11/12/2025
#ललितपुर ब्रेकिंग न्यूज़: 20 साल से फरार ‘फर्जी डॉक्टर’ का बड़ा खुलासा
ललितपुर। दो दशक से कानून की आंख में धूल झोंककर कभी सीमा शुल्क विभाग में अधिकारी, कभी डॉक्टर और कभी निजी कंपनियों में अफसर बनकर घूम रहे एक शातिर ठग का पर्दाफाश हुआ है। आरोपी अभिनव सिंह जो खुद को डॉ. राजीव गुप्ता बताकर ललितपुर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट की नौकरी कर रहा था, को आखिरकार वह यहां से भी घपला कर फरार हो गया..
सीमा शुल्क घोटाले में था मुख्य आरोपी
सीबीआई के अनुसार, आरोपी 1998-99 में मुंबई सीमा शुल्क विभाग में *मूल्यांकक* (Appraiser) के पद पर तैनात था। इसी दौरान उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी डीईपीबी स्क्रिप्स को असली बताकर सत्यापित किया, जिससे विभाग को 4,00,72,496 रुपये का भारी नुकसान हुआ।
जांच में यह भी सामने आया कि उसने निजी कंपनियों से 5 लाख रुपये और एक मारुति जेन कार रिश्वत में ली थी।
जांच के दौरान आरोपी ने सहयोग नहीं किया और फरार हो गया, जिसके बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया और अदालत ने *भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया।
फर्जी पहचान बनाकर बन गया डॉक्टर
फरार होने के बाद आरोपी ने अपनी पहचान बदल ली।
सीबीआई के अनुसार, उसने **फर्जी और जाली डिग्रियों की मदद से डॉक्टर बनकर कई मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में नौकरी की।
ललितपुर मेडिकल कॉलेज में वह अपने ही जीजा की डिग्री लगाकर कार्डियोलॉजिस्ट बन गया था। यहां वह कई महीनों से इलाज कर रहा था।
पहले बीना रिफाइनरी में फर्जी डिग्री पर डॉक्टर बन गया, वहां मामला खुला तो मुंबई एयरपोर्ट पर निजी कंपनी में अधिकारी बनकर नौकरी पकड़ ली और आखिर में ललितपुर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट बनकर लोगों का इलाज करने लगा
अब बड़ा सवाल — इतने वर्षों तक कैसे चलता रहा फर्जीवाड़ा?**
लगातार फर्जी पहचान, फर्जी डिग्रियों और जिम्मेदार पदों पर पहुंचते रहने के कारण जांच एजेंसियों के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अब आरोपी के **बीते 20 वर्षों के सभी रिकॉर्ड**, संपर्क, फर्जी दस्तावेज़ और उन संस्थानों की जांच की जा रही है, जहां उसने ‘डॉक्टर’ बनकर काम किया था।
**विभागों में हड़कंप है और जांच एजेंसियां उसकी पूरी गतिविधियों की गहराई से छानबीन कर रही हैं।**