22/10/2023
मेवाड़ के महाराणा रायमल के समय मांडू के सुल्तान गयासुद्दीन ने चित्तौड़गढ़ पर हमला कर दिया, तब उडणा राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध कुँवर पृथ्वीराज ने भरे दरबार में सौगंध खाई कि "8 पहर के भीतर गयासुद्दीन को बंदी बनाकर लाऊँगा"
दिन भर की लड़ाई के बाद कोई नतीजा नहीं निकला और रात होने पर दोनों फौजें अपने-अपने डेरों में चली गई। कुंवर पृथ्वीराज ने अपना वचन पूरा करने के लिए चालाकी से रात के वक्त 500 मेवाड़ी बहादुरों के साथ बादशाही डेरों पर हमला कर दिया।
इस अफरा-तफरी के बीच कुंवर पृथ्वीराज गयासुद्दीन तक पहुँचने में सफल रहे और गयासुद्दीन के गले पर कटारी अड़ा दी, लेकिन तभी बादशाही सिपाहियों ने उनको घेर लिया।
कुंवर पृथ्वीराज ने गयासुद्दीन से कहा कि "अगर ज़िन्दा रहना है, तो बेहतर होगा कि कुल बादशाही फौज पीछे हट जावे"
तब गयासुद्दीन ने फौज को पीछे हटने का हुक्म दिया और कुंवर पृथ्वीराज गयासुद्दीन को दुर्ग में ले आए, जहां उसे एक माह तक बंदी रखा गया।
राजपुताना विरासत
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