08/07/2023
विगत कुछ दिनों से पीडब्ल्यूडी लोहाघाट के एक एई और प्रकाश राय जी के बीच जो विवाद चल रहा है। उसके बारे में कुछ बातें -
1 - यदि कमीशन खोरी का विरोध करना गलत है तो यह गलती सबने करनी चाहिए
2 - सबको पता है की पीडब्ल्यूडी जैसे विभागों में ठेकेदारों का किस प्रकार से शोषण होता है, और इसके विरोध में कोई आवाज उठाता है तो क्या ये गलत है?
3 - ठेकेदार प्रकाश राय जी के द्वारा आज तक के कार्य अन्य की अपेक्षा बहुत ही अच्छी क्वालिटी के होते है। लेकिन विभागीय अभियंता को अपने कमीशन से मतलब है ना की कार्य की क्वालिटी से।
4 - सभी को पता है की विभाग द्वारा आज तक के कार्य जैसे की दीवार , डामरीकरण , नालियों का निर्माण कैसे किया जाता है , डामरीकरण होता है अगले दिन से उखाड़ना शुरू हो जाता है , नालिया बरसात के पानी के साथ बह जाती है , दीवारें बनने तक गिर जा रही है। अपने क्षेत्र की रोडों की स्थिति देख सकते है। लेकिन आज तक कही इस प्रकार का विवाद नहीं हुआ क्योंकि भ्रष्टाचार में सभी लिप्त रहते थे ।
आखिर आज एक व्यक्ति कमीशन ना देने की बात करता है और भष्टाचार का विरोध करता है। तो उसके खिलाप सारा डिपार्टमेंट तथा संगठन विरोध उतर जाता है। यहां तक उसे फसाने के लिए विभाग द्वारा कहानियां बना दी जाती है।
आखिर आज ही यह बात सामने क्यों आ रही है, आखिर तक कितनी योजनाओं की जांच की गई है। कितने कार्यों में एक बार डाले गए फर्श को तोड़ा गया है। संभवतः इसके पीछे राजनीतिक कारण भी हो सकते है, निजी द्वेष के कारण भी यह बात ज्यादा उछाली जा रही हो। क्योंकि आम प्रकाश राय जी एक राजनीतिक व्यक्तित्व भी है, जिनका आम जनता पर अपना एक अलग रुतबा भी है।
में प्रकाश राय जी का पूर्ण समर्थन करता हूं👏 और इस मामले की जांच के बाद भ्रष्ट कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग करता हूं।