Jaighosh

Jaighosh Culture Department, Government of Uttar Pradesh. Community cm Web Radio

Radio Jaighosh (107.8) is promoting the culture of the state of Uttar Pradesh, the department of culture Uttar Pradesh urges to setup India's First Ever Cultural Community Radio Station, Web Radio & Audio-Visual Media Centre. This Station is enhancing the culture of the state and also providing the opportunity to the tribal and the extinguishing culture art including (Dance, Drama, Music, Clothing

, Heritage, Handicrafts). It is providing a platform in order to strengthen the base model of the lifestyle and contemporary cultural Development and youth innovation of the citizens of Uttar Pradesh.

राजकीय पॉलिटेक्निक, लखनऊ के जनसंचार विभाग के  20 से अधिक छात्र/छात्राओं ने दिनांक 10 अक्टूबर, 2025 को उत्तर प्रदेश संगीत...
10/10/2025

राजकीय पॉलिटेक्निक, लखनऊ के जनसंचार विभाग के 20 से अधिक छात्र/छात्राओं ने दिनांक 10 अक्टूबर, 2025 को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के परिसर में संचालित रेडियो जयघोष की सम्पूर्ण कार्य प्रक्रिया का व्यवहारिक ज्ञान हासिल किया। विभाग के प्रवक्ता डॉ0 नीरज कुमार की अगुवाई में आए इस दल ने स्टूडियो का शैक्षिक भम्रण कर रेडियो जयघोष के शैक्षिक समागम कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस अवसर पर अकादमी उपाध्यक्ष सुश्री विभा सिंह एवं अकादमी निदेशक डॉ0 शोभित कुमार नाहर उपस्थित रहे तथा बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर विशेषज्ञ के रूप में डॉ0 पवन तिवारी, श्री सुनील यादव, आर.जे. समरीन, आनन्द अस्थान एवं शेखर त्रिवेदी ने मार्ग दर्शन दिया।
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 #भातखण्डेसंस्कृतिविश्वविद्यालय परिसर में आयोजित तीन दिवसीय अन्नपूर्णेश्वरी संगीत समारोह के पहले दिन गुरुवार 9 अक्टूबर क...
09/10/2025

#भातखण्डेसंस्कृतिविश्वविद्यालय परिसर में आयोजित तीन दिवसीय अन्नपूर्णेश्वरी संगीत समारोह के पहले दिन गुरुवार 9 अक्टूबर को बनारस घराने की प्रसिद्ध ठुमरी और टप्पा गायिका सुश्री तूलिका घोष ने गायकी, मेहर घराने की शुद्ध परंपरा के अनुयायी प्रतिष्ठित बांसुरी वादक पंडित नित्यानंद हल्दीपुर ने बांसुरी वादन, वरिष्ठ संगीतज्ञ पंडित प्रदीप बरोत ने सरोद वादन और वरिष्ठ सितार वादिका सुश्री संध्या आप्टे ने संगीत के तकनीकी पक्ष से छात्र-छात्राओं को अवगत करवाया।

स्पिक मैके की ओर से  #भातखंडेसंस्कृतविश्वविद्यालय में आमंत्रित संगीतज्ञ सुश्री सुचरिता गुप्ता ने राग खमाज में लोकिप्रय ठ...
08/10/2025

स्पिक मैके की ओर से #भातखंडेसंस्कृतविश्वविद्यालय में आमंत्रित संगीतज्ञ सुश्री सुचरिता गुप्ता ने राग खमाज में लोकिप्रय ठुमरी "कौन गली गयो रे श्याम" सुनाई, बनारस की इन प्रसिद्ध शास्त्रीय उपशास्त्रीय गायिका का तबले पर साथ पंडित ललित कुमार और हारमोनियम पे पंडित पंकज मिश्रा ने प्रभावी रूप से दिया

महर्षि वाल्मीकि जयंती – 07 अक्टूबर 2025 संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश के देव मंदिरों में गूंजे...
06/10/2025

महर्षि वाल्मीकि जयंती – 07 अक्टूबर 2025
संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश के देव मंदिरों में गूंजेगी महर्षि वाल्मीकि रचित ‘रामायण’ के अखण्ड पाठ की पवित्र धुन!

आइए, महर्षि वाल्मीकि जी के आदर्शों और उनके अमर ग्रंथ ‘रामायण’ से प्रेरणा लें!



