकी कृपा में जाकर सत्संग सुनें। अंतिम दर्शन तो मालिक के ही होने चाहिए।”

उन्होंने अपने मृत बच्चे को सफेद कपड़े में लपेटकर कार की पिछली सीट पर रखा, और खुद सत्संग घर की ओर चल दिए।

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# # 🔔 **और फिर हुआ चमत्कार!**

जैसे ही सत्संग शुरू हुआ, लगभग 30 मिनट बाद **सेवादारों की ओर से अनाउंसमेंट** होती है —

> “कार नंबर \[XYZ] में एक बच्चा अकेला है, जो जोर-जोर से रो रहा है। कृपया माता-पिता तुरन्त पहुंचे।”

लोग चौंक गए।
"अगर बच्चा कार में रो रहा है तो फिर क्या वह जीवित है?"

दूसरी बार फिर घोषणा हुई।

अब माता-पिता भागते हुए कार की ओर पहुंचे। संगत का समुद्र था, रास्ता मुश्किल से बन रहा था। जैसे-तैसे पहुंचे — देखा तो **बच्चा सच में रो रहा था, सांसें चल रही थीं, शरीर गर्म था।**

❗ **जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था — वह बच्चा जीवित था!**

यह कोई सपना नहीं था।
यह कोई कल्पना नहीं थी।
यह स्वयं **गुरु की लीला थी**।

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# # 💧 **पूरा सत्संग पंडाल रो उठा**

लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे।
हर कोई मालिक की दया देख रहा था।
कई लोगों ने हाथ जोड़कर कहा —

> "आज हमने भगवान को अपनी आंखों से देखा।"

बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जांच में पाया गया — **सब कुछ सामान्य था।**

उस दिन सत्संग के बाद बाबा जी ने बहुत गहरी बात कही:

> **“जब तुम पूरी श्रद्धा से मेरे हवाले करते हो, तो मैं कभी तुम्हें खाली हाथ नहीं लौटाता।”**

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# # ⚠️ **और फिर बाबा जी ने निर्णय लिया — मोहाली में अब कभी सत्संग नहीं होगा**

इतने बड़े चमत्कार के बाद, यह सभी सोच रहे थे कि अब मोहाली सत्संग केंद्र को और बड़ा बनाया जाएगा। लेकिन बाबा जी ने अगली बात में कहा —

> “अब इस जगह पर सत्संग नहीं होगा। यह अंतिम सत्संग है।”

संगत हैरान रह गई।

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# # 💭 **क्यों बंद कर दिए गए मोहाली के सत्संग?**

# # # कारण 1:

लोकल प्रशासन को हर बार ट्रैफिक, सिक्योरिटी और लॉजिस्टिक की समस्याएं होती थीं। पूरा मोहाली शहर जाम हो जाता था।

# # # कारण 2:

स्थानीय लोगों को परेशानी होती थी — शोर, ट्रैफिक, साफ-सफाई की दिक्कतें।

# # # कारण 3:

बाबा जी ने एक बार कहा था —

> "जहां सेवा, प्रेम और विनम्रता खत्म होने लगे, वहां संगत को हटाना ही बेहतर है।"

# # # कारण 4:

**वह चमत्कार इतना विशाल और अतिंद्रिय था** कि शायद मालिक ने स्वयं उस भूमि को अब विश्राम देना उचित समझा।

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# # 🌻 **अब क्या हुआ?**

उसके बाद चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना और सिरसा आदि स्थानों में नए केंद्रों का विकास हुआ। संगतें नियंत्रित ढंग से बांटी गईं, ताकि सभी जगह सेवा सुचारु रूप से चलती रहे।

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# # ✨ **संदेश — चमत्कार नहीं, श्रद्धा देखता है मालिक**

इस पूरी घटना से एक बात स्पष्ट है —
**गुरु हमें हर पल देख रहे हैं।**
जब हम श्रद्धा से समर्पण करते हैं, तो कुछ खोता नहीं — वो तो और बढ़कर मिलता है।

🕊 **जो मर चुका था, वो जी उठा — सिर्फ एक बात पर — श्रद्धा और समर्पण।**

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# # 📜 **अंत में एक पंक्ति जो हर मन को छू जाए:**

> "मालिक कभी चमत्कार करके नहीं दिखाता, वो तो बस देखता है — क्या तूने खुद को सच में उसके हवाले किया है?"

