Rihai Manch News

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26/11/2024

संभल में युवकों की मौत और हिंसा के लिए डीएम-एसपी पर हो कार्रवाई- रिहाई मंच

लखनऊ 26 नवंबर 2024. रिहाई मंच ने संभल में चार मुस्लिम युवकों की मौत और हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई करने की मांग की है. मंच ने कहा कि संभल में शांति और सौहार्द के माहौल को बनाए रखने में प्रशासन असफल रहा और उस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप है. मृतकों के परिजनों का स्पष्ट आरोप है कि लड़कों की मौत पुलिस की गोली से हुई है.

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शोएब ने कहा कि संभल मामले में सांसद जियाउर्रहमान पर एफआईआर ने जो कि वहां मौजूद नहीं थे साफ कर दिया है कि यूपी में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है. एडवोकेट जफर अली को मीडिया से बात करने के बाद पुलिस ने उठाकर आवाज को दबाने की कोशिश की. आजाद समाज पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को सम्भल जाने से रोकना या फिर सामाजिक-राजनीतिक लोगों को संभल न आने देना सच को छुपाने की कोशिश है. इस मामले में याचिकाकर्ता, सर्वे टीम की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए. जिस तरह से बहराइच में स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया कि भाजपा की शह पर साजिश रची गई ठीक इस मामले में भी यही आएगा. तीन हजार से अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज करने वाली पुलिस बताए कि सर्वे टीम के साथ नारा लगाने वालों पर क्या एफआईआर हुई अगर नहीं तो क्यों नहीं. वीडियो फुटेज के आधार पर कार्रवाई की बात करने वाले प्रशासन को बताना चाहिए कि पुलिस द्वारा गोली चलाने और पत्थरबाजी वाले वीडियो पर क्या कार्रवाई की, क्या उन पर भी रासुका लगेगी.

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि इतनी बड़ी हिंसा के बाद संभल के एसपी जिस तरह से हंस-हंसकर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे वो बेहद शर्मनाक है. इस तरह के असंवेदनशील और गैरजिम्मेदार अधिकारियों का पद पर बने रहना राष्ट्रहित में नहीं है. जिस तरह कार्रवाई की वह बात कर रहे और मीडिया में आ रहा है कि घरों में घुसकर पुलिस ने तोड़फोड़ किया ऐसे में फर्जी एफआईआर, गिरफ्तारी और दबिश के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है. हिंसा में मारे गए युवकों के परिजनों के आरोपों को देखा जाए तो पुलिस द्वारा यह टारगेट किलिंग का मामला है. पुलिस यह कहकर नहीं बच सकती कि उसने गोली नहीं चलाई क्योंकि कई वायरल वीडियो में गोली ही नहीं पत्थरबाजी करती भी पुलिस नजर आई. इससे पहले भी 2 अप्रैल 2018 को दलित समाज द्वारा किए गए भारत बंद, 19-20 दिसंबर 2019 को हुए नागरिकता आंदोलन और किसान आंदोलन के दौरान भाजपा राज में गोलियों से आमजन मारे गए. पूरे मामले में पुलिस की भूमिका को देखते हुए आरोपों को खारिज नहीं किया जा सकता कि पुलिस ने प्राइवेट हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया. सम्भल हो या उपचुनाव, जिस तरह से पुलिस ने महिलाओं तक पर असलहा ताना उसने यूपी पुलिस की मानसिकता को उजागर कर दिया है. पुलिस का कहना है कि उसने आंसू गैस और लाठियों का प्रयोग किया. गोली चलाने के आदेश के बिना अगर डीएम, एसपी की संभल में मौजूदगी में पुलिस गोलियां चला रही है तो स्पष्ट है कि आला अधिकारियों से उनकी पुलिस ही नहीं संभल रही. अगर ऐसा रहता तो उनपर कार्रवाई होती लेकिन ऐसा बिल्कुल न होना स्पष्ट करता है कि उन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है. 19 नवंबर 2024 को देर शाम सर्वे और 24 की सुबह अलग-अलग गलियों से नारेबाजी करते हुए सर्वे टीम के आने के आरोपों को देखते हुए जिलाधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठता है. वहीं इतने संवेदनशील मुद्दे पर पीस कमेटी, दोनों समुदायों और शहर के संभ्रांत व्यक्तियों को दरकिनार करना कहीं से भी उचित नहीं था.

राजीव यादव
9452800752

25/11/2024

संभल हिंसा और मौतों के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार, घटना की हो उच्च स्तरीय जांच- रिहाई मंच

लखनऊ 25 नवम्बर 2024. रिहाई मंच ने संभल में हुए तनाव और तीन नागरिकों की मौत के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. कोर्ट के आदेश के बाद हो रहे सर्वे के दौरान हुई हिंसा और पुलिस की भूमिका पर माननीय सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए. इतने संवेदनशील मुद्दे पर आनन फानन में की गई कार्रवाई प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है जिसमें तीन परिवारों ने अपनों को खोया.