रंगशाला कार्यक्रम में नाट्य लेखक, मंच और फिल्म के अभिनेता युवा रंगकर्मी शुभम पाण्डेय ने दिया संदेश कि रंगकर्मी को कभी अप...
06/10/2025

रंगशाला कार्यक्रम में नाट्य लेखक, मंच और फिल्म के अभिनेता युवा रंगकर्मी शुभम पाण्डेय ने दिया संदेश कि रंगकर्मी को कभी अपने दायरे सीमित नहीं करने चाहिए।

भातखण्डे एलुमिनी एसोसिएशन और भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आदरणीय प्रो.कृष्ण कुमार कपूर जी की...
05/10/2025

भातखण्डे एलुमिनी एसोसिएशन और भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आदरणीय प्रो.कृष्ण कुमार कपूर जी की स्मृति में, कलामंडपम में शनिवार 4 अक्टूबर को हुई “स्वरांजलि” में स्थानीय शिशिर कपूर और दिल्ली की चंद्रिमा रॉय मजूमदार का प्रभावी सरोद वादन हुआ जबकि दिल्ली की शाश्वती मंडल का सुमधुर गायन हुआ। इसमें हारमोनियम पर पं. धर्मनाथ मिश्रा और तबले पर पं. विनोद लेले के साथ मोहित दुबे ने संगत दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह उपस्थित रहीं।

संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजितअवधी लोकगायन की अनुपम संध्या!उत्तर प्रदेश की समृद्ध लोकपरंपरा और संगीत की जीवं...
28/09/2025

संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित
अवधी लोकगायन की अनुपम संध्या!

उत्तर प्रदेश की समृद्ध लोकपरंपरा और संगीत की जीवंत धरोहर को प्रदर्शित करते हुए, UP International Trade Show 2025 के भव्य मंच पर अवधी लोकगायन की मधुरता ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया!

इस सांस्कृतिक संध्या में अपनी मनमोहक आवाज़ से जी ने अवधी लोकगायन के ऐसे स्वर प्रस्तुत किए, जिन्होंने सभी दर्शकों को भावविभोर कर दिया!

इस अवसर पर श्री अतुल द्विवेदी, निदेशक, उ0 प्र0 लोक एवं जनजाति संस्थान, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश, एवं गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के VC श्री आर.पी. सिंह जी ने मालिनी अवस्थी जी को सम्मानित भी किया!



Gautam Buddha University - Students Forum - Unofficialrum - Unofficial

UP संगीत नाटक अकादमी (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) के कलाकारों ने अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो, ग्रेटर नोएडा में दर्शकों को म...
27/09/2025

UP संगीत नाटक अकादमी (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) के कलाकारों ने अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो, ग्रेटर नोएडा में दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शहनाई और नक्कारे की अद्भुत प्रस्तुति ने मंच पर रौनक बिखेरी और भारतीय शास्त्रीय वाद्य कला का जादू बिखेरा!

शहनाई वादन: गुलाम मोहम्मद
नक्कारे और तालवादन: मोहम्मद सिद्दीक एवं दल



दिनांक 26 सितम्बर, 2025उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 25 एवं 26 सितम्बर, 2025 को ...
26/09/2025