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# # # 📩 अगर यह सच्ची सत्संग कथा आपके मन को छू गई हो, तो कृपया "राधा स्वामी" लिखकर अपने प्रेम को साझा करें, और इस पोस्ट को अपने मित्रों और परिवार संगतों तक पहुँचाएं।

**क्योंकि शायद उनकी जिंदगी में भी एक ऐसे चमत्कार की राह अभी भी बाकी हो।**

**राधा स्वामी जी**🙏🙏

11/07/2025

Celebrating my 2nd year on Facebook. Thank you for your continuing support. I could never have made it without you. 🙏🤗🎉

06/07/2025

*Kal Saturday Haynes Park Baba ji prayer hall vich 04:20 te aaye nd 06:45 tak rahe. Shabad shuru hue aur Babaji har ek ko Shabad ke baad smile dete. Bahut khush they. Fir thori der ke Baad Kesar bhaji ne filmy song Gaya fır uske Baad kuch filmy kuch punjabi kuch khud banaye hue jisme bahut hansi hoti hai kyon ki usme sab Baba ji ki security ke sewadars hote hai aur fır Babaji be unko aur hasate hai jaise jaise unka naam aata. Fir akhir main Babaji ne Quwali walo ko bulaya unhoe koi koi 20 minutes lagaye aur Baba ji unke sath gun ganate rahe. Mahaul bahut khub surat tha*

*Kal shaam khushnuma mahol da shabad session hoyaa Baba g bhut khus c Black cap white shirt and sweater. Moge da jatt Boli te Boli pa reha c, Baba ji bhut sohne shoulder hila rahe c*

06/07/2025

कल बहुत दिनों बाद संगत को देखकर बाबाजी बहुत खुश हुए

कल बाबाजी ने संगत के साथ गाने गाये और कव्वालीयाँ भी गाई

आखिरी कव्वाली बहुत बढ़िया थी
*मैं निवा मेरा मुर्शिद ऊंचा*
बाबाजी ने ख़ुद यह कव्वाली गाई

और आखिरी में बाबाजी ने एक लड़के पर शायरी बोली

Yesterday Babaji was very happy to see the sangat after a long time

Yesterday Babaji sang songs and Qawwalis with the sangat

The last Qawwali was very good

*Main Niva Mera Murshid Uncha*
Babaji himself sang this Qawwali

And in the end Babaji recited a Shayari on a boy

06/07/2025

*Evening Saturday hayesn park Programme was Very Wonderful*...🥹💐😍🌹
Paidal Darshan & Questions Answers program of 2:30hr..❣️💯🙏🏻
Baba ji looking very smart nd dashing and in very happy mood..😇😊🤣
He also Crack some jokes during program and overall session was very Good...✨💐🌹💫❣️💯
*Baba ji also gave paidal darshan in Pandal* ✔️ 🙏🏻🙇‍♂️

Baba ji also saying one (sehr)..💫🤣🙇‍♂️🥹🙏🏻

Door se dekhi itni sundrr julfee...😇
Door se dekhi itni sundr julfe...😇
Pass akar dekha to sardar ji nha rha the 😂😅🤣🙏🏻💯❣️

04/07/2025

*Good News for Haynes Park (UK) Sangat🙏🏻❤️*

*Tomorrow Baba Ji will give darshan to the Sangat at Haynes Park (UK) and will also Question & Answer Programme😇🌸*

03/07/2025

* *Master’s Next Satsang Programmes at South America Countries*

*Colombia*

*Medellin:- 12th & 13th July 2025*

*Chile*

*Santiago:- 16th & 17th July 2025*

*Ecuador*

*19th & 20th July 2025*

* *Master’s Next Satsang Programmes at North America Countries*

*America*

*Petaluma:- 21st & 22 July 2025*
*Goshen:- 24th & 25th July 2025*

*Canada*

*Toronto:- 26th & 27th July 2025*

02/07/2025

29 जून "जब व्यास में बिखरी कृपा की वर्षा" 🌸

**परम श्रद्धेय सतगुरु प्यारी साध संगत जी, राधा स्वामी जी।**

आज हम एक ऐसे दिन की चर्चा करेंगे जिसे हजारों नहीं, लाखों दिलों ने महसूस किया — एक ऐसा दिन जो व्यास के इतिहास में ‘कृपा की बौछार’ बनकर दर्ज हो गया।

कल व्यास में कुछ ऐसा घटा जो शब्दों में समाना कठिन है। आँखें नम हुईं, चेहरे खिले, दिल भीगे और जुबां खामोश हो गई... क्योंकि जो अनुभव हुआ वो सिर्फ देखा या सुना नहीं गया, **महसूस** किया गया।

सुबह-सुबह बाबा जी दिल्ली से रवाना हुए और दुबई के लिए प्रस्थान किया — यह दृश्य एयरपोर्ट से आई एक छोटी-सी झलक मात्र था, पर व्यास में... व्यास में तो मानो कोई दैवी आयोजन घटित हुआ।

**बाबा जी ने शनिवार को ही कह दिया था —**

> "सेवादार भाइयों, तैयार रहना।"

अब कोई पूछे — मालिक को कैसे पता चलता है?
उत्तर एक ही है —
**“जिसने रचाया है सब, उसको सब ज्ञात है।”**

और सच में, रविवार को व्यास में जो उमड़ा, वो एक सैलाब था — प्यार का, श्रद्धा का, समर्पण का।

