15/04/2025
"एक #जमाना था जब #उत्तरप्रदेश में #बाबू_सिंह_कुशवाहा जी की #तूती बोलती थी"
दौर था वर्ष 2007 से 2012 का जब उत्तरप्रदेश में बसपा की सरकार थी और उस सरकार में कैबिनेट मंत्री हुआ करते थे #बाबू सिंह कुशवाहा जी जो कि मायावती के काफी विश्वासपात्र थे तब बाबू सिंह कुशवाहा जी ने भी सरकार में मंत्री रहते हुए उत्तरप्रदेश में #पिछड़ो व #दलितों को हकमारी बन्द कर उन्हें सरकारी संस्थाओं के दरवाजे पूर्णतः खोल दिए साथ ही राज्य में महत्वपूर्ण पदों पर उनकी नियुक्ति भी करवाई, उनमे से कुछ तो ऐसे भी थे जिनकी हालत काफी दयनीय थी, बाबू सिंह कुशवाहा जी की छत्रछाया में आते ही रातोरात फर्श से अर्श पर पहुँच गए, उत्तरप्रदेश की राजनीति में ऐसा भी समय आया जब उत्तरप्रदेश में सभी लालबत्ती, निली बत्ती व जिला पंचायत आदि महत्वपूर्ण पद बाबू सिंह कुशवाहा के रहमो करम से बनने लगे, बाबू सिंह कुशवाहा जी ने भी इसका खूब फायदा उठाया और राज्य में पिछड़ो और दलितों को आर्थिक, समाजिक व राजनैतिक सुदृढ़ करते रहे इसतरह वो बसपा में मायावती के बाद सबसे बड़े नेता के रूप में उभर के सामने आए,
देश की राजनीति में एक समय ऐसा भी आया जब मायावती जी देश की PM की रेस में पहुँच गई तो बात उत्तर प्रदेश में इसबात की चर्चाएं होने लगी कि उत्तरप्रदेश के अगला CM कौन होगा ? तो सबसे पहला नाम आया बाबू सिंह कुशवाहा का; बस यही से जन्म होता है बाबू सिंह कुशवाहा जी के दुश्मनों का जिन्होंने कलांतर में उन्हें घोटाले तथा डॉक्टरों की हत्या में फंसाकर जेल भिजवा दिया,
पिछड़े व दलितों की सेवा का परिणाम बाबू सिंह कुशवाहा जी को यह मिला की बिना अपराध के लगभग 4साल तक जेल में रहें अंत मे न्यायालय ने अपराध मुक्त पाने के बाद 5 फरवरी 2016 को जेल से रिहा कर दिया, अपने नेता के दीदार के लिए गाज़ियाबाद के डसना जेल के बाहर सैकड़ो गाड़िया व हजारों समथर्क उनके स्वागत के लिए खड़े थे, जैसे ही बाबू सिंह कुशवाहा जेल से बाहर निकलते ही नारे लगे
" जेल का ताला टूट गया
शेर हमारा छूट गया "
समर्थको ने बाबू सिंह कुशवाहा जिंदाबाद-जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिया पूरा इलाका बाबू सिंह कुशवाहा जिंदाबाद के नारों से गूंज रहा था, बाबू सिंह कुशवाहा अपने समर्थकों के साथ लखनऊ के लिए निकल पड़े पूरे रास्ते मे उत्तरप्रदेश के बड़े नेता जगह-जगह स्वागत करते रहे व अपने व बाबूसिंह समर्थकों के साथ बाबू सिंह कुशवाहा की करवा में शामिल होते गए, कांरवा अब लखनऊ पहुँच चुका था, अब कांरवा में शामिल थे हजारों चार पहिया वाहनों ने लखनऊ को लगभग 3 घंटे तक जाम कर दिया व पूरा लखनऊ देर रात तक बाबू सिंह कुशवाहा जिंदाबाद के नारों से गूंजता रहा और अपने नेता से मन ही मन कहता रहा, क्यों काट दिए वो 4साल का लम्बा समय #काल-कोठरी में वो भी हमारी भलाई के ऐवज में,
कलांतर में बाबू सिंह ने अपनी पार्टी बनाई (J*P) िकार_पार्टी जिसने 2017 व 2022 का उत्तर प्रदेश चुनाव लड़ा लेकिन बीजेपी द्वारा केशव प्रसाद मौर्य को अघोषित मुख्यमंत्री घोषित किये जाने के कारण दोनों बार इस आस में #मौर्य(सैनी,शाक्य व कुशवाहा) समाज के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग का एकमुश्त वोट बीजेपी को चला गया व बाबू सिंह कुशवाहा जी को कोई भी सफलता नही मिली,
2024 में इंडिया गठबंधन के माध्यम से समाजवादी पार्टी के सिंबल पर जौनपुर लोकसभा पर भारी बहुमत से विजय प्राप्त की l आज बाबू सिंह कुशवाहा जी का बढ़ता कद सभी राजनीतिक दलों में सर दर्द का माहौल पैदा किए हुए हैं
आज फिर 2027 की राजनीति विसात बिछाई जा रही है लेकिन इस बार शाक्य कुशवाहा मौर्य सैनी समाज सतर्क भी है और अपने नेता के साथ चलने को तैयार भी हैl
लेकिन आज #समाज(पिछड़े व दलित) और मैं जानना चाहता है कि बाबू सिंह कुशवाहा के रहमो करम पर #धनाढ्य सामंत बनने वाले आज किस बिल में घुस गए है कि, आज वो मुश्किल वक्त में बाबू सिंह के साथ दिखाई नही देते, वह सभी या तो अपनी अमीरी में मस्त है या भोगविलास मे।
आज जो समाज के कुछ नेता उड़ रहे हैं उनको भी वहां तक पहुंचाने में बाबू जी का बहुत बड़ा हाथ था।
Babu Singh Kushwaha Jan Adhikar Party
Shiv Kanya Kushwaha