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शोएब ने कहा कि कानून व्यवस्था स्थापित करना शासन-प्रशासन का काम है, जिद और बदले की मानसिकता के चलते संभल में हिंसा हुई. आज से शुरू होने वाले संसद सत्र में अदाडी समूह रिश्वत मामले को लेकर उठने वाले सवालों को दबाने के लिए संभल जैसी घटनाओं की साजिश की गई. 19 नवंबर 2024 को कोर्ट में दावा पेश करने के चंद घंटों बाद सर्वे का आदेश और उसी दिन सर्वे, पर बहुत से सवाल हैं. सर्वे टीम के साथ पुलिस की घेराबंदी में नारेबाजी का वीडियो किसी सर्वे टीम का नहीं बल्कि राजनीतिक समर्थकों का हुजूम था. लोगों द्वारा सवाल उठाने पर जिलाधिकारी और एसपी द्वारा सर्वे रोकने से इनकार करना कानून व्यवस्था की बड़ी चूक थी जिसकी वजह से जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ. कमिश्नर यह कहकर नहीं बच सकते कि तैयार होकर जुटी थी भीड़, आखिर खुफिया विभाग कहां था.

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि नागरिकों की हिंसा में मौत के बाद पुलिस का यह कहना कि उपद्रवियों द्वारा पुलिस पर की गई फायरिंग में ही तीन लोगों की जान गई पर सवाल उठता है. संभल एसपी का कहना है कि बवाल के दौरान पुलिस ने गोली नहीं चलाई तो आखिर में वायरल वीडियो में कहां की पुलिस फायरिंग और पत्थरबाजी कर रही है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई की बात कहने वाले प्रशासन को गोली चलाओ, मारो-मारो और गाली देने वाला पुलिस का कारनामा नहीं दिखा. हिंसा के शिकार युवकों के परिजनों ने पुलिस की गोली से मौत होने की बात कही है ऐसे में इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो. भविष्य बर्बाद होने की चेतावनी देने वाले पुलिस अधिकारियों ने अगर भविष्य के बारे में सोचा होता तो हिंसा नहीं होती. आखिर एक बार उसी मस्जिद का सर्वे हो चुका था तो कुछ नहीं हुआ और फिर दूसरी बार ऐसा क्या हुआ जो तनाव भड़का. प्रशासन कह रहा है कि सर्वे का विरोध करते हुए नारेबाजी और पत्थरबाजी होने लगी. यह जांच का विषय है कि आखिर सर्वे टीम के साथ चल रहे नारे लगाने वाले कौन थे. क्या इन नारा लगाने वाले और सर्वे का विरोध करने वालों के बीच यह तनाव बढ़ा. अगर ऐसा नहीं तो प्रशासन बताए कि तनाव के माहौल सर्वे टीम के साथ नारेबाजी करने वालों को क्यों नहीं रोका गया या अबतक उनपर क्या कार्रवाई की गई. क्या इसी तरह के नारों के उकसाए में आकर संभल में तनाव भड़क गया. रासुका के तहत कार्रवाई की बात कहने वाला प्रशासन बताए कि किस वजह से किसके कहने पर कानून व्यवस्था को ताक पर रख दिया गया जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो गया.

रिहाई मंच ने प्रयागराज के अधिवक्ता काशान सिद्दीकी को पुलिस द्वारा उठाए जाने की निंदा करते हुए तत्काल रिहाई की मांग की. गौरतलब है कि काशान सिद्दीकी की पत्नी अस्मा फातिमा जो कि पार्षद भी हैं ने पुलिस आयुक्त प्रयागराज से शिकायत की है कि काशान को 24.11.24 को समय करीब 10:50 बजे रात क़ो पुलिस घर के पास से उन्हें करेली थाना पर ले गयी. उन्हें किस संबंध में उठाया गया है क्या उनके खिलाफ कोई मुक़दमा हुआ है या कोई वारंट है आदि कुछ भी नहीं बताया जा रहा है. जब कुछ अधिवक्ता और पत्नी और बहन करेली थाने पर पहुंच कर पूछताछ किया तो पुलिस कोई संतोष जनक जवाब नहीं दे पाई, पुलिस का कहना है कि केवल पूछताछ के लिए लाया गया है. देर रात करेली थाने से भी उन्हें हटा दिया गया और उनके घर परिवार को भी उनके बारे मे कोई जानकारी नही दी जा रही है.

राजीव यादव
9452800752

14/10/2024

बहराइच सांप्रदायिक तनाव के लिए योगी जिम्मेदार, नहीं संभल रही कानून व्यवस्था- रिहाई मंच

व्यक्ति द्वारा झंडा उतारने और दूसरा झंडा लहराने वाले वायरल वीडियो की हो जांच

चुनावों में ध्रुवीकरण के लिए भड़काए जा रहे हैं सांप्रदायिक तनाव

लखनऊ 14 अक्टूबर 2024। रिहाई मंच ने बहराइच के महाराजगंज कस्बे में भड़के साम्प्रदायिक तनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश की कानून व्यवस्था उनसे संभल नहीं रही है। मंहगाई-बेरोज़गारी जैसे मूलभूत सवालों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिकता भड़काई जा रही है।

यूपी समेत तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, झारखंड में हुए साम्प्रदायिक तनावों के लिए रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शोएब ने कहा कि भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए साम्प्रदायिकता को भड़का रही है। साम्प्रदायिक तत्वों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि पुलिस की मौजूदगी में दंगा भड़काते हुए आगजनी कर रहें हैं। वीडियो से लोगों को चिन्हित करने वाली योगी सरकार लाठी-डंडो से लैश साम्प्रदायिक भीड़ कब चिन्हित कर करवाई करेगी।

