आवाज़ लखनपुर - Awaaz Lakhanpur

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नाली निर्माण नहीं होने से एनएच पर भर रहा पानी 💯तालाब बन रहा मुख्य मार्ग लखनपुर इस बारे में क्या कहना चाहते हैं आप अपनी र...
22/05/2025

नाली निर्माण नहीं होने से एनएच पर भर रहा पानी 💯
तालाब बन रहा मुख्य मार्ग लखनपुर

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टीम आवाज लखनपुर

साभार :- हरिभूमि दैनिक समाचार पत्र

जल संरक्षण की दिशा में विधायक अंबिकापुर का सराहनीय प्रयास,छेत्र को 16 लाख रुपयों के विकास कार्यों की दी सौगात उदयपुर  :-...
22/05/2025

जल संरक्षण की दिशा में विधायक अंबिकापुर का सराहनीय प्रयास,छेत्र को 16 लाख रुपयों के विकास कार्यों की दी सौगात
उदयपुर :- उदयपुर छेत्रांतर्गत जल संरक्षण की दिशा में अब विधायक अंबिकापुर राजेश अग्रवाल का सराहनीय प्रयास सामने आया है जहाँ छेत्र में विधायक द्वारा करीब 16.50 लाख रुपयों के विकास कार्यों की सौगात दी है । गर्मी के मौसम में छेत्र के गहराते जल संकट के मद्देनजर विधायक द्वारा अलग अलग पंचायतों में तालाबो के गहरीकरण के लिए विधायक निधि से राशि जारी करवाई है । उदयपुर छेत्र में सतीतलाब गहरीकरण सरगंवा,रमन तालाब का गहरीकरण कार्य कुमडेवा,अमेरा पारा तालाब गहरीकरण फूलचूही ,बटवारी तालाब गहरीकरण कलचा,महुआ देव तालाब का गहरीकरण खरसुरा ,कांवडिया तालाब का गहरीकरण मोहनपुर ,झूरही तालाब का गहरीकरण कार्य सनीबर्रा ,कदम तालाब का गहरीकरण रिखी,मुड़ा तालाब का गहरीकरण देवटिकरा ,डूमरडीह नान मुड़ा तालाब गहरीकरण कार्य सोनतराई ,डूमरडीह झुरही तालाब का गहरीकरण कार्य सोनतराई जैसे विकास कार्यों की स्वीकृति विधायक मद से दी गई है जिसके बाद अब आगे सभी तालाबो से संबंधित कार्य कराए जाएँगे। ज्ञात हो कि जल संरक्षण की दिशा में विधायक अंबिकापुर द्वारा पूर्व में भी कई प्रयास किए जाते रहे हैं जिसके बाद विधायक के इस प्रयास की छेत्र के काफ़ी सराहना की जा रही है ।

टीम आवाज लखनपुर

Proud moment of LAKHANPUR💕Team AAWAJ LAKHANPUR
21/05/2025

Proud moment of LAKHANPUR💕
Team AAWAJ LAKHANPUR

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ग्राम पंचायत केवरा में संचालित राशन दुकान से चावल चना चोरी होने का मामला सामने आया है।पुल...
21/05/2025

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ग्राम पंचायत केवरा में संचालित राशन दुकान से चावल चना चोरी होने का मामला सामने आया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दूकान संचालक इस्तेयाक अली वल्द स्व0 मुबारक अली उम्र 42 साल निवासी लखनपुर वार्ड क्रमांक 05 ने थाना उपस्थित आकर प्राथमिकी दर्ज कराया कि घटना तारीख 30 अप्रेल से लेकर 15 मई 2025 के दरमियान शासकीय उचित मूल्य दुकान से 10.74 किविन्टल चना (21 बोरी) तथा चावल 5 किविन्टल (10 बोरी) चावल किमती 10220/रूपये अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर ले जाया गया।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राशन दूकान में माह अप्रैल का चावल शक्कर नमक माह मार्च राशन दुकान में आया था। बाद में माह अप्रैल का चना 10.74 किविन्टल 21 बोरी तारीख 21 अप्रैल 2025 को आया। माह अप्रैल के चावल शक्कर को नमक को 15 अप्रैल से 30 अप्रेल 2025 तक वितरण किया गया। बाद में आने कारण चना का वितरण नहीं किया गया था। 10.74 किविटल (21बोरी) चना तथा बचत चावल 128. 94 किविन्टल राशन दुकान में ही था।

