The Country Now

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he public and the government by informing the public about government priorities, policies, and programs, while also providing the government with insights into public grievances, aspirations, and opinions.

आखिर वह घड़ी आ गई जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के रहस्य से पर्दा अपनेआप देश के सामने खुलने लगा है. ये सज्जन कौन हैं? ये भारत के नेव...
30/06/2025

आखिर वह घड़ी आ गई जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के रहस्य से पर्दा अपनेआप देश के सामने खुलने लगा है.

ये सज्जन कौन हैं?
ये भारत के नेवी कैप्टेन शिव कुमार हैं, जिन्होंने हाल ही में इंडोनेशिया में एक सवाल के जवाब में दुनिया को बताया है कि राजनीतिक दबाव के चलते हमें भारतीय वायुसेना के कुछ विमान खोने पड़े.

सवाल था कि भारत के कुल 5 विमान पाकिस्तान ने मार गिराए थे.

कैप्टन शिव कुमार ने इस प्रश्न के जवाब में जो बताया, वह राजनीतिक गलियारे में तो लंबे समय से गूँज रहा था, जिसकी पुष्टि विदेश मंत्री के एक बयान में पहले ही हो चुकी थी, जब उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले हमने पाकिस्तानी अधिकारियों को चेता दिया था कि भारत लिमिटेड हमला करने जा रहा है, लेकिन सिर्फ आतंकी ठिकानों पर करेगा, आप जवाबी हमला मत करना.

कैप्टेन शिव कुमार ने स्पष्ट किया कि हमें पाक एयर डिफेंस को नष्ट न करने के आदेश दिए गये थे. सोचिये, अगर भारतीय सेना को खुलकर अभियान चलाए जाने की छूट दी गई होती, तो क्या हमारे वायुसेना को यह नुकसान झेलना पड़ता?

सारी दुनिया में हम जा रहे हैं, लेकिन लोग हमारी बात का भरोसा नहीं कर रहे थे, क्योंकि उन्हें हकीकत पहले ही पता थी. बाद में जरुर हमारी सेना ने पाकिस्तानी एयर बेस पर हमला कर पाकिस्तान को परमाणु बम की धमकी देने के लिए विवश कर दिया, लेकिन इतनी बड़ी राजनीतिक ब्लंडर करने का ही यह नतीजा है कि आज एससीओ में हमारे साथ कोई नहीं खड़ा था, और पाकिस्तान को पैसे की बरसात होने के अलावा सुरक्षा परिषद में दो-दो पदों पर बिठा दिया गया है.

विपक्षी नेता राहुल गांधी ने पुछा था कि कितने विमान गिरे, संसद का विशेष सत्र बुलाया जाये, लेकिन कुछ नहीं.

कैप्टेन शिव कुमार ने अब स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय सेना अभी भी मारक क्षमता में पाकिस्तान को आसानी से धूल चटा सकती है, और चीन के साजो-सामान भी कारगर नहीं होते, अगर पाकिस्तान पहले से चाक-चौबंद न होता. इसलिए सेना का कोई दोष नहीं था, हमारा सिक्का ही खोटा था.

उम्मीद करनी चाहिए कि जैसे सीडीएस अनिल चौहान के खिलाफ बदले की कोई कार्रवाई नहीं हुई, उसी प्रकार भारतीय सेना की प्रतिष्ठा को बरकरार रखने और सच्चाई को सामने लाने के लिए कैप्टेन शिव कुमार को भी झूठे आरोपों में न फंसाया जायेगा.

जब भूखे और बेबस लोगों के लिए रोटी ही विनाश का हथियार बन जाए तो क्या ही कहा जा सकता है। फ़लस्तीनी ऐसे अपराध का सामना कर र...
28/06/2025

जब भूखे और बेबस लोगों के लिए रोटी ही विनाश का हथियार बन जाए तो क्या ही कहा जा सकता है। फ़लस्तीनी ऐसे अपराध का सामना कर रहे हैं जैसा दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा।

इज़राइल पर मानवीय सहायता की आड़ में ग़ज़ा में नशे की लत पैदा करने वाली ओपिऑइड दवाओं की तस्करी का गंभीर आरोप लगाया गया है।

