21/11/2025
#नॉटनल #पढ़ना_ही_ज़िंदगी_है
आधुनिक साहित्य और रामविलास शर्मा - सुधा सिंह ...................................
1858 ई. में मार्क्स ने यह निष्कर्ष निकाला कि अंग्रेज़ टैक्सों के जरिए जो रकम वसूल करते हैं, उसका कोई हिस्सा सार्वजनिक उपयोग के कामों पर (सिंचाई व्यवस्था आदि पर) खर्च नहीं किया जाता । रामविलास शर्मा ने मार्क्स के मूल्यांकन की रोशनी में लिखा, ‘अंग्रेज़ भारत के सामाजिक विकास के लिए आवश्यक सार्वजनिक उपयोग के कामों पर यहां की जनता से वसूल किया हुआ धन खर्च न कर रहे थे । अंग्रेज़ों ने भारत की लूट को सुगम बनाने के लिए यहां रेल-तार व्यवस्था क़ायम की । इस उपलब्धि का डंका डलहौज़ी ने पीटा था ।’7
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