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि महराजगंज में हुए साम्प्रदायिक तनाव को लेकर आ रहे बयानों और झूठी अफवाओं के चलते साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई है। एक वायरल वीडियो सवाल उठाता है कि जिसमें एक व्यक्ति एक घर पर चढ़कर वहाँ फहर रहे हरे झंडे को खींचकर गिराता है जिस दौरान रेलिंग टूट जाती है और वह व्यक्ति उत्तेजना में दोनों हाथ उठाता है, भीड़ उत्तेजना में नारे लगाने लगती है और वह व्यक्ति भगवा झंडा लहराने लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी में कैसे उसको घर में खींच लिया गया। अगर उस घर के लोग इतने मजबूत थे कि इतनी भीड़ में से उसको घर में घसीट लिया तो उनकी मौजूदगी में कोई कैसे उनके घर के ऊपर चढ़ जाता है। ऐसे में किसी तरह का निष्कर्ष अफवाहों को बढ़ाएगा। ऐसे में यह जाँच का विषय है।

मंच महासचिव ने कहा कि कहा जा रहा है कि विसर्जन यात्रा के दौरान पथराव की घटना का पूजा समिति के लोगों ने विरोध किया तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। वहीं कुछ का बयान है कि डीजे को लेकर हुए विवाद के बाद पथराव हुआ। जिसके बाद मृतक दूसरे समुदाय के घर के छत पर चढ़ जाता है और वहां लगा झंडा हटा देता है और भगवा झंडा लहराता है। उसके बाद उसी घर से पथराव होता है और उस घर के लोग उसको घर के अंदर खींचकर बेरहमी से मारते हैं जिससे वह मर जाता है। बयानों में अंतर्विरोध है। पथराव के बाद लाठी चार्ज से तनाव बढ़ गया यह कहकर मृतक द्वारा घर पर चढ़कर झंडा उतारने और झंडा लहराने और भीड़ द्वारा उसे ऐसे करने के लिए दिए जा रहे समर्थन वाले वायरल वीडियो को नकारने की कोशिश की जा रही है।

रिहाई मंच के सचेंद्र प्रताप यादव ने भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी पर साम्प्रदायिकता भड़काने के लिए कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले भी शलभ मणि ने देवरिया में प्रेम चन्द यादव के हत्या के बाद हेट स्पीच देकर जाति तनाव को बढ़ाया था।

राजीव यादव
9452800752

अतीक और अशरफ या उसके बेटे असद समेत पूरे मामले में न्यायालय की भी भूमिका पर सवाल उठता है कि छोटी छोटी बातों पर संज्ञान ले...
17/04/2023

अतीक और अशरफ या उसके बेटे असद समेत पूरे मामले में न्यायालय की भी भूमिका पर सवाल उठता है कि छोटी छोटी बातों पर संज्ञान लेने वाला न्यायालय आखिर क्यों इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, अगर लिया तो क्या योगी आदित्यनाथ सरकार और उनके प्रशासन ने उसकी अवहेलना की.

अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले जिस तरह से जय श्री राम के नारे लगाए और जिसके बाद बधाई के संदेश दिए जा रहे हैं वो साफ करता है कि यह एक राजनैतिक हत्या है और जिसमें सबसे ज्यादा खतरनाक यह है कि इसमें स्टेट शामिल है. यानी स्टेट वॉयलेंस.

(समाज वीकली)- पुलिस हिरासत में मीडिया के कैमरों के सामने अतीक अहमद और अशरफ हत्या कांड पर रिहाई मंच महासचिव राजीव याद...

17/04/2023

यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में मोमबत्ती जलाकर दी गई श्रद्धांजलि (समाज वीकली)- लखनऊ 15 अप्रैल 2023. बलिया के छात्रनेता हेमंत या...

29/11/2022

िसंबर_2022 #अन्नदाता_के_संघर्ष_के_पचास_दिन
#चलो_खिरिया_बाग #मंदुरी_आजमगढ़

#किसानसंघर्षयात्रा

दोस्तों,
आज़मगढ़ की जनता यह बात समझ रही है कि सरकार पहले सरकारी एयरपोर्ट के नाम पर जमीन से हमें बेदखल कर देगी फिर उसे किसी देशी-विदेशी कंपनी को सौंप देगी। लोग यह समझते हैं कि खेती और गांव उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी जीविका व आवास उपलब्ध कराते हैं। महंगाई जिस गति से बढ़ रही है और मुद्रा का जिस गति से अवमूल्यन हो रहा है। मुआवजे की कोई भी राशि जमीन की तुलना में छोटी है। 15 सालों से मंदुरी में एयरपोर्ट बना हुआ है लेकिन स्थानीय लोगों के जीविकोपार्जन में उससे कोई लाभ नहीं है।

किसान संघर्ष यात्रा

कानपुर से आजमगढ़

30 -11-22 से 01-12-22

30 नवम्बर 2022 पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अम्बेडकर नगर शाहगंज रोड टोल प्लाजा पर 12 बजे स्वागत

मिल्कीपुर पर्चा वितरण

पवई पर्चा वितरण

रामापुर पर्चा वितरण

चकिया पर्चा वितरण

माहुल पर्चा वितरण

दखिन गावां पर्चा वितरण

अम्बारी 3 बजे किसान-मजदूर संवाद

1 दिसंबर फूलपुर पर्चा वितरण

1 दिसंबर 10 बजे सरायमीर में पत्रकार साथियों के साथ वार्ता

संजरपुर पर्चा वितरण

फरिहा पर्चा वितरण

निज़ामाबाद पर्चा वितरण

सोफीपुर पर्चा वितरण

तहबरपुर पर्चा वितरण

नेवादा पर्चा वितरण

मंदुरी पर्चा वितरण

ढाई बजे खिरिया की बाग

किसानों-मजदूरों के इस संघर्ष में आप सभी सादर आमंत्रित हैं.