दिनांक 26 सितम्बर, 2025
उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 25 एवं 26 सितम्बर, 2025 को आयोजित राज्य नाट्य समारोह की द्वितीय संध्या को नाटक ‘दूसरा न कोई’ का मंचन किया गया। इस अवसर पर माननीया उपाध्यक्ष महिला आयोग श्रीमती अपर्णा यादव, अकादमी अध्यक्ष प्रो0 जयन्त खोत, अकादमी उपाध्यक्ष श्रीमती विभा सिंह तथा अन्य सम्मानित अतिथि सभागार में उपस्थित रहे।
इस आयोजन में सर्वप्रथम अकादमी के माननीय अध्यक्ष प्रो0 जयन्त खोत तथा उपाध्यक्ष श्रीमती विभा सिंह द्वारा श्रीमती अपर्णा यादव जी का स्वागत किया इसके पश्चात् मुख्य अतिथि एवं गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
दीप प्रज्जवलन के उपरान्त अकादमी के अध्यक्ष प्रो0 जयन्त खोत द्वारा मुख्य अतिथि को शॉल एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया तथा माननीय उपाध्यक्ष श्रीमती विभा सिंह द्वारा नाटक ‘दूसरा न कोई’ की लेखिका डॉ0 अंजना पुरी का पुष्पगुच्छ एवं शॉल देकर सम्मानित किया।
अकादमी की मा0 उपाध्यक्ष श्रीमती विभा सिंह द्वारा मा. मुख्य अतिथि तथा सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा अकादमी का सदा प्रयास रहता है कि अपने कार्यक्रमों में कुछ नया करने का प्रयास किया जाए। इसलिए इस वर्ष नाट्य समारोहों की रूपरेखा में थोड़ा सा परिवर्तन किया गया है। विगत वर्ष तक तीनों सम्भागीय नाट्य समारोहों की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति को लेकर तीन से चार दिवसीय राज्य नाट्य समारोह का आयोजन कराया जाता था। लेकिन इस वर्ष से सम्भागीय नाट्य समारोह की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति को तीन दिवसीय प्रादेशिक नाट्य समारोह में शामिल किया गया तथा प्रादेशिक नाट्य समारोह की प्रस्तुति को राज्य नाट्य समारोह में शामिल किया गया। राज्य नाट्य समारोह में प्रादेशिक नाट्य समारोह की एक सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति के साथ ही साथ मध्य प्रदेश भोपाल से रंग विदूषक, संस्था की नाट्य प्रस्तुति ‘दूसरा न कोई’ को आमन्त्रित किया गया है। अर्थात् राज्य नाट्य समारोह में किसी अन्य प्रदेश के दो या तीन हिन्दी नाटकों को आमन्त्रित किया जाएगा जिससे प्रदेश के नाटकों के साथ ही साथ अन्य प्रदेशों की उत्कृष्ट नाट्य प्रस्तुतियों से दर्शक लाभान्वित हो सकें।
तत्पश्चात रंग विदूषक, भोपाल द्वारा कन्हैयाला के निर्देशन में तैयार प्रस्तुति ‘‘दूसरा न कोई’’ का मंचन किया गया।
रंग विदूषक ने अपनी स्थापना के समय से ही, हमेशा लीक से हटकर काम करने की कोशिश की है। रंग विदूषक का विदूषक अपने आस-पास की घटनाओं की कहानी को एक अनोखे अंदाज में बताता है। यह किरदार दर्शकों को गहरी नींद से जगाता है और अनसुनी, अनकही बातों को कहने का माध्यम बनता है, और इस तरह अनदेखी बातों को सामने लाता है। विदूषक दर्शकों के बीच नैतिक और अनैतिक के बीच संतुलन बनाता है, और उनमें एक स्वस्थ संघर्ष पैदा करता है। विदूषक सर्वाेपरि है। रंग विदूषक 1984 में एक शाम का समूह के रूप में शुरू हुआ, जिसने अपने नए दृष्टिकोण और प्रयोगों में भाग लेने के लिए सभी क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित किया। यह विचारों के आदान-प्रदान और अनौपचारिक बातचीत के लिए एक जगह बन गया। सामाजिक परिवेश और आसपास के राजनीतिक माहौल में बदलाव ने अभिव्यक्ति के लिए एक माध्यम खोजने की आवश्यकता पैदा कर दी। इसके लिए विदूषक को चुना गया। जो कुछ उत्साही लोगों का एक छोटा समूह था, जो अपनी शामें रचनात्मकता के लिए समर्पित करते थे, वह बन गया बांसि कौल का रंग विदूषक। यह औपचारिक रूप से एक संस्था बन गया, जिसमें संस्थापक सदस्य, कार्यकारी और सामान्य परिषद सदस्य थे। रंग विदूषक ने वर्षों में कलाकारों, नर्तकों, कोरियोग्राफर, कवियों, नाटककारों और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित किया है और कलाकारों का एक जीवंत समूह बन गया है। रंग विदूषक ने परफॉर्मेंस और नॉन-परफॉर्मेंस कला रूपों, लोक खेलों, बच्चों के खेल, तुकबंदी और पहेलियों, बोलियों की मधुरता, लोक गायकों के लोकगीतों, अखाड़ेबाजी की ताकत और नाटक की लचीलेपन जैसे सिद्धांतों के आधार पर एक प्रशिक्षण पद्धति विकसित की है। इस पद्धति के माध्यम से इसने एक ऐसी बॉडी लैंग्वेज विकसित की है जो भाषाई बाधाओं को पार करती है। इससे एक अलग परफॉर्मेंस स्टाइल का जन्म हुआ है और इसने समूह को अपनी पहचान दी है। रंग विदूषक अब एक पूर्णकालिक कोर ग्रुप के रूप में है, जो मूवमेंट, रंग और रूप के साथ प्रयोग करता है। समूह का कार्यस्थल क्लॉउन-थिएटर के लिए एक प्रयोगशाला बन गया है। जिस शाम के ग्रुप से रंग विदूषक की शुरुआत हुई थी और आज का कोर-ग्रुप इस प्रयोगशाला की जगह में एक साथ रहते हैं। एक शक्तिशाली नदी की तरह, रंग विदूषक अपने घुमावदार रास्ते में असंख्य छोटी-छोटी धाराओं से मिलता है। वह इन धाराओं के साथ खेलता है। पलक झपकते ही वह उनसे छिप जाता है और फिर अचानक वापस आ जाता है। इसलिए, रंग विदूषक असंख्य थिएटर ग्रुप, विभिन्न सामाजिक तबकों के बच्चे, शिक्षक, अभिनेता, निर्देशक, नाटककार, शिल्पकार, कलाकार और विशेषज्ञ जैसे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर थिएटर नामक विशाल अथाह महासागर से जुड़ता है। इसने ऐसे कलाकारों को प्रशिक्षित किया है जिन्होंने अपने तरीके से अपना अलग रास्ता बनाया है। वे शिक्षकों और कलाकारों के रूप में समूह में वापस आए हैं और अपने क्षेत्रों में अपने ग्रुप और रंग विदूषक के बीच नेटवर्किंग बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका उद्देश्य अपने ग्रुप को थिएटर की मुख्यधारा में लाना है।