ग़ज़ा से सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्टों ने युद्ध के एक बेहद खतरनाक और गुप्त स्वरूप का पर्दाफ़ाश किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़राइली सेना ने मानवीय राहत सामग्री के ज़रिए बेहद नशे की लत पैदा करने वाली दवा ऑक्सिकोडोन को ग़ज़ा में भेजा। ज़मीनी स्तर पर मौजूद फार्मासिस्टों और स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि आटे की बोरियों में छिपाकर न केवल गोलियाँ भेजी गईं, बल्कि कुछ मामलों में आटे में ही यह नशीला पदार्थ मिला हुआ भी पाया गया।

ऑक्सिकोडोन एक शक्तिशाली ओपिऑइड है, जिसका सामान्यतः इस्तेमाल केवल मरणासन्न रोगियों को गंभीर दर्द से राहत देने के लिए किया जाता है। इसके दुष्प्रभाव अत्यंत घातक होते हैं, जैसे गहरी लत लग जाना, मानसिक क्षमताओं में गिरावट, और साँस लेने में विफलता।

ग़ज़ा जैसे पहले से ही त्रस्त और संकटग्रस्त क्षेत्र में, जहाँ मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की लगभग कोई व्यवस्था नहीं है, इस तरह की जानबूझकर की गई ज़हरीली रणनीति एक समूची आबादी के सामाजिक और मानसिक ढांचे को स्थायी रूप से तबाह कर सकती है। उस आबादी को, जो वर्षों की नाकेबंदी, युद्ध और बमबारी का दंश पहले ही झेल रही है।

यह न केवल क्रूरता है, बल्कि यह रासायनिक युद्ध का एक रूप है जो ‘मानवीय सहायता’ के मुखौटे में छिपा हुआ है।

'कांटा लगा' फेम शेफाली जरीवाला की कार्डियक अरेस्ट से मौ,त.
27/06/2025

'कांटा लगा' फेम शेफाली जरीवाला की कार्डियक अरेस्ट से मौ,त.

Cyprus.  साइप्रस __.   बोले तो  'न्यू इज़राइल' ?==================ईरान इज़राईल युद्ध के दौरान सबसे ज्यादा इजराईली साइप्र...
26/06/2025

Cyprus. साइप्रस __. बोले तो 'न्यू इज़राइल' ?
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ईरान इज़राईल युद्ध के दौरान सबसे ज्यादा इजराईली साइप्रस क्यों भागे थे ? इसके पीछे कई बड़े कारण हैं।

तीन दिन पहले लिखा भी था कि एक दिन साइप्रस सिमट जाएगा और वहां न्यू इज़राइल बनकर तैयार हो जाएगा।

कल साइप्रस के महासचिव स्टेफनोस स्टेफनू ने दक्षिणी साइप्रस में इज़राइलियों द्वारा बड़ी संख्या में संपत्ति में निवेश में वृद्धि पर चेतावनी व्यक्त की है, और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताया है। उन्होंने कहा कि इजराईली हम पर कब्जा कर रहे हैं।

स्टेफनु ने कहा कि इज़राइली खरीदार महत्वपूर्ण ज़मीनें और रणनीतिक आर्थिक संपत्ति खरीद रहे हैं, साथ ही सामुदायिक बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं, जिसमें स्कूलों और सभागृह शामिल हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे साइप्रस देश का भविष्य ख़तरे में पड़ सकता है।

अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने "न्यू इज़रायल" और "इजराइल के कब्जे वाले नए देश जैसी साज़िश का जिक्र किया है।

साइप्रियोट अखबार पोलिटिस ने बताया कि लगभग 15,000 इज़राइली वर्तमान में साइप्रस में संपत्ति रखते हैं, चबाड जैसे समूह इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

ईरान के अंतिम शाह रेजा पहलवी अपनी पत्नी सोराया के लिए सिगरेट जलाते हुए, 1950 का दशक, ये वही शाह है जिसे अमेरिका फिर से ई...
26/06/2025

ईरान के अंतिम शाह रेजा पहलवी अपनी पत्नी सोराया के लिए सिगरेट जलाते हुए, 1950 का दशक, ये वही शाह है जिसे अमेरिका फिर से ईरान की सत्ता में लाना चाहता है।

तेहरान से बड़ी खबर सामने आई है जहां ईरान की संसद ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA)...
25/06/2025

तेहरान से बड़ी खबर सामने आई है जहां ईरान की संसद ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सभी प्रकार के सहयोग को पूरी तरह से समाप्त करने वाले बिल को मंज़ूरी दे दी है...