संपर्क नंबर - डॉ संदीप पांडे - 0522 2355978 ( लखनऊ )
राजीव यादव - 8210437705 ( आजमगढ़ )
विरेन्द्र यादव - 9838302015 (आज़मगढ़)
अनिल मिश्रा - 8707449208 ( उन्नाव )
केएम भाई - 7985181117 ( कानपुर )

हम, भारत के लोग, देश के अन्नदाता

29/06/2022

कन्हैया लाल की निर्मम हत्या नफरती राजनीति का परिणाम- रिहाई मंच

इलाहाबाद के राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं पर 25-25 हजार का ईनाम घोषित कर मुठभेड़ के नाम पर हत्या की साजिश

तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार की गिरफ्तारी मोदी सरकार की बदले की कार्रवाई

लखनऊ 29 जून 2022. रिहाई मंच ने उदयपुर में कन्हैया लाल की निर्मम हत्या की कड़ी भर्त्सना की और सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि नफरत की राजनीति ने देश को खतरे में डाल दिया है. मंच ने नुपुर शर्मा की अब तक गिरफ्तारी न होने को भी घटना का प्रमुख कारण माना है.
कानपुर तनाव को लेकर पाकिस्तानी कनेक्शन जैसी थ्योरी सूंघना मामले को विदेशी साजिश का हिस्सा कहने की कोशिश है. अटाला, इलाहाबाद की घटना में वांछित 5 अभियुक्तों पर 25-25 हजार पुरस्कार घोषित करते हुए पुलिस द्वारा एनकाउंटर का बयान जारी करना मुठभेड़ के नाम पर हत्या की साजिश की ओर इशारा करता है.
मंच ने वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार और पत्रकार जुबैर की गिरफ्तारी को बदले की कार्रवाई कहा. मंच ने जौनपुर के पवारा थाना क्षेत्र के रामपुर हरिगिर गांव निवासी सतीश प्रजापति के घर पर यादव समुदाय के लोगों द्वारा कुम्हार समुदाय की महिलाओं पर ताबड़तोड़ लाठी डंडे से हमले की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि देश में नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने का परिणाम है उदयपुर की घटना. उन्होंने कहा कि न्याय की प्रक्रिया में राजनीतिक दखलंदाजी ने देश को खतरे में डाल दिया है जहां दो समुदायों को एक दूसरे का दुश्मन घोषित कर राज किया जा रहा है. मॉब लिंचिंग और उसके बाद वीडियो बनाकर उसे वायरल करना हत्यारी प्रवृत्ति बन गई है, जिसे उदयपुर की घटना में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि उदयपुर की घटना पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है नहीं तो कल एक-दूसरे पर विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि नुपुर शर्मा, नवीन जिंदल की गिरफ्तारी अगर हो गई होती तो देश में न कहीं प्रदर्शन होते न उदयपुर की घटना. लेकिन खून की प्यासी राजनीति को यही भाता है कि देश में साम्प्रदायिकता की खाईं बढ़ती जाए. यह सब एक साजिश के तहत हो रहा है नहीं तो जो पुलिस तीस्ता, आरबी श्रीकुमार, ज़ुबैर को गिरफ्तार कर सकती है वो आखिर नूपुर को क्यों नहीं. जकिया जाफरी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद न्याय, लोकतंत्र को बचाने वालों की ही गिरफ्तारी एक गंभीर संकट की तरफ इशारा करती है कि न्यायपालिका का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है.

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि इलाहाबाद के वरिष्ठ वामपंथी नेता आशीष मित्तल, उमर खालिद, फ़ज़ल खां, जीशान रहमानी और शाह आलम को आरोपी बनाते हुए 25-25 हजार का ईनाम घोषित करना बदले की कार्रवाई है. जिस तरह इस मामले में पुलिस ने पुरस्कार घोषित करते हुए संयोगवश मुठभेड़ की बात कही है उससे साफ है कि इनका जीवन संकट में है. ऐसे के मानवाधिकार आयोग को संज्ञान में लेना चाहिए क्योंकि योगी राज में यूपी पुलिस पर मुठभेड़ के नाम पर हत्या के आरोप लगते रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस जिन्हें ईनामिया घोषित कर रही है वो सभी राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता-नेता हैं. पुलिस द्वारा इस मामले में इनको चिन्हित करने का कारण सीएए विरोधी आंदोलन है. जिस आंदोलन में संविधान बचाने के लिए इंसाफ पसंद अवाम सड़कों पर उतर आई थी. न्याय हित में विधिक रूप से गिरफ्तार करने के दौरान संयोगवश मुठभेड़ की स्थिति बनने की बात कहने वाली पुलिस बताए कि किस न्याय हित में किसके इशारे पर जावेद को मिली नोटिस के नाम पर उनकी पत्नी के घर पर बुलडोजर चला दिया गया.