रंग विदूषक ने देश भर में सैकड़ों कार्यशालाएं आयोजित की हैं, अक्सर सामाजिक रूप से वंचित लोगों के लिए। इसने जेलों की अंधेरी खामोशी में भी कार्यशालाएं आयोजित कीं, ताकि विचाराधीन कैदियों के जीवन में कुछ हंसी और खुशी वापस लाई जा सके। रंग विदूषक ने समाज के असंख्य बच्चों के साथ परफॉर्मेंस और कार्यशालाओं के माध्यम से संबंध स्थापित करने के लिए अथक प्रयास किया है। कैदियों के बच्चों के साथ कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं, जो खुद अपराधी नहीं हैं, लेकिन अपने परिवार के इतिहास के कारण समाज में कलंक झेलते हैं। वंचित परिवारों से आने वाले और हाशिए पर रहने वाले बच्चे भी इस समूह की गतिविधियों का हिस्सा रहे हैं। पुलिसकर्मियों के बच्चे भी समूह की कार्यशालाओं में शामिल रहे हैं। हमेशा से प्रयास यह रहा है कि इन बच्चों को थिएटर कला के माध्यम से मुख्यधारा में लाया जाए। लगातार शोध और प्रयोग ने समूह के सदस्यों को हमेशा काम की प्रक्रिया पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया है।
मंच पर कलाकार
विमलेश पटेल रावदूदा गांव का निवासी, नितिन पांडेय, ब्राह्मण, संकित सेजवार साधु, गांव का निवासी/सहायक, शैफ आलम चेला, सपेरा/गांव का निवासी, पूजा मिश्रा मीरा की सखी/माँ, हीर मीरा उडाबाई/सखी, मुस्कान शर्मा मीरा की सखी/बच्ची मीरा, वर्षा पांडेय मीरा की सखी, सौरभ विक्रमजीत गांव का निवासी, प्रमय दुबे पुरोहित, गांव का निवासी/सैनिक, राजेश ब्राह्मण, हर्ष दाउंड ब्राह्मण, प्रियांशू दूल्हा गांव का निवासी/सैनिक, राहुल राठौर भोजराज रतन सिंह/गुसाईं, सोनाली कैथवास कृष्ण, कान्हाई लाल कैथवास चेला, नाटक का निर्देशक, सत्यम तिवारी गांव का निवासी/सैनिक
मंच परे
अंजना पुरी, पटकथा लेखक, संगीतकार, राम सिंह पटेल सहायक निर्देशक, लाइट डिजाइनर, अमर सिंह हारमोनियम, वीरेंद्र जानी
कार्यक्रम का संचालन डॉ0 अनीता सहगल द्वारा किया गया।

26/09/2025

नवरात्र के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति के तहत रेडियो जयघोष के साथ लखनऊ के प्रतिष्ठित दुर्गा जी मंदिर के व्यवस्थापक एवं संचालक तारा चंद्र अग्रवाल ने मंदिर द्वारा संचालित सेवाओं को किया साझा।

