17/09/2025
पीएम मोदी का 75वां जन्मदिन:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने शासन और नीति निर्माण में एक नए युग की शुरुआत की है। इस नए युग को हम मोदीफाइड गवर्नेंस का नाम देते हैं। यह केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि एक ऐसा प्रशासनिक मॉडल है जिसने भारत के शासन तंत्र, नीति निर्माण, नागरिक सहभागिता, तकनीकी नवाचार और वैश्विक कूटनीति को नई दिशा दी है।
आज भारत जिस आत्मविश्वास और गतिशीलता के साथ आगे बढ़ रहा है, उसकी जड़ें इसी सोच में गहराई से जुड़ी हैं। इसका मूल आधार इरादे और प्रभाव के बीच की खाई को पाटना है, यह सुनिश्चित करना कि विकासात्मक पहलें तेजी और पारदर्शिता के साथ जमीनी स्तर तक पहुंचें। यह तकनीक, प्रत्यक्ष लाभ वितरण और नागरिक सशक्तिकरण के स्तंभों पर निर्मित एक ढांचा है, जो राष्ट्रीय आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना को बढ़ावा देता है।
यह गवर्नेंस मॉडल आत्मनिर्भर भारत-स्वावलंबी भारत की दृष्टि से प्रेरणा लेता है, जहां हर नीति केवल तत्काल राहत के लिए नहीं बल्कि दीर्घकालिक स्थिरता के लिए डिजाइन की जाती है।
पिछले दशक में, इसने स्वास्थ्य सेवा और वित्त से लेकर डिजिटल अवसंरचना और पर्यावरण संरक्षण तक विविध क्षेत्रों को छुआ है। जो बात उल्लेखनीय है, वह है मापनीय परिणामों पर जोर। योजनाओं की वास्तविक समय में निगरानी की जाती है, फीडबैक के आधार पर समायोजित की जाती है और अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ाई जाती है। इससे न केवल भारत की विकास गति तेज हुई है बल्कि इसे उत्तरदायी प्रशासन का वैश्विक उदाहरण बनाया है।
मोदीफाइड गवर्नेंस की एक प्रमुख विशेषता समाज के सबसे कमजोर वर्गों को लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से ऊपर उठाने की प्रतिबद्धता है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई), जो एक मई 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया से शुरू की गई, इसका उदाहरण है जो ग्रामीण और वंचित परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन प्रदान करती है।
(प्रेम शंकर झा, लेखक; भारतीय रेलवे सेवा अधिकारी, 2008 बैच के अधिकारी और नैतिक शासन के जानकार है।)
Narendra Modi