द्वारा
राजीव यादव
महासचिव, रिहाई मंच
9452800752

16/06/2022

बुलडोजर की कार्रवाई कर नजीर बनाने वाले विभिन्न आरोपों से घिरे योगी खुद पर कब कार्रवाई करके बनाएंगे नजीर- रिहाई मंच

इलाहाबाद 16 जून 2022. इलाहाबाद में दस जून को हुए तनाव के बाद रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने इलाके का दौरा करते हुए वरिष्ठ नागरिकों से मुलाकात की. मंच ने अम्बेडकर नगर में वांछित के नाम पर पोस्टर जारी करने, कथित रूप से सहारनपुर में पुलिस द्वारा लोगों को कमरे में बंद करके बेरहमी से पिटाई और हाथरस में लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा करने को बदले की कार्रवाई कहा.

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने जावेद मोहम्मद के घर गिराने की घटना पर कहा कि अगर आरोपी के नाम पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई कर योगी नजीर बना रहे हैं तो सबसे पहले उन्हें खुद पर लागू करना चाहिए. हत्या, दंगा, बलवा समेत विभिन्न आरोपों से घिरे योगी आदित्यनाथ अगर यह समझते हैं कि आरोप लगने भर से दोष सिद्ध हो जाता है तो ऐसे में उन्हें खुद को दोषी मानकर रिकवरी लॉ का इस्तेमाल कर खुद नजीर बनना चाहिए. योगी की पुलिस जावेद मोहम्मद को दोषी मानती है तो ऐसे में कैसे किस कानून के तहत उनकी पत्नी के मालिकाने वाले मकान को ढहा दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ मुस्लिम विरोधी मानसिकता के तहत ऐसा कर रहे हैं. उनके कई मुस्लिम विरोधी बयानों के खिलाफ मामला अदालतों में लंबित है. नुपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई न होने के पीछे भी कारण है कि योगी-मोदी समेत तमाम भाजपा के नेता इसीलिए नेता हैं कि वे संघ प्रायोजित मुस्लिम विरोधी राजनीति को बढ़ाते हैं.

मंच महासचिव ने विपक्ष की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा है की जब योगी आदित्यनाथ अपने संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के जरिए साम्प्रदायिक राजनीति का विस्तार करते हुए गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ मंडल समेत पूरे पूर्वांचल को सम्प्रदायिक हिंसा में शामिल कर रहे थे तब अगर इनके खिलाफ कार्रवाई हुई होती तो ये स्थितियां नहीं होती. बुलडोजर की कार्रवाई के जरिए योगी बदले की कार्रवाई के तहत विरोधियों को कुचल रहे हैं.

द्वारा
राजीव यादव
महासचिव, रिहाई मंच
9452800752

11/06/2022

कानून व्यवस्था की दुहाई से नहीं नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी से बहाल होगी शांति- रिहाई मंच

सरकार बताए नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी से वह किस दिक्कत में पड़ जाएगी, जो नहीं हो रही गिरफ्तारी

लखनऊ 11 जून 2022. रिहाई मंच ने नुपुर शर्मा के बयान के बाद हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के तहत तत्काल नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की. देश-प्रदेश में अराजकता की स्थिति के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया. सूबे के हाथरस, अम्बेडकर नगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, इलाहाबाद समेत सात जिलों में ग्यारह एफआईआर दर्ज हुए जिसके तहत 237 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं सहारनपुर में दो व्यक्तियों के घर पर बुलडोजर चलाकर ढहा दिया है और इलाहाबाद में भी बुलडोजर, रासुका गैंगेस्टर की धमकी दी जा रही है. मंच ने कहा की कानून व्यवस्था की बात करने वाले योगी आदित्यनाथ को प्रदर्शकारियों के साथ खड़ा होना चाहिए क्योंकि वो भी नुपुर द्वारा किए जा रहे कानून व्यवस्था तोड़ने वाले कृत्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. प्रशासन समाज के जिम्मेदार लोगों से शुरू करे संवाद.

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटने का दावा करने वाले योगी आदित्यनाथ और केंद्र की भाजपा सरकार जानबूझकर नुपर शर्मा को गिरफ्तार न करके अराजकता की स्थिति बनाए रखना चाहती है. भाजपा ने नुपर को प्रवक्ता के पद से हटा दिया पर गिरफ्तारी न करके वो विरोध-प्रदर्शनों को हवा देकर साम्प्रदायिक विभाजन कायम रखना चाहती है. एक नुपर की गिरफ्तारी न होने के चलते आज सैकड़ों लोग पुलिसिया हिंसा के शिकार और जेल की सलाखों के पीछे ठूंसे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये सब आरएसएस की रणनीति के तहत हो रहा है. कभी कश्मीर फाइल्स, कभी हलाल, कभी ज्ञान व्यापी, कभी मथुरा तो अब नुपुर शर्मा के जरिए नफरत की खेती की जा रही है. जिस सवाल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को जवाब देना पड़ रहा है उस सवाल को हल न करके मुस्लिम विरोध-प्रदर्शनों की आक्रमक छवि को प्रस्तुत करने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि इन विरोध-प्रदर्शनों के पीछे फंडिंग और साजिश देखने वाली सरकार अगर भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा फैलाए जा रहे नफरत के बवंडर को रोकती तो सड़कों पे ये तूफान न आता. योगी सरकार इस मौके को दमन के मौके के रूप में देखकर कार्रवाई कर रही है.

