01/08/2025
🟠 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शाखा में एक नया खेल: “गति-गुरु” 🕶️🏃♂️
विचार: शाखा में शारीरिक चुस्ती के साथ-साथ मानसिक सजगता भी ज़रूरी है। “गति-गुरु” एक ऐसा नया खेल है जो दोनों को साथ में विकसित करता है — गति, ध्यान, और नेतृत्व क्षमता।
🔶 खेल का स्वरूप:
- खिलाड़ी: न्यूनतम 8 स्वयंसेवक
- स्थान: मैदान या खुली जगह
- सामग्री: कोई विशेष उपकरण नहीं, बस शाखा की परंपरागत पंक्तियाँ
🔶 खेलने की विधि:
1. सभी खिलाड़ी एक गोल घेरे में खड़े होते हैं।
2. एक “गति-गुरु” चुना जाता है जो बीच में खड़ा होता है।
3. गति-गुरु कुछ विशेष क्रिया करता है जैसे — ताली, एक कदम आगे, या हाथ ऊपर उठाना।
4. बाकी खिलाड़ी उसी क्रिया को अनुकरण करते हैं।
5. गति-गुरु अचानक क्रिया को बदल देता है — जो ध्यान नहीं देता, वह बाहर हो जाता है।
6. अंत में जो सबसे सजग और कुशल रहता है, वही अगला गति-गुरु बनता है।
🔶 उद्देश्य:
- नेतृत्व कौशल को बढ़ाना
- मानसिक एकाग्रता का विकास
- हल्के-फुल्के अंदाज़ में अनुशासन को मज़बूती देना
✨ यह खेल विशेष रूप से बाल स्वयंसेवकों के लिए उपयुक्त है, पर युवा व वरिष्ठों के बीच भी इसे रुचिकर बनाया जा सकता है।