दुकान संचालक जब तारीख 15 मई 2025 को जून माह का चावल चना शक्कर नमक आया था जिसे गिराने के लिए उचित मूल्य दुकान केवरा गया। और दुकान को खोला तो देखा शटर का ताला नहीं था। अंदर गोदाम के दरवाजे का गुलाबा टुटा हुआ था । चावल चना शक्कर नमक का मिलान किया तो दुकान में रखी चना और चावल गायब थे।कोई अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर ले जाया गया था। दुकान संचालक के रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 303(2) बीएनएस क़ायम कर विवेचना कार्यवाही में लिया है।

साभार:- संवाददाता अमनपथ लखनपुर

टीम आवाज लखनपुर

BIG BREAKING LAKHANPUR TEAM AAWAJ LAKHANPUR*गणेशपुर निवासी राजकुमार राजवाड़े जी* के साथ हुए दर्दनाक हादसे की जानकारी मिल...
21/05/2025

BIG BREAKING LAKHANPUR
TEAM AAWAJ LAKHANPUR

*गणेशपुर निवासी राजकुमार राजवाड़े जी* के साथ हुए दर्दनाक हादसे की जानकारी मिली। नागपुर (चिरमिरी) के पास ट्रेन में चढ़ते वक्त हुए इस दुर्घटना में उनके दोनों पैर और एक हाथ गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे और स्थिति बेहद नाज़ुक थी।

समय रहते *चिरमिरी से बैकुंठपुर* और *बैकुंठपुर से अंबिकापुर* रेफर किया गया।

*माननीय विधायक श्री राजेश अग्रवाल जी* के प्रयासों से राजकुमार को समय से अस्पताल पहुचाया गया साथ ही परिजनों को जानकारी दी और डॉक्टरों से उपचार को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। विधायक जी द्वारा परिजनों से बात कर हर मुमकिन सहयोग का आश्वासन के साथ सहयोग किया गया।

*विधायक प्रतिनिधि बल्लू शर्मा, सौरभ अग्रवाल, अभय वर्मा* भी अस्पताल पहुँचकर परिजनों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। *सुरेन्द्र साहू, सौरभ अग्रवाल और जनपद उपाध्यक्ष कामेश्वर राजवाड़े जी* ने इस संकट की घड़ी में महत्वपूर्ण सहयोग दिया।

राजकुमार जी अब खतरे से बाहर हैं यह सबसे बड़ी राहत है। हम सभी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं और हमेशा साथ खड़े हैं।

हमारे लखनपुर से क़रीब 20 km दूर और अंबिकापुर से करीब 18 किमी दूर एक जगह है जो आजकल काफ़ी प्रचलित है जिसकी ख्याति अब आस प...
21/05/2025

हमारे लखनपुर से क़रीब 20 km दूर और अंबिकापुर से करीब 18 किमी दूर एक जगह है जो आजकल काफ़ी प्रचलित है जिसकी ख्याति अब आस पास के ग्रामो से निकलकर अन्य जिलों तक पहुँच चुकी है ऐसे में अब आसपास के कई विकासखंडों से इस जगह पर समय बिताने तथा यहाँ बह रहे पानी में नहाने की चाह रखने वाले लोग यहाँ पहुचने लगे हैं ।
“आवाज लखनपुर की टीम इस पेज के माध्यम से आप सभी को बताएगी कि ये जगह कौन सी है हालांकि हमे मिले चित्रों से आप समझ ही गए होंगे की हम बात कर रहे ग्राम दरिमा पास मौजूद एक नहर से निकलने वाले एक पानी के स्रोत की जिसे नाम दिया गया है लिब्रा जलप्रपात। यह दूर से देखने पर आपको जलप्रपात की तरह ही दिखाई देगा।
परंतु लोगो का चहेते बन चुके इस स्थान की सच्चाई आज हम आप सभी को बतायेंगे तो बने रहिए इस पोस्ट पे ,

