
09/10/2025
*शेखावाटी अंचल में बांसुरी व भजनों में बड़ी शौहरत हासिल कर रहे लक्षमनगढ के घनश्याम इंदौरिया*
*वीणा कंपनी के साथ स्टेज शो व मुख्यमंत्री कार्यालय में भी दिखा चुके हैं अपनी कला का जौहर*
*पत्रकार बाबूलाल सैनी*
लक्ष्मणगढ़ 09 अक्टूबर। अदम्य साहस, वीरता, खेल,कला, उधोग व व्यापार के क्षेत्र में शेखावाटी अंचल के वाशिंदों की देश विदेश में प्रमुखता रही है। ऐसी ही एक नामचीन शख्सीयत लोक कलाकार घनश्याम इंदौरिया है ।जिन्होंने बांसुरी व भजन गायन के क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट पहचान कायम कर शौहरत हासिल कर रहे हैं।
मात्र सात वर्ष की आयु में कला के क्षेत्र में कदम रखने वाले इंदौरिया लक्षमनगढ के तोदी कुई इलाके के रहने वाले हैं तथा अपने दादा महावीर प्रसाद इंदौरिया की अंगुली पकड़कर भजनों का अमृतपान करने साथ जाना शुरू किया था तथा उन्हीं से भजनों के शुरूआती गुर सिखने के बाद अपने पिता संतोष कुमार इंदौरिया की संगत से पारंगत होते गए तथा अपने मामा फतेहपुर निवासी पंडित राजकुमार शर्मा से बांसुरी के सुर सिखने में कामयाब हुए। पंडित राजकुमार शर्मा बुद्धगिरी मंडी के पुजारी है। इंदौरिया ने सेठ कालूराम जाजोदिया राजकीय संस्कृत विद्यालय व आदर्श विद्या मंदिर से प्रारम्भिक शिक्षा हासिल कर श्री रघुनाथ उच्च माध्यमिक विद्यालय से सीनियर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद श्री भगवान दास तोदी महाविद्यालय दाखिला लेकर स्नातक की डिग्री हासिल की । 28 मार्च 1990 को जन्मे घनश्याम इंदौरिया के दादाजी भजनों के उच्च कोटि के कलाकार अपने जमाने के रहें हैं तथा इनके पिताश्री भी भजनों व फाल्गुन के बड़े कलाकार माने जाते है । विरासत में मिली कला को आगे बढ़ा रहे घनश्याम इंदौरिया ने बुद्धगिरी मंडी के महंत दिनेश गिरी महाराज के सानिध्य में मुख्यमंत्री कार्यालय में तीन बार प्रस्तुति दे चुके हैं। जबकि राजस्थानी सुर संगीत में बड़ी अहमियत रखने वाली वीणा कंपनी के साथ भी इंदौरिया ने काफी कार्यक्रमों में अपनी कला का शानदार प्रदर्शन कर शौहरत हासिल की है । युवा लोक कलाकार घनश्याम इंदौरिया ने तोदी कुई दुर्गा पूजा स्थल से अपनी शुरुआत की जो आज शेखावाटी ही नहीं देश प्रदेश के अनेको जगहों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। मजेदार बात यह भी है कि इतने बड़े कलाकार होते हुए भी बिना किसी अभिमान के छोटे से आग्रह पर पहुंचाना व सार्वजनिक कार्यक्रमों में स्वप्रेरणा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले घनश्याम इंदौरिया को अपनी कला पर जरा भी अभिमान नहीं है तथा लगातार अकेले तीन घंटे तक भजन गाने की बड़ी महारत हासिल है। अपना स्वयं का पूजन सामग्री का व्यवसाय करने वाले घनश्याम इंदौरिया शेखावाटी अंचल के सिद्धहस्त कलाकारों में शुमार है।