राजीव ने इलाहाबाद में तनाव के बाद सीएए विरोधी आंदोलन के नेताओं को प्रशासन द्वारा निशाने पर लेने को बदले की कार्रवाई कहा. प्रदर्शनों में बच्चों के शामिल होने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग चिंता जता रहा है पर उसे इस बात की भी चिंता करनी चाहिए कि इन नफरती बयानों ने मुल्क में कैसी आग लगा दी कि बच्चे भी सड़क पर आ गए. ऐसे में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की सिफारिश करनी चाहिए.

द्वारा
राजीव यादव
महासचिव, रिहाई मंच
9452800752

22/12/2021

विधानसभा निज़ामाबाद में राजीव यादव के समर्थन में मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ० संदीप पाण्डे ने की सभा

खेती-किसानी को आवारा पशुओं से बचाना होगा हमारा चुनावी मुद्दा- संदीप पाण्डे

प्रदेश में महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा- संदीप पाण्डे

आज़मगढ़, 22 दिसम्बर, 2021। मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ० संदीप पांडेय ने आज़मगढ़ के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन निज़ामाबाद विधानसभा क्षेत्र से आंदोलनकारियों के प्रत्याशी रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव के पक्ष में ग्राम बेगपुर खालसा और दूसरे दिन सेन्टरवा बाजार में सभा को सम्बोधित किया। इससे पहले उनके आज़मगढ़ आगमन पर राजीव यादव व उनके समर्थकों ने उनका ज़ोरदार स्वागत किया।

सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ० संदीप पांडेय ने कहा कि प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या विकराल होती जा रही है। पशु पालकों को उनके पशुधन की बाज़ार में कीमत नहीं मिलती इसलिए वे उसे छुट्टा छोड़ देने को मजबूर हैं। किसान अपने खेतों पर कटीले तार नहीं लगवा सकता है इसलिए आवारा जानवर उसकी फसलों को नष्ट कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यूं तो बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन आवारा पशुओं ने छोटे और मझौले किसानों के सामने फसल बचाने का संकट खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय किसानों ने उनको बताया कि किसान नील गायों और वन सूअरों के प्रकोप के कारण आलू, गंजी जैसी फसलों की बुआई करना पहले ही बंद कर चुका है।

संदीप पांडेय ने प्रदेश सरकार के शिक्षित नारी के विज्ञापनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि हालत यह है कि अपनी मांगों को लेकर शिक्षा निदेशालय में शिखा पाल 127वें दिन भी पानी की टंकी पर चढ़ कर बैठी हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में इन मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाया जाएगा।

मसीहुद्दीन संजरी
80906 96449

21/12/2021

राजीव यादव के समर्थन में उतरे मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ० संदीप पाण्डे

खेती-किसानी को आवारा पशुओं से बचाना होगा हमारा चुनावी मुद्दा

राजीव यादव जैसे युवाआंदोलनकारी चुनाव को बदल देंगे आंदोलन में- संदीप पाण्डे

सरायमीर/आज़मगढ़, 21 दिसम्बर 2021। निज़ामाबाद विधानसभा क्षेत्र से रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव के पक्ष में जनसम्पर्क के अंतिम दिन रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ० संदीप पांडेय ने सरायमीर में पत्रकार वार्ता को किया सम्बोधित और क्षेत्रवासियों की दुर्दशा पर सरकार व जन प्रतिनिधियों पर उठाए सवाल।

डॉ० संदीप पांडेय ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश और खासकर उत्तर प्रदेश में अराजकता, सरकारी अहंकार और जनता की आवाज़ उठाने वाले आंदोलनकारियों के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाइयों के चलते यह महसूस किया गया कि इस तानाशाही रुझान के खिलाफ आंदोलनकारियों की आवाज़ सदन के भीतर भी उठाने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए भी आवश्यक हो जाता है क्योंकि विपक्ष अपने दायित्वों के निर्वाह में असफल रहा है।

डॉ० पांडेय ने कहा कि उन्होंने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान जो कुछ देखा और समझा वह बहुत भयावह है। यहां पर छोटे और मझौले किसान हैं, आवारा पशुओं से खेती बचा पाना मुश्किल हो रहा है। यहां रोज़गार के अवसर नहीं हैं जिसके कारण यहां के नौजवानों को नौकरी के लिए महानगरों की ओर पलायन करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और सरकार की गलत नीतियों के चलते यहां के हज़ारों युवा बेरोज़गार होकर अपने घरों को वापस आ गए हैं उनके पुनर्वास की बात तक नहीं की जा रही है। जिले में अगर कुछ सुनाई और दिखाई पड़ता है तो वह किसानों की व्यथा और नौजवानों की गिरफ्तारियां हैं। चुनाव करीब आते ही पुराने और गढ़े हुए मामलों में जिले में पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और दलित नौजवानों की गिरफ्तारी में आई तेज़ी सत्ता की मंशा को संदिग्ध बनाती हैं।