इस जगह की शुरुआत होती ही दरीमा में बने अम्बिकापुर की जीवनदायिनी बाँध माने जाने वाले घुनघुट्टा बांध से जिसे स्थानीय भाषा में लोग खर्रा बांध के नाम से भी जानते हैं। इस बांध से लगभग १०० एकड़ की भूमि सिंचित की जाती है जिसके बाद इससे निकालने वाला नहर काफ़ी लंबा सफ़र तय करते हुए आसपास के काफ़ी बड़े भू भाग को सिंचित करता है। किसानो के लिए वरदान इस बाँध का पानी पीने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है साथ ही यहाँ महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से वोटिंग तथा मछली पालन कर आत्मनिर्भर बनने की कोशिश बदस्तूर लम्बे समय से जारी है। यहाँ से माइनिंग के माध्यम से जल संसाधन द्वारा सिंचाई के लिए नहरों का निर्मान किया गया है तथा समय समय पर इसकी मरम्मत भी की जाती है ।
इसी बांध से निकलने वाली एक नहर जो आसपास के सिंचाई का माध्यम है बरसात के मौसम में काफ़ी पानी भर जाने के कारण एक समय फूट पड़ा जिसके बाद नहर का पानी रास्ता बनाते हुए पास में ही बहने वाले घुनघुट्टा नदी में जाकर मिलने लगा जिसके बाद नहर ऊँचाई पर होने के कारण यह जगह आज झरने के रूप में परिलक्षित होता है। चूँकि अभी गर्मी का मौसम है तो यहाँ स्थानीय लोगो की भीड़ जमा होती हैं । गर्मी में यह जहाँ एक पर्यटन स्थल के रूप में देखा जाने लगा है जहाँ दूर दूर से लोग यहाँ स्नान करने तथा अपने परिवारजनों,मित्रों के साथ समय बिताने आते हैं ।
सुरक्षा के मद्देनजर इस जगह को देखा जाए तो सुरक्षा पूर्णतः शून्य दिखायी देती है पूर्व के कुछ कम उम्र के बच्चों की मौत का साक्षी भी यह जलप्रपात रहा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ामात नही होने से यह स्थान कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है । बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग यहाँ नहाने आते हैं । पिछले कुछ समय में हुई मौतों के बाद भी यहाँ नहाने वाले लोगो की संख्या में कमी नही आयी है और ये आंकड़ा रविवार के दिन काफ़ी ज़्यादा होता है।
साफ़ सफ़ाई की बात की जाए तो इस स्थान पर शराब की बोतलों के टूटे हुए काँच, शराब का सेवन कर नहाते हुए लोग आपको जरूर ही दिखाई दे जाएँगे। गंदगी से परिपूर्ण ये जगह फिर भी लोगो की पसंदीदा जगहों में से एक है। आसपास कचरो की अधिकता साफ़ साफ़ आपको दिखाई दे जाएगी ।गर्मी के इस मौसम में लोग पानी के विभिन्न स्रोतों के आसपास काफ़ी मात्रा में दिखायी देते हैं ऐसे में ये जगह भी इस मामले में अछूता नही है ।

ऐसे में इस जगह पर नहाने जाना कितना हितकारी है ये आप इस
पोस्ट को पढ़ने के बाद स्वतः ही समझ जाएँगे । हमारी टीम ने भी इस जगह की सच्चाई जानने इस जगह का रुख़ किया जिसके बाद इस जगह के बारे में कई सारी बातें हमे पता चली जिसे पोस्ट के माध्यम से आप सभी के सामने रख रहे हैं।

बिल्कुल ग्राम लिब्रा में मौजूद ये जगह पर्यटन की दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण हो सकता है परंतु सुरक्षा की दृष्टि से नहीं अभी भी इस जगह को सहेजने और संवारने की आवश्यकता है ताकि आने वाले दिनों में यहाँ आने वाले लोगों के लिए इस जगह को और बेहतर बनाया जा सके ।

चित्र:- साभार टीम आवाज़ लखनपुर

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प्रियांशी,यशप्रीत व प्रभाकर का नवोदय में हुआ चयन आप सभी को आवाज लखनपुर की टीम की तरफ़ से बधाई एवं शुभकामनाएँ 🙏आवाज़ लखनप...
28/03/2025