👉 संगत इतनी अधिक थी कि पंडाल के **सभी 10 द्वार बंद करने पड़े**।
👉 अंदर बैठने की जगह न बची, तो **824वें पिलर के पीछे वाली सड़क** तक संगत बिठाई गई।
👉 और उस सड़क के उस पार भी — जहां पहले कभी कोई संगत न बैठी थी।

35 वर्षों से लगातार सेवा कर रहे एक सेवादार ने कहा:

> “ऐसी भीड़, ऐसी मौज मैंने अपने जीवन में पहली बार देखी।”

इतनी भीड़... कि ब्यास से ढिलवांग और बटाला रोड तक **20 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम** लग गया।
इतनी भीड़... कि **हजारों लोग सिर्फ दीवारों पर चढ़कर बाबा जी की झलक** पाने की कोशिश कर रहे थे।

पर क्या हर किसी को दर्शन हुए?

नहीं।
**यहां बाबा जी के वचन पूर्ण हो गए:**

> "जिसे दर्शन नहीं देने, उसे यहां बुलाकर भी नहीं देने... और जिसे देने हैं, उसे सात समंदर पार से भी दे देने हैं।"

संगत रो रही थी।
कुछ बहनें तो फूट-फूट कर इसीलिए रो पड़ीं कि उन्हें यकीन हो चला था कि आज बाबा जी खुद सत्संग नहीं करेंगे।

पर तभी —
जब मंच पर माइक को बाबा जी की ओर मोड़ा गया...
और संगत ने बाबा जी को मंच पर आते देखा...
तो वह रोती हुई आंखें मुस्कुराने लगीं।
जैसे कोई रूठा बच्चा अचानक माँ को सामने देखकर हँस पड़े।
**यह कोई साधारण दृश्य नहीं था — यह सद्गुरु का चमत्कार था।**

🌿 और बाबा जी ने सत्संग में जो कहा, वो आत्मा को झिंझोड़ने वाला था:

> “हम सोचते हैं हम सेवा कर रहे हैं...
> लेकिन सेवा हमें कर रही है।”

> “हम सोचते हैं हम मालिक को पा लेंगे,
> लेकिन मालिक तभी मिलता है, जब हम खुद को खो बैठते हैं।”

बाबा जी ने **55 मिनट का सत्संग** फरमाया।
हर शब्द में अपनापन था, चेतावनी थी, प्रेम था और **जीवन की दिशा बदल देने वाली रोशनी** थी।

**इतनी बड़ी भीड़... और फिर भी ना खाने की कमी, ना पानी की कमी, ना व्यवस्था में कोई झोल...**
सोचिए — क्या यह किसी मनुष्य का काम हो सकता है?

👉 अपने घर में 10 मेहमान आ जाएं तो हम घबरा जाते हैं...
पर व्यास में **5 लाख से भी अधिक संगत** आई — और सब कुछ सुचारू रूप से चला।

यह किसकी रहमत थी?

**मालिक की।**
**बाबा जी की।**

और हाँ — वो सेवादार जो हर जगह डटे रहे,
भीड़ में, धूप में, थकावट में...
उनकी मुस्कान में मालिक की शक्ति दिख रही थी।

🌼 बाबा जी ने कहा भी है:

> “मेरे सेवादारों की वजह से ही सब कुछ चल रहा है।”

लेकिन सच्चाई यह है कि सेवादारों को जो ताकत मिलती है,
वो बाबा जी की मौज और कृपा से ही मिलती है।

संगत जी, कल एक और भावुक पल आया —
जब हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बाबा जी से मिले।
उन्होंने दरबार साहिब से लाकर एक विशेष भेंट बाबा जी को दी।
**बाबा जी ने पूरे आदर से दरबार साहिब को नमन किया** और वह भेंट स्वीकार की।

फिर, जैसे ही दोपहर हुई —
**हजूर महाराज जी चुपचाप दिल्ली के लिए रवाना हो गए।**
डेरा परिसर में किसी को भनक तक नहीं लगी।

फिर शाम को, हजूर जी दिल्ली के पूसा रोड सेंटर पहुंचे —
वही स्थान जिसे बड़े महाराज जी के समय सेवा के लिए लिया गया था।

और संगत जी —
अब बाबा जी **दो महीने के विदेश प्रवास** पर हैं।

उनके दर्शन अब दो महीने बाद ही होंगे...
पर जो कल मिला, जो कल महसूस किया गया —
**वो आने वाले वर्षों तक आत्मा में गूंजता रहेगा।**

---

# # # 🌷 समापन

तो संगत जी,
जब कभी आपकी आंखों में आसूं हों,
और दिल में खालीपन हो...
तो याद कीजिए कल का वो दृश्य,
जब भीड़ में एक झलक पाने को लाखों दिल तरसे,
और फिर जिनके नसीब में था — उन्हें वही झलक मिल भी गई।

**कृपा मिलती है...
कभी भी, कहीं भी...
पर हमेशा मालिक की मर्जी से।**

**राधा स्वामी जी।**

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