24/10/2022
!!!दीपावली पर षढयंत्र!!!
एक लाख का इनाम यदि कोई ब्राह्मण सिद्ध कर दे कि दशहरे के दिन रावण मारा गया था और राम दीपावली को अयोध्या वापिस आया था ।
एक बार भंते सुमेधानंद दीपावली के समय पर बाजार में एक दुकान पर बैठे हुए थे । बाजार में दुकानों पर बहुत भीड़ थी । भंते जी ने उस दुकानदार से पूछा कि दुकानों पर आज इतनी भीड़ क्यों है ।
दुकानदार ने बताया कि भंते जी कल दीपावली है , इसलिए दुकानों पर भीड़ अधिक है । भंते जी ने उस दुकानदार से पूछा कि ये दीवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ? दुकानदार ने वहाँ बैठे पंडित को इशारा करते हुए कहा कि हे भंते जी ये पण्डित जी बतायेंगे ।
उस ब्राह्मण ने भंते जी को बताया कि दीवाली के दिन भगवान राम वनवास से वापिस आये थे , उस ख़ुशी में दीवाली का त्यौहार मनाया जाता है ।
*श्रमण - हे ब्राह्मण ! आप मनगढ़ंत कहानियों से भारत के आस्थावादी लोगों को खूब मूर्ख बनाते हैं ।
ब्राह्मण - हे भंते ! कैसे ।
*श्रमण - हे ब्राह्मण ! कभी तुम राम के नाम पर दीपावली की मनगढ़ंत कहानी रचते हैं , कभी तुम सबरी के राम द्वारा झूठे बेर खाने का पाखण्ड रचते हैं , कभी सोने की लंका का पाखण्ड रच कर लोगों को मूर्ख बनाते हैं ।
ब्राह्मण - हे भंते ! इसमें क्या गलत है , राम दीपावली के दिन ही वनवास से वापिस आये थे ।
*श्रमण - हे ब्राह्मण ! आपकी किसी भी रामायण में लिखा है कि राम दीपावली के दिन वन से वापिस आये थे ।
ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा किसी भी रामायण में नही लिखा है ।
*श्रमण - हे ब्राह्मण ! आपकी किसी भी रामायण में लिखा है कि राम ने सबरी के झूठे बेर खाये थे ।
ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा किसी भी रामायण में नही लिखा है ।
*श्रमण - हे ब्राह्मण ! आप लोग फिर मनगढ़ंत बातों से लोगों को दिग्भ्रमित क्यों करते हैं ।
ब्राह्मण - हे भंते ! ये आस्था का सवाल है ।
*श्रमण - हे ब्राह्मण ! आस्था के पाखण्डों से लोगों को मूर्ख बनाना अधर्म नही है । आपको अपने ग्रंथों के सम्बंध में ज्ञान है ।
ब्राह्मण - हे भंते ! अच्छा ज्ञान है ।
*श्रमण - हे ब्राह्मण ! राम का जन्म तुम कब मनाते हैं ।
ब्राह्मण - हे भंते ! राम का जन्म चैत्र माह में नवमीं को मनाते हैं।
*श्रमण - हे ब्राह्मण ! वनवास के समय राम की आयु 17 वर्ष की थी , क्या आपको पता है ।
ब्राह्मण - हे भंते ! मुझे मालूम नही है , परन्तु आपको कैसे पता ?
*श्रमण - हे ब्राह