प्रियांशी,यशप्रीत व प्रभाकर का नवोदय में हुआ चयन
आप सभी को आवाज लखनपुर की टीम की तरफ़ से बधाई एवं शुभकामनाएँ 🙏

आवाज़ लखनपुर आवाज़ लखनपुर - Awaaz Lakhanpur

28/03/2025

आज एक नई कहानी ,लखनपुर के इतिहास को लेकर फिर से एक बार “आवाज लखनपुर”आपके सामने होगा

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आख़िर क्यों महेशपुर जैसा स्थान अपने हालत पर बहा रहा आँसू ,सोंचियेगा जरूर 👍👍लखनपुर से १८ किमी दूर और उदयपुर से करीब १४ कि...
14/03/2025

आख़िर क्यों महेशपुर जैसा स्थान अपने हालत पर बहा रहा आँसू ,सोंचियेगा जरूर 👍👍

लखनपुर से १८ किमी दूर और उदयपुर से करीब १४ किमी दूर सघन वनों के बीच बसाया गया ये स्थान जिसे महेशपुर के नाम से जाना और पहचाना जाता है आज अपने वस्तुस्थिति पर आंसू बहाते नजर आता है । भगवान शंकर को समर्पित ये स्थान जहाँ सदियों से न जाने कितने ऋषि मुनियों ने भगवान भोलेनाथ की पूजा और उपासना की है जिसके प्रत्यक्ष प्रमाण हमे इस जगह पर देखने को मिलते हैं । एक समय पूर्व भक्तिमय यह स्थान आज वर्तमान में अपने स्थिति में सुधार की बाट जोहता नजर आता है। महेशपुर को स्थानीय लोग एक ऐसे स्थान के रूप में देखते हैं जो मन को शांति देने लायक है। इस स्थान पर शायद अब तक कम ही लोगो की निगाह पड़ी हो छत्तीसगढ़ में पढ़ाये जाने वाले इतिहास के पुस्तक के सिलेबस का एक भाग बन चुके इस जगह के बारे में केवल शब्दों के माध्यम से ही पढ़ा और समझा गया है जबकि असल मायनो में ये छत्तीसगढ़ के उस स्वर्णिम युग की गवाही देता है जिस समय भक्ति के मार्ग पर चलने वाले लोगो की कमी नही थी।

महेशपुर के इतिहास के बारे में बताया जाये तो करीब ०८ से १० वी सदी के आसपास यहाँ के मंदिरों में की गई कारीगरी आपको इसके समृद्ध और संपन्न इतिहास की गवाही देता है। इतिहासकारों की माने तो इस जगह की बनावट कल्चुरी शासन काल से मेल खाती नजर आती है । इस जगह की विशेषता यह है कि इस जगह में खुदाई के दौरान बड़ी संख्या में शिवलिंग तथा मंदिरों के अवशेष सहित कई सारी कलाकृतियाँ प्राप्त हुई हैं। इस जगह पर जिस समय खुदाई की उस समय काफ़ी अहम कलाकृति ज़मीन के अंदर से प्राप्त हुई जिसके बाद इस जगह को सहेजने की कवायद प्रारम्भ हुई ।