इस फैसले को ईरान की राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के लिए अहम माना जा रहा है... संसद के अनुसार, अब ईरान IAEA को अपने परमाणु स्थलों तक पहुँच या निगरानी का कोई विशेषाधिकार नहीं देगा...

बताते चलें हाल ही में अमेरीका द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर अटैक करने पर IAEA ने कोई सख्त कदन अमेरीका के विरुद्ध नहीं उठाया, जबकि IAEA बहुत नजदीक से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नज़र रखे हुए था और आश्वस्त था कि ईरान परमाणु हथियार जैसे किसी कार्यक्रम से नहीं जुड़ा हुआ है... फिर भी अटैक हुआ और IAEA ने अमेरीका के विरुद्ध कोई एक्शन नहीं लिया...

ईरान की संसद ने होर्मुज़ जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया, अंतिम निर्णय सुरक्षा परिषद पर निर्भर.मध्य पूर्व ...
22/06/2025

ईरान की संसद ने होर्मुज़ जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया, अंतिम निर्णय सुरक्षा परिषद पर निर्भर.

मध्य पूर्व में एक बार फिर तनाव की लपटें तेज़ हो गई हैं। अमेरिका और इज़राइल के साथ चल रहे टकराव के बीच, ईरान की संसद ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए होर्मुज़ जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह जलडमरूमध्य वैश्विक तेल आपूर्ति का एक प्रमुख मार्ग है, जिससे प्रतिदिन लाखों बैरल कच्चा तेल गुजरता है।

यह कदम अमेरिका द्वारा हाल ही में ईरानी परमाणु ठिकानों पर किए गए सैन्य हमलों के जवाब में उठाया गया है। ईरान के सरकारी चैनल 'प्रेस टीवी' के अनुसार, संसद में बहुमत के साथ पारित इस प्रस्ताव के बाद अंतिम निर्णय अब देश की सर्वोच्च सुरक्षा संस्था सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को लेना है।

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वo अटल बिहारी बाजपेई जी ने भी कई मर्तबा अपने अभिभाषण में ये बात कही थी, कि जो ज़मीन इज़रा...
21/06/2025

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वo अटल बिहारी बाजपेई जी ने भी कई मर्तबा अपने अभिभाषण में ये बात कही थी, कि जो ज़मीन इज़राइल ने मदद करने के बावजूद सीधे साधे फिलिस्तीनियों से छीनी है, उसको वापस करनी होगी।

फ़िलहाल पूरी दुनिया को ये हक़ीक़त पता है कि
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जब हिटलर ने यहूदियों को मार मार कर भगाया था, और कोई भी देश यहूदियों की मदद नहीं कर रहा था तब फिलिस्तीनियों ने ही नंगे भूखे यहूदियों को पनाह दी थी

जब हिटलर ने यहूदियों को मार मार कर जर्मनी से खदेड़ा था, यहूदियों के पास सर छुपाने को जगह नही था तो फिलिस्तीन ने ही नंगे भुखे यहूदियों को गले लगाया था। आज वही यहूदी एहसान फरामोश निकले... यहूदियों ने फिलिस्तीन को आधा से ज्यादा कब्जा कर इजराइल नाम से अपना देश बना लिया और अब रोज फिलिस्तीनियो पर जुल्म ढा रहा है।

फिलिस्तीन के बीच जारी जंग के मद्देनजर उस दौर को याद किया जा रहा है। जब हिटलर यहूदियों को मार रहा था और यहूदियों को दुनिया भर में सर छुपाने के लिए जगह नहीं मिल रही थी। ऐसी सूरत में फिलिस्तीन ही वह देश था। जिसने हिटलर द्वारा मार कर भगाए गए नंगे भुखे यहूदियों को अपने सरजमीं पर न केवल पनाह दी बल्कि उनको रोजी रोटी का भी सहारा दिया था।
हिटलर जब यहूदियों को मार रहा था तब कुछ को हिटलर ने जिंदा छोड़ दिया था और उसने कहा था कि मैं अगर चाहूं तो सारे यहूदियों को खत्म कर सकता हूं लेकिन मैं कुछ को जिंदा छोड़ रहा हूं,, ताकि दुनिया देखे कि मैंने इनको क्यों मारा...

