
11/09/2024
राधा की नई उड़ान:
राधा एक छोटे से गाँव में रहने वाली साधारण गृहिणी थी। उसकी दिनचर्या सुबह से शाम तक परिवार के कामकाज में उलझी रहती थी। अपने पति, सास-ससुर, और बच्चों की देखभाल के बीच उसका खुद का कोई सपना नहीं रह गया था। जब भी वह कुछ नया करने की सोचना चाहती, घर की जिम्मेदारियों का बोझ उसके सपनों को दबा देता था।
बचपन के सपने
राधा को बचपन से पढ़ाई और कुछ बड़ा करने का बहुत शौक था। स्कूल में वह हमेशा अव्वल रहती थी और उसके शिक्षकों का मानना था कि वह कुछ बड़ा कर सकती है। लेकिन समय के साथ, उसके सपने कहीं धुंधले हो गए। उसकी शादी हो गई, और परिवार की जिम्मेदारियों ने उसकी प्राथमिकता बदल दी।
नया मोड़
एक दिन, राधा की सहेली सीमा गाँव से बाहर से वापस आई। सीमा शहर में काम करती थी और हर बार जब वह गाँव आती, तो नई-नई बातें और कहानियाँ सुनाती। इस बार जब सीमा आई, तो उसने बताया कि उसने अपना खुद का ऑनलाइन व्यापार शुरू किया है और अब वह खुद अपने पैरों पर खड़ी है। राधा को यह सुनकर आश्चर्य हुआ। उसे विश्वास नहीं हुआ कि उसकी साधारण सी दिखने वाली सहेली इतनी सफल हो सकती है।
सीमा ने राधा को समझाया, "तू भी कुछ कर सकती है राधा। घर की जिम्मेदारियों के साथ भी काम किया जा सकता है। बस शुरुआत करने की देर है।"
आत्म-संवाद और संघर्ष
उस रात राधा ने खुद से सवाल किया, "क्या मैं भी कुछ कर सकती हूँ? क्या मेरे सपने सच हो सकते हैं?" उसे याद आया कि वह बचपन में सिलाई-कढ़ाई में बहुत अच्छी थी। उसने कई बार अपने बच्चों के कपड़े सिले थे और हर कोई उसकी तारीफ करता था। लेकिन, उसने कभी इसे पेशेवर रूप से नहीं सोचा था।
अगले दिन, उसने अपने पति मोहन से इस बारे में बात की। मोहन ने उसकी बात ध्यान से सुनी और कुछ देर सोचने के बाद कहा, "अगर तू इसे करने का मन बना चुकी है, तो मैं तेरा साथ दूँगा। पर शुरुआत छोटी से करना, ताकि घर के काम भी न छूटें और तू खुद को भी संभाल सके।"
पहला कदम
राधा ने अपने छोटे से घर के एक कोने में सिलाई मशीन लगाई। पहले तो उसने गाँव के बच्चों के कपड़े सिले, फिर धीरे-धीरे उसकी कला की चर्चा पूरे गाँव में फैलने लगी। उसने कुछ महीनों में इतना कमा लिया कि वह खुद अपने खर्चे निकालने लगी। इस सफलता से राधा के आत्मविश्वास में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई।
कुछ समय बाद, राधा ने ऑनलाइन ऑर्डर लेना शुरू किया। उसका छोटा सा सिलाई का काम अब एक व्यापार में बदलने लगा था। उसे एहसास हुआ कि उसने घर की जिम्मेदारियों के साथ भी अपने सपनों को पंख दे दिए थे।
परिवार और समाज पर प्रभाव
राधा की सफलता न केवल उसके जीवन को बदल रही थी, बल्कि उसका परिवार भी अब उसकी सराहना करने लगा था। उसकी बेटी उसे देखकर प्रेरित हुई और उसने भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया। राधा का पति मोहन भी गर्व महसूस करता था कि उसकी पत्नी अब परिवार की आर्थिक स्थिति को भी संभालने में मदद कर रही है।
राधा की इस यात्रा ने गाँव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया। वे भी अब सोचने लगीं कि अगर राधा कर सकती है, तो वे भी कुछ कर सकती हैं। राधा अब गाँव की महिलाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी थी। वह उन्हें भी छोटे-छोटे काम करने की सलाह देती और उनकी मदद करती।
निष्कर्ष
राधा की कहानी यह साबित करती है कि महिलाओं को अगर सही मौका और समर्थन मिले, तो वे न केवल अपने परिवार की जिम्मेदारियों को अच्छी तरह निभा सकती हैं, बल्कि अपने सपनों को भी पूरा कर सकती हैं। कार्यक्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी केवल उनकी व्यक्तिगत उन्नति का साधन नहीं है, बल्कि यह परिवार और समाज की समृद्धि के लिए भी आवश्यक है।
राधा की नई उड़ान हमें यह सीख देती है कि सपने उम्र या परिस्थितियों की मोहताज नहीं होते। बस हमें खुद पर विश्वास करना चाहिए और सही समय पर पहला कदम उठाना चाहिए। जब महिलाएं अपने आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ती हैं, तो वे न केवल अपनी बल्कि अपने परिवार और समाज की भी किस्मत बदल सकती हैं।
राधाष्टमी की शुभकामनायें ...dh@nraj