उन्होंने कहा कि आज़मगढ़ की स्थिति को देखते हुए हमारा यह विश्वास और पुख्ता हुआ है कि प्रदेश की राजनीति में राजीव यादव जैसे युवा आंदोलनकारी नेताओं को आगामी चुनावों में बड़ी संख्या में भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।

मसीहुद्दीन संजरी
80906 96449

20/12/2021

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव के समर्थन में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ संदीप पाण्डे का निजामाबाद आजमगढ़ का दौरा

आज़मगढ़, 20 दिसम्बर 2021। वरिष्ठ समाज सेवी और मैग्सेसे पुरस्कार सम्मानित संदीप पांडेय करेंगे आज़मगढ़ का दो दिवसीय दौरा।

रिहाई मंच नेता मसीहुद्दीन संजरी ने बताया कि सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मैग्सेसे सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ समाज सेवी संदीप पांडेय 20 और 21 दिसम्बर को विधान सभा क्षेत्र निज़ामाबाद से आंदोलनकारियों के प्रत्याशी राजीव यादव के पक्ष में समर्थन में जुटाने के लिए दो दिवसीय दौरे पर आज़मगढ़ आ रहे हैं। गत 16 दिसम्बर को लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस कर संदीप पांडेय समेत मानवाधिकार और नागरिक अधिकार संगठनों के नेताओं समेत कई आंदोलनकारी समूहों के प्रतिनिधियों ने आज़मगढ़ की जनता से राजीव यादव के पक्ष में खड़े होने का आह्वान किया था और चुनाव प्रचार में सक्रिय भागीदारी की घोषणा भी की थी। संदीप पांडेय का आज़मगढ़ का दौरा उसी कड़ी का हिस्सा है।

उन्होंने बताया कि संदीप पांडेय अपने दौरे के दौरान कुछ विशिष्ट लोगों से मुलाकात करेंगे और दो स्थानों पर जनता को सीधे सम्बोधित भी करेंगे।

मसीहुद्दीन संजरी
80906 96449

16/12/2021

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव की निज़ामाबाद से उम्मीदवारी के समर्थन में उतरे आन्दोलनकारी

आंदोलन किया है, अब चुनाव को बनाएंगे आन्दोलन

विपक्षी दल राजीव के समर्थन में निजामाबाद सीट खाली छोड़ें

लखनऊ, 16 दिसंबर 2021. आगामी विधानसभा चुनाव में रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव की निज़ामाबाद, आजमगढ़ से उम्मीदवारी के समर्थन में सामाजिक, मानवाधिकारवादी संगठनों, जनांदोलनों समेत राजनीतिक दलों और उनके गठबन्धनों के नेताओं ने यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता में 2 अप्रैल 2018 एससी/एसटी एक्ट को कमजोर करने के खिलाफ हुए भारत बंद में गिरफ्तार आन्दोलनकारी, एनआरसी-सीएए विरोधी आन्दोलनकारी, 13 पॉइंट रोस्टर के खिलाफ, आरक्षण के लिए लड़ने वाले आन्दोलनकारी और किसान आन्दोलन से जुड़े नेता मौजूद रहे.

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि राजीव यादव के समर्थन में राजधानी में जनता के लिए लड़ने वाले आन्दोलनकारियों का यह जमावड़ा बताता है कि हमने चुनाव को आन्दोलन में बदलने के लिए कमर कस ली है. उन्होंने बताया कि आज के ही दिन 2007 में मरहूम मौलाना खालिद मुजाहिद की गिरफ्तारी हुई थी जिनकी बाद में पुलिस हिरासत में हत्या की गई. इसके खिलाफ विधानसभा के सामने 121 दिन चले धरने से लेकर एनआरसी-सीएए विरोधी आन्दोलनों में भले ही हमने जेल में यातनाएं सही पर हम कभी रुके नहीं. संविधान पर जब भी संकट आया, किसान आन्दोलन से लेकर महिलाओं-दलितों-पिछड़ों के आंदोलनों में हम लड़ाई के मोर्चे पर रहे.

हम केवल आवाज़ उठाने तक ही सीमित नहीं रहे, कोरोना महामारी के दौरान पलायन कर रहे पूर्वांचल के मजदूर भाई-बहनों के भोजन पानी और दिल्ली में फंसे आजमगढ़ के मजदूरों की घर वापसी की व्यवस्था में भी जुटे. रिहाई मंच ने जिनकी लडाई लड़ी वो लगातार राजीव के चुनाव अभियान में आने के लिए संपर्क कर रहे हैं.

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित और सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ संदीप पाण्डे ने कहा कि बदलाव के लिए ज़रूरी है कि हम आंदोलनकारियों को अपना प्रतिनिधि बनाकर विधानसभा में भेजें ताकि अन्याय के खिलाफ लड़ाई की आवाज सदन में गूंजे। छात्र राजनीति से लेकर मानवाधिकार आन्दोलनों तक पिछले सत्रह सालों के दौरान राजीव की लड़ाकू छवि को देखते हुए हमें पूरा भरोसा है कि सदन में जाकर वह जनआकांक्षाओं को पूरा करेंगे. उन्होंने सभी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राजनैतिक दलों से राजीव का समर्थन करने और उनके लिए निजामाबाद सीट खाली रखने की पुरजोर अपील की.