रेडियो जयघोष के आओ सीखें राग श्रृंखला में  #भातखंडेसंस्कृतिविश्वविद्यालय के  #संगीत अध्यापक श्री गरुण मिश्रा ने बी पी ए,...
26/09/2025

रेडियो जयघोष के आओ सीखें राग श्रृंखला में #भातखंडेसंस्कृतिविश्वविद्यालय के #संगीत अध्यापक श्री गरुण मिश्रा ने बी पी ए,फिफ्थ सेमेस्टर के छात्रों को राग रामकली में #आलाप #तानें और #बंदिश सिखाई

पद्मश्री राज बिसारिया श्रेष्ठ गुरु, श्रेष्ठ निर्देशक और कुशल प्रशासक थे : मंत्री श्री जयवीर सिंहउत्तर प्रदेश संगीत नाटक ...
25/09/2025

पद्मश्री राज बिसारिया श्रेष्ठ गुरु, श्रेष्ठ निर्देशक और कुशल प्रशासक थे : मंत्री श्री जयवीर सिंह
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से 25 और 26 सितम्बर, 2025 को संत गाडगे जी महाराज ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य नाट्य समारोह की प्रथम संध्या में नाटक “रश्मिरथी” का मंचन किया गया। इस अवसर पर अकादमी की त्रैमासिक सांस्कृतिक पत्रिका ‘छायानट’ के 168वें अंक जो सुप्रसिद्ध नाट्यविद् पद्मश्री राज बिसारिया जी पर केन्द्रित है, का विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि माननीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह जी, द्वारा किया गया। उन्होंने अपने सम्बोधन में संदेश दिया कि बिसारिया जी ने भारतेन्दु नाट्य अकादमी की स्थापना एक ऐसे समय में की, जब नाटकों को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। वो एक श्रेष्ठ गुरु, श्रेष्ठ निर्देशक और एक कुशल प्रशासक भी थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा राज्य नाट्य समारोह के संदर्भ में कहा कि इसके प्रारूप के अनुसार इसमें तीन सम्भागीय नाट्य समारोह की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों को आमंत्रित किया जाता है इससे प्रदेश की नाट्य संस्थाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
इससे पूर्व अकादमी के माननीय अध्यक्ष प्रो0 जयन्त खोत, उपाध्यक्ष महोदय विभा सिंह और निदेशक डॉ0 शोभित कुमार नाहर ने मा0 मंत्री जी का स्वागत किया। इस क्रम में अकादमी की उपाध्यक्षा विभा सिंह ने बताया कि राज्य नाट्य समारोह की एक प्रस्तुति प्रादेशिक नाट्य समारोह की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति है जबकि दूसरी मध्य प्रदेश के साथ हुए एमओयू के तहत आमंत्रित की गई है। उन्होंने बताया कि अकादमी का प्रयास होगा कि आगामी वर्षों में यह आयोजन तीन से चार दिवसीय हो।
इसके उपरांत सांस्कृतिक संगम देवरिया द्वारा मानवेन्द्र त्रिपाठी के निर्देशन में तैयार प्रस्तुति रश्मिरथी का मंचन किया गया। ‘रश्मिरथी’ नाटक हिन्दी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर के प्रसिद्ध खंडकाव्य पर आधारित है। इसमें कर्ण के चरित्र को महाभारत की सीमाओं से ऊपर उठाकर नैतिकता, संघर्ष और समाज के समक्ष उसकी स्वीकार्यता को बड़े सशक्त रूप में प्रस्तुत किया गया। मंच पर मानवेन्द्र त्रिपाठी, राज मौर्य, अनिल गौड़, आकांक्षा विक्ट्री, प्रमोद कुमार सिंह, अमित पटेल, नवनीत जयसवाल, राधेश्याम, महेश तिवारी, विजय सिंह, चन्द्रप्रकाश श्रीवास्तव, अखिलेश कसौधन, आलोक सिंह, सौरभ चौधरी, सोमनाथ शर्मा, पल्लवी सिंह, शिवा श्रीवास्तव, रितिका सिंह, पूर्णिमा आनंद, दिव्या अखिलेश, पंकज कुमार, सौरभ, सोमनाथ शर्मा ने अभिनय किया। कार्यक्रम का संचालन अलका निवेदन ने किया।

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Lucknow
226010

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