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28/08/2025

मौर्य समाज को गाली देने वाले आशीष तिवारी ने खुद सरेंडर करने की बात कही है

12/08/2025

*यूरिया की कालाबाजारी दूसरी जगह भेजी जा रही यूरिया*

नकहा खीरी। नकहा क्षेत्र में किसान सेवा सहकारी समिति बी पैक्स बढ़ईडीह से यूरिया खाद की कालाबाजारी कर भेजी जा रही दूसरे क्षेत्र आपको बता दें कि क्षेत्रीय किसानों को लंबी लंबी लाइन लगवाकर भी खाद नहीं मिल पा रही वहीं देखा जाए तो कुछ लोगों पर मेहरबान समिति सचिव है जो अपने चहेतों को यूरिया खाद पिकअप गाड़ी से लड़वाकर भेज रहे है आप वीडियो में देख सकते है वायरल वीडियो किसी किसान के द्वारा बनाया गया है किसान का कहना है कि कई बार यूरिया खाद की कालाबाजारी की गई है ।

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमले ने लिया नया मोड़ आरोपी के पिता ने तहरीर देने से किया साफ इनकार साजिश की आशंका क...
10/08/2025

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमले ने लिया नया मोड़

आरोपी के पिता ने तहरीर देने से किया साफ इनकार

साजिश की आशंका की जा सकती है

07/08/2025

गुलरी पुरवा मां राज राजेश्वरी माता मंदिर से कांवड़ यात्रा

धन्यवाद माननीय उच्च न्यायालय 🙏सीतापुर जनपद में स्कूलों के मर्जर पर रोक लगा दी गई है जब तब याचिका का अंतिम निर्णय न हो जा...
25/07/2025

धन्यवाद माननीय उच्च न्यायालय 🙏
सीतापुर जनपद में स्कूलों के मर्जर पर रोक लगा दी गई है जब तब याचिका का अंतिम निर्णय न हो जाए, कोर्ट ने स्पष्ट कहा अब कोई मर्जर नहीं होगा यथास्थिति कायम रखी जाए...
#स्कूल_मर्जर का विरोध लगातार अपनी जनता पार्टी माननीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी के नेतृत्व में कर रही है ...
सरकार को स्कूल मर्जर/विलय का फैसला वापस लेना ही पड़ेगा अन्यथा गरीब घर के बच्चे शिक्षा से वंचित होंगे 8 से 10 किलोमीटर दूर प्राथमिक स्कूल के बच्चे पढ़ने नहीं जा पाएंगे ...
माननीय न्यायालय से अनुरोध है कि इस पर जल्द फैसला करके स्कूल मर्जर पर रोक लगाने की कृपा करें ...

Swami Prasad Maurya



#शिक्षा

कद्दावर बहुजन OBC नेता, पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे ब्राह्मणवादी संगठन "विश्व हिंदू रक्षा परिषद" के 15...
24/07/2025

कद्दावर बहुजन OBC नेता, पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे ब्राह्मणवादी संगठन "विश्व हिंदू रक्षा परिषद" के 15 सवर्ण स्वामी समर्थकों की भीड़ देखकर भागे। भारी पुलिस बल तैनात। गंगाजल लेकर स्वामी मौर्य का शुद्धिकरण करने गए थे। स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक ओबीसी, एससी, एसटी समाज में VHRP के खिलाफ भारी आक्रोश।

आखिर ये गंदगी क्यों फैल रही है (कमेन्ट करके बताएं)
21/07/2025

आखिर ये गंदगी क्यों फैल रही है (कमेन्ट करके बताएं)

18/07/2025

*लखीमपुर खीरी _मामला थाना फरधान क्षेत्र भादुरा गांव एक बोरी खाद के लिए किसान पर लाठीचार्ज

जिले में खाद की किल्लत और कालाबाजारी अब हिंसक रूप लेती दिख रही है। भादुरा गांव में खाद की लाइन में लगे एक किसान पर पुलिस ने बेरहमी से लाठियां बरसाईं, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय सहकारी समिति में खाद का कृत्रिम संकट खड़ा कर दलालों के माध्यम से मनमानी कीमत वसूली जा रही है। किसान कई घंटे लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ लौट रहे हैं—और अब उन्हें अपमान और पुलिसिया हिंसा भी झेलनी पड़ रही है।