भागते हुए यहूदियों का भरा जहाज फिलिस्तीनी बंदरगाह पर रुका... जिस पर लिखा हुआ था... "जर्मनी में हमारा सब कुछ तबाह हो गया"...। तुम फिलिस्तीनी मुस्लिम हमारी आखिरी उम्मीद हो, हमें पनाह दे दो,, 1947 में उस वक्त फिलिस्तीनी मुसलमानों ने इनको गले लगाया, बल्कि अपने मुल्क में पनाह दी। खाने को भोजन दिया। उनके बच्चों को अपनाया यतीम विधवाओं के सर पर हाथ रखा.... पर वो यह नही समझ रहे थे उन्होंने सपोलों को जगह दी है..,, जिनकी कीमत आज तक फिलिस्तीनियो चुकानी पड़ रही है।
पर अब नहीं,,,
इज़राइल ने ज़ुल्म करने की अति की भी हद पार कर ली थी,, जिसके अंजाम के लिए अब उसको तैयार रहना होगा।

मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने देखा है वह ना तो हमसे पहले किसी पीढ़ी ने देखा है...
18/06/2025

मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने देखा है वह ना तो हमसे पहले किसी पीढ़ी ने देखा है और ना ही हमारे बाद किसी पीढ़ी के देखने की संभावना लगती है

हम वह आखिरी पीढ़ी हैं जिसने बैलगाड़ी से लेकर सुपर सोनिक जेट देखें हैं.बैरंग ख़त से लेकर लाइव चैटिंग तक देखा है और असंभव लगने वाली बहुत सी बातों को संभव होता देखा है.

● हम वो आखिरी पीढ़ी हैं

जिन्होंने कई-कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं, जमीन पर बैठ कर खाना खाया है, प्लेट में चाय पी है।

● हम वो आखिरी लोग हैं…

जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर, नुक्कड़ से भाग कर, घर आ जाया करते थे. और समाज के बड़े बूढों की इज़्ज़त डरने की हद तक करते थे

● हम वो आखिरी पीढ़ी के लोग हैं

जिन्होंने चिमनी , लालटेन, कम या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और चादर के अंदर छिपा कर नावेल पढ़े हैं।

● हम उसी पीढ़ी के लोग हैं…

जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात, खतों में आदान प्रदान किये हैं और उन ख़तो के पहुंचने और जवाब के वापस आने में महीनों तक इंतजार किया है।

● हम उस आखिरी पीढ़ी के लोग हैं

जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही बचपन गुज़ारा है। और बिजली के बिना भी गुज़ारा किया है।

जो अक्सर अपने छोटे बालों में, सरसों का ज्यादा तेल लगा कर, स्कूल और शादियों में जाया करते थे।

जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी, किताबें, कपडे और हाथ काले, नीले किये है। तख़्ती पर सेठे की क़लम से लिखा है और तख़्ती घोटी है।

जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है. और घर में शिकायत करने पर फिर मार खाई है

जिन्होंने गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर शेव बनाई है जिन्होंने गुड़ की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है और कभी कभी तो नमक से या लकड़ी के कोयले से दांत साफ किए हैं।

जिन्होंने चांदनी रातों में, रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो, बिनाका गीत माला और हवा महल जैसे ❣️🙏

#यादें

Ex CM विजय रुपानी की हर गाड़ी का नंबर 1206 हैआज तारीख 12.06 है .... अहमदाबाद एयर क्रैश
12/06/2025

Ex CM विजय रुपानी की हर गाड़ी का नंबर 1206 है
आज तारीख 12.06 है .... अहमदाबाद एयर क्रैश

ये मात्र संयोग है या प्रयोग है?सभी मृतकों की आत्मा को शांति मिले.🙏👇
12/06/2025

ये मात्र संयोग है या प्रयोग है?
सभी मृतकों की आत्मा को शांति मिले.
🙏👇

दुनिया भर में तेज़ी से पाँव पसार रहा इस्लाम धर्म, प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट..
11/06/2025

दुनिया भर में तेज़ी से पाँव पसार रहा इस्लाम धर्म, प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट..

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