इस जगह के विषय में स्थानीय लोगो का मानना है कि किसी समय में इस स्थान पर शैशव संप्रदाय के लोग काफ़ी संख्या में रहे होंगे जिन्होंने इस जगह पर मंदिरों का निर्माण किया। कुछ लोगो का मानना है कि यहाँ काफ़ी संख्या में मूर्ति बनाने वाले कारीगर रहते थे जिन्होंने भगवान शिव की काफ़ी सारी शिवलिंग की रचना की तथा उन्हें इसी स्थान पर मंदिर के माध्यम से संजोया तथा बाद में यहा से चले गए । अब इन बातों में कितनी सच्चाई है ये तो वो ही जाने। लेकिन इस बात से कदापि इंकार नही किया जा सकता की ये जगह किसी समय में काफ़ी सुदर और मनमोहक था।
अब बात करे इस जगह के अस्तित्व में आने की तो सन् २००८ में एक टीले की खुदाई से यह जगह अस्तित्व में आया जिसके बाद लगातार खुदाई से कई बहुमूल्य वस्तुयें इस जगह से निकलकर सामने आयीं।
इन वस्तुओं में पत्थरों के धारदार हथियार सहित कई सारी वस्तुएँ शामिल हैं। महेशपुर में खुदाई कि बाद बड़ी संख्या में इस जगह से मिले कलाकृतियों को सहेजने का दौर चला जिसे जिला संग्रहालय सहित स्थानीय संग्रहालय में आज भी देखा जा सकता है ।
इस जगह को पुराने समय के दंडक वन का प्रवेश द्वार भी माना जाता है साथ ही यह भी कहा जाता है कि राम वनगमन के दौरान प्रभु श्री राम ,अनुज लक्ष्मण और माता सीता इसी स्थान से होते हुए स्थानीय रामगढ़ (उदयपुर) में अपना कुछ समय बिताया था। जिसके कारण इस जगह की महत्ता और भी बढ़ जाती है। चूँकि यह स्थान दण्डकारण्य का प्रवेश द्वार था तो इस जगह से ही दण्डकारण्य में प्रभु श्रीराम के वनगमन की कहानी शुरू हुई थी । इस जगह को सहेजने में बड़ा अहम भाग अदा किया स्थानीय प्रशासन ने जिसमें तत्कालीन कलेक्टर सरगुजा श्रीमती ऋतु सेन मैडम जिनके प्रयास से इस जगह पर चार चांद लग गए । अंधेरों में रहने वाला यह स्थान सोलर प्लेटों की ऊर्जा से प्रकाशमान हुआ तथा आसपास साफ़ सफ़ाई एवं कई सारी सुविधाओं का श्रेय उन्हें ही जाता है ।उनके जाने के बाद इस जगह की वर्तमान स्थिति यह है कि यहाँ संग्रहीत चिह्नित पत्थरों तथा कई सारी अपभ्रंश कलाकृतियाँ या तो गायब हो चुकी हैं या फिर रखरखाव के अभाव में समाप्ति की ओर अग्रसर हैं ।जिले में प्रशासन के कई जिलाधीश बदले परंतु इस जगह की तस्वीर नहीं बदल पायी । इस जगह पर खुदाई से मिली कलाकृतियों को सहेजने के लिए बनाये गए छोटे संग्रहालय के गेट को सामाजिक तत्वों के द्वारा तोड़ दिया गया है साथ ही इस संग्रहालय के भवन की छत भी अब काफ़ी जर्जर हालत में है ।वही इस जगह पर मौजूद जैन धर्म के ११ वें तीर्थंकर महाप्रभु की मूर्ति के आसपास भी साफ़ सफ़ाई का आभाव साफ़ तौर से देखा जा सकता है ।बड़े संग्रहालय में रखी मूर्तियाँ जिन्हें सीमेंट की मदद से दीवारों से चिपका कर रखा गया है आज साफ़ सफ़ाई के आभाव में धूल फाँकती नजर आती हैं । वर्तमान स्थिति कितनी बदतर हो चुकी है इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि मुख्य मंदिर के समीप लगे पौधे अब पानी के आभाव में सूखने लगे हैं जबकि ट्यूबवेल से पौधों को पानी दी जा सकती है।वैसे देखा जाए तो महाशिवरात्रि और कुछ विशेष मौकों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अपने आराध्य के दर्शन पाने उमड़ती है परंतु अगर सुविधाओं की बात की जाए तो वह इस स्थान पर आज इतने प्रयासों के बाद भी शून्य नजर आती है । अब इस जगह को संरक्षित करने और सहेजने की जिम्मेदारी किसकी है यह तो स्वयं भोलेनाथ ही जाने,परंतु समय रहते अगर इस जगह को नही सहेजा गया तो यह स्थान वास्तविकता में कम और लोगो की बातों में ज़्यादा नजर आएगी और उस समय न प्रशासन के पास इसे सहेजने के लिए कुछ बाक़ी रहेगा और न स्थानीय जनप्रतिनिधियों के पास।

लेखक :- आवाज़ लखनपुर टीम

चित्र :- टीम आवाज़

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धन्यवाद
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12/03/2025

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