17/07/2025

बहुत लोग कह रहे की सरकारी विद्यालय में पढ़ाओ।प्राइवेट स्कूलों ने लूट मचा रखी है लेकिन प्राइवेट शिक्षक के बारे में भी सोचिए जो न सरकार सोचती है न आम जनता, आज एक बेसिक शिक्षा विभाग की पोस्ट और व्हाट्सएप पे के सन्देश वायरल हो रहा उसपे कुछ कहना चाहता हूं। और मैं चाहता हु कम से कम प्राइवेट शिक्षक तो हमारे इस पोस्ट को शेयर करे।
यह पोस्ट निश्चित रूप से सोचने पर मजबूर करती है, लेकिन केवल आंकड़ों से सच्चाई नहीं बदलती। एक प्राइवेट शिक्षक के रूप में मैं कुछ बेहद जरूरी बातें साझा करना चाहता हूँ, जो कई बार इन चर्चाओं में अनदेखी रह जाती हैं:
1. शिक्षा सिर्फ फीस से नहीं, गुणवत्ता से आँकी जाती है।
सरकारी स्कूलों में फीस नहीं है, सुविधाएं हैं, यह सब सच है — लेकिन फिर भी अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों को वहीं पढ़ाना क्यों नहीं चाहते?
इसका जवाब है – शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट, जवाबदेही की कमी और सीखने के प्रति समर्पण का अभाव।
2. सरकारी शिक्षक और उनकी हकीकत:
सरकारी शिक्षक उच्च योग्यता प्राप्त होते हैं, ये बात भी सही है। लेकिन क्या वे विद्यालयों में प्रतिदिन नियमित रूप से बच्चों को पढ़ाते हैं?
सरकारी शिक्षक का वेतन लाखों में है लेकिन ज़्यादातर जगहों पर वे अपनी ड्यूटी को गंभीरता से नहीं लेते। यह एक कड़वा सच है जिसे नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
3. प्राइवेट स्कूल और शिक्षक:
आप जिस 574000 रुपये के खर्च का हवाला दे रहे हैं, उसमें एक शिक्षक, एक संस्थान, एक स्टाफ अपनी न्यायसंगत कमाई कर रहा है।
प्राइवेट स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक कम वेतन में भी ज्यादा मेहनत करते हैं, समय पर स्कूल आते हैं, अतिरिक्त कक्षाएं लेते हैं, बच्चों की परफॉर्मेंस पर नज़र रखते हैं और अभिभावकों से लगातार संवाद करते हैं।
4. निजी स्कूल सिर्फ व्यापार नहीं, शिक्षा के केंद्र हैं:
हर निजी स्कूल पैसा कमाने के लिए नहीं बना होता। कई स्कूल ऐसे हैं जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुशासन, संस्कार, व्यक्तित्व विकास पर काम करते हैं।
आज अगर कोई बच्चा अंग्रेज़ी बोलना जानता है, कंप्यूटर चला रहा है, साक्षात्कार पास कर रहा है तो इसका एक बड़ा कारण है— निजी विद्यालयों का प्रशिक्षण।
5. परिवर्तन की ज़िम्मेदारी:
यदि सरकारी स्कूल वास्तव में इतने सक्षम हैं तो सरकार के मंत्री, कर्मचारी, अफसर, शिक्षक अपने बच्चों को वहीं क्यों नहीं पढ़ाते?
क्यों आज भी सरकारी शिक्षक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने को प्राथमिकता देते हैं?
इस प्रश्न पर ईमानदारी से आत्ममंथन की आवश्यकता है।
निष्कर्ष:
हम सरकारी शिक्षा का विरोध नहीं करते, लेकिन हकीकत को नजरअंदाज करना भी सही नहीं है।
जरूरत इस बात की है कि सरकारी शिक्षक अपनी जिम्मेदारी समझें और माता-पिता सरकारी स्कूलों को तब चुनें जब वे वाकई शिक्षण के लिए तैयार हों।

अगर समाज को बेहतर बनाना है, तो सरकारी स्कूलों में सिर्फ मुफ्त की योजनाओं पर नहीं, गुणवत्ता, जवाबदेही और प्रतिबद्धता पर ध्यान देना होगा।

प्राइवेट शिक्षक सिर्फ पैसे नहीं लेते, वे एक बेहतर भविष्य बनाते हैं — कम संसाधनों में भी।

कम से कम जो प्राइवेट शिक्षक है वो इस पोस्ट जो जरूर शेयर करे ये मेरा व्यक्तिगत विचार है आप चाहे तो इसको इग्नोर भी कर सकते है

आपका अपना
शुभ चिंतक

01/07/2025

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