28/08/2025
रिपोर्टर- मुरारी कुमार
जिला- लखीसराय
*मेरा युवा भारत के तत्वावधान में युवाओं को योजनाओं की जानकारी दी गई*
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत मेरा युवा भारत लखीसराय कार्यालय द्वारा भारत सरकार की विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं के प्रसार प्रचार के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 27 अगस्त को जिला के चितरंजन रोड, पुरानी बाजार स्थित रानी सती मंदिर के सभागार में आयोजित किया गया , जिसमें विभिन्न विभागों के संबंधित योजनाओं के प्रशिक्षकों तथा अधिकारियों द्वारा इस कार्यशाला के माध्यम से युवाओं को विभिन्न विभागों से संबंधित योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के कल्याणकारी योजनाओं के बारे में संबंधित अधिकारियों द्वारा युवाओं के बीच नौकरी तथा स्वरोजगार से जुड़ी जानकारी साझा किया गया जिनमें इन बातों की जानकारी दी गई l
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 8 अप्रैल, 2015 को गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 20 लाख रुपये तक (उन उद्यमियों के लिए जिन्होंने 'तरुण' श्रेणी के तहत पिछले ऋणों का सफलतापूर्वक भुगतान किया है) तक का ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है। इन ऋणों को पीएमएमवाई के तहत मुद्रा ऋण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये ऋण वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी, लघु वित्त बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए जाते हैं। उधारकर्ता ऊपर उल्लिखित किसी भी ऋणदाता संस्थान से संपर्क कर सकता है या www.udyamimitra.in पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। पीएमएमवाई के तत्वावधान में, मुद्रा ने लाभार्थी माइक्रो यूनिट/उद्यमी की वृद्धि/विकास के चरण और वित्त पोषण आवश्यकताओं को दर्शाने के लिए 'शिशु', 'किशोर', 'तरुण' और 'तरुण प्लस' नामक चार उत्पाद बनाए हैं और स्नातक/विकास के अगले चरण के लिए एक संदर्भ बिंदु भी प्रदान करते हैं। इस योजना के लिए वेबसाइट https://www.mudra.org.in/ है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की एक प्रमुख योजना है जो 15 जुलाई 2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य संबंधित क्षेत्रों में उद्योगों की मांग के आधार पर राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) संरेखित नौकरी भूमिकाओं में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करके देश भर के अभ्यार्थियों की रोजगार क्षमता में सुधार करना था। इसमें दो प्रकार के प्रशिक्षण अर्थात् अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) और पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल) प्रदान किये जाते हैं। अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) प्रमाणित अभ्यार्थियों की रोजगार क्षमता में सुधार करता है, जबकि पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल) में अभ्यार्थियों में पहले से मौजूद कौशल के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शामिल है और यह प्लेसमेंट से जुड़ा नहीं है। इस योजना के तीन संस्करणों, यानी पीएमकेवीवाई 1.0 (2015-16), पीएमकेवीवाई 2.0 (2016-20) और पीएमकेवीवाई 3.0 (2020-22) का कार्यान्वयन पूरा हो गया है। वर्तमान में, पूरे देश में पीएमकेवीवाई 4.0 (वित्त वर्ष 2022-26) अर्थात योजना का नवीनतम संस्करण कार्यान्वित किया जा रहा है। भारत के 'आत्मनिर्भर' बनने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई। पीएलआई योजनाओं का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में निवेश आकर्षित करना है; दक्षता सुनिश्चित करना और विनिर्माण क्षेत्र में मह्त्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं को लाना और भारतीय कंपनियों और निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। इन योजनाओं में अगले पांच वर्षों या उससे आगे भी उत्पादन, रोजगार और आर्थिक विकास को काफी बढ़ावा देने की क्षमता है। यह 14 क्षेत्र इस प्रकार हैं : (i) मोबाइल विनिर्माण और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटक, (ii) क्रिटिकल की स्टार्टिंग मैटेरियल्स/ड्रग इंटरमीडियरीज और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स, (iii) चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण (iv) ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, (v) फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स, (vi) स्पेशियलिटी स्टील, (vii) टेलीकॉम और नेटवर्किंग उत्पाद, (viii) इलेक्ट्रॉनिक/प्रौद्योगिकी उत्पाद, (ix) व्हाइट गुड्स (एसी और एलईडी), (x) खाद्य उत्पाद, (xi) कपड़ा उत्पाद: एमएमएफ खंड और तकनीकी वस्त्र (xii) उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, (xiii) उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी, और (xiv) ड्रोन और ड्रोन घटक।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी क्षेत्रों में रोज़गार सृजन, रोज़गार क्षमता बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए, रोज़गार से संबद्ध प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंज़ूरी दे दी है। इस योजना के तहत, जहाँ पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा, वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोज़गार सृजन के लिए दो साल तक की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, साथ ही विनिर्माण क्षेत्र के लिए लाभ को दो साल के लिए और बढ़ाया जाएगा। ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री द्वारा 4.1 करोड़ युवाओं को रोज़गार, कौशल विकास और अन्य अवसर प्रदान करने हेतु पाँच योजनाओं के पैकेज के एक हिस्से के रूप में की गई थी, जिसका कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपये है।
आयुष्मान भारत, पीएम-जेएवाई, दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य 12 करोड़ से अधिक गरीब और वंचित परिवारों (लगभग 55 करोड़ लाभार्थी) जो भारतीय आबादी का निचला 40% हिस्सा हैं, को माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। इसमें शामिल परिवार, क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (एसईसीसी 2011) के वंचित और व्यावसायिक मापदंडों पर आधारित हैं। पीएम-जेएवाई को पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) के नाम से जाना जाता था, जिसे बाद में नया नाम दिया गया। इसमें तत्कालीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) का समावेश कर दिया गया जिसे 2008 में शुरू किया गया था। इसलिए, पीएम-जेएवाई के अंतर्गत उल्लिखित कवरेज में वे परिवार भी शामिल हैं जो आरएसबीवाई के अंतर्गत आते थे, लेकिन एसईसीसी 2011 डेटाबेस में नहीं हैं। पीएम-जेएवाई पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित है और इसके कार्यान्वयन की लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा की जाती है।
बिहार सरकार के योजनाओं में इन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी युवाओं के बीच साझा किया गया
मुख्यमंत्री बालिका/बालक प्रोत्साहन योजना:
यह योजना छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है.
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना:
यह योजना युवाओं को व्यवसाय स्थापित करने के लिए ₹10,00,000/- तक की वित्तीय सहायता प्रदान करके उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देती है. इस योजना के अंतर्गत महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य समुदायों के लिए भी विशेष प्रावधान हैं.
मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना:
यह योजना नौकरी की तलाश कर रहे 20 से 25 वर्ष की आयु के बेरोजगार युवाओं को दो साल के लिए ₹1000/- का मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
मुख्यमंत्री बालिका/बालक प्रोत्साहन योजना:
यह योजना छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है.
इस कार्यक्रम में माय भारत लखीसराय के कार्यालय पर्यवेक्षक श्री राजीव रंजन कुमार के देख रेख में आयोजित कार्यक्रम में श्री आशुतोष कुमार (जिला योजना पदाधिकारी लखीसराय),
श्री रूपेश कुमार झा (महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र लखीसराय)
श्री संजय कुमार (प्रबंधक जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र DRCC लखीसराय)
श्री विवेक कुमार (एस. डब्ल्यू. ओ., DRCC लखीसराय) अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, इनके अलावे मेरा युवा भारत जिला लखीसराय के सभी प्रखण्ड के युवा स्वयंसेवक तथा सैकड़ों युवा शामिल हुए l
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