एनआरसी-सीएए विरोधी आन्दोलन में जेल गए एएमयू छात्र नेता अहमद मुज्तबा फ़राज ने कहा की मुसलमानों की नागरिकता छीनने का प्रयास किया गया तब कोई राजनितिक दल नहीं बल्कि आन्दोलनकारी सड़क पर डटे, अपने सीनों पर गोलियां खाकर निरंकुश सत्ता का मुकाबला किया. सिर्फ उत्तरप्रदेश में हमारे 23 नौजवान साथी शहीद हुए. जामिया से लेकर एएमयू तक पुलिस और सत्ता ने जो बर्बरता दिखाई उसके इन्साफ की लड़ाई अभी अधूरी है. आज जरुरत है की जेल से सदन की तरफ हम बढ़ें ऐसे में जरुरी है की राजीव यादव जैसे आन्दोलनकारी के साथ हम खड़े हों.

यादव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार यादव ने कहा की 13 पॉइंट रोस्टर का सवाल हो या फिर जातिगत जनगणना इन सभी सवालों पर रिहाई मंच ने मुखरता से आवाज़ उठाई. योगी आदित्यनाथ की ठोक दो निति के खिलाफ राजीव यादव ने आवाज़ उठाकर दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों के फ़र्ज़ी एनकाउंटर के सवाल को अंतरराष्ट्रीय फलक पर लाया. यादव सेना राजीव यादव की निज़ामाबाद से उम्मीदवारी का समर्थन करती है.

2 अप्रैल 2018 एससी/एसटी एक्ट को कमजोर करने के खिलाफ हुए भारत बंद में गिरफ्तार आजमगढ़ से आए बांकेलाल ने कहा की वंचित समाज पर जब भी हमला हुआ राजीव यादव हमेशा खड़े हुए. 2 अप्रैल के उस आन्दोलन में मुल्क में 13 दलित नौजवानों की शाहदत हुई और पिछले दिनों किसान आन्दोलन में 700 से अधिक किसान शहीद हुए. मुल्क की राजनीत आन्दोलनकारी तय कर रहे हैं ऐसे में आन्दोलनकारियों को चुनाव लड़कर सदन तक पहुंचना होगा.

आजमगढ़ से आए हीरालाल यादव जिनके भाई ब्रिजेश यादव को पिछले पांच दिनों से अवैध हिरासत में रखा गया हे ने कहा की सरकार गरीबों को अपराधी घोषित करके निशाना बना रही है. हम इस डर में जीने को मजबूर हैं कब पुलिस हमें किसी फर्जी मुकदमें में न फंसा दे. ऐसे में राजीव यादव जैसे लोग ही हमारे साथ खड़े मिलते हैं. ऐसे मैं हमें इनके साथ खड़े होकर इंसाफ की लड़ाई लड़नी होगी.

जनांदोलनों के नेताओं ने कहा की आन्दोलनकारियों को जेल की सलाखों के पीछे ढकेला गया, आन्दोलनकारियों की संपत्ति कुर्क करने का फरमान जारी किया गया, बाकायदा तस्वीरों के साथ उनको अपराधी घोषित करते हुए होर्डिंग लगाई गई. इन करतूतों का हिसाब आगामी चुनाव में लिया जाएगा.

सूबे की सरकार यूपी कोका, रिकवरी लॉ, यूपीएसएसएफ, धर्मान्तरण के नाम पर कानून बनाकर दमन कर रही है. रासुका, गैंगेस्टर, गुंडा एक्ट के नाम पर वंचित समाज को निशाना बनाया जा रहा है. यहां तक कि सोशल मीडिया पर लिखने के नाम पर देशद्रोह का मुकदमा थोपा जा रहा है. आतंकवाद के नाम पर बेकसूरों की रिहाई से शुरू हुए रिहाई मंच ने मॉब लिंचिंग, सांप्रदायिक-जातीय हिंसा, फर्जी मुठभेड़ों, हिरासत में हत्या के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी है.

प्रेस वार्ता में लखनऊ घंटाघर आन्दोलन से तस्वीर नकवी, अजरा मोबिन, सादिया काज़िम, तरनुम, रुबीना मुर्तजा, सना, उजरियाओं गोमतीनगर आन्दोलन से नुजहत, सहर फ़ातिमा, रुबीना अयाज़, नाहिद अकील, अल इमाम फाउंडेशन के इमरान सिद्दीकी, पूर्व सांसद इलियास आजमी, इंडियन नेशनल लीग के मो० सुलेमान, इंसानी बिरादरी के आदियोग, भागीदारी आन्दोलन के पीसी कुरील, शबरोज मोहम्मदी, पिछड़ा महासभा के एहसानुल हक मालिक, शिवनारायण कुशवाहा, वोटर्स पार्टी के सादेस यादव, मुस्लिम फाउंडेशन के शोएब, डॉ डीके यादव, फैजान मुसन्ना, एआर रहमान सैफी, कलीम खान, मौजूद थे.

द्वारा-
मुहम्मद शुऐब
अध्यक्ष रिहाई मंच
9415012666

19/11/2021

गुरुनानक जयंती पर अन्नदाताओं की ऐतिहासिक जीत पर संयुक्त किसान मोर्चा को रिहाई मंच की तरफ से लाखों-लाख बधाइयां

22 नवम्बर किसान महापंचायत इको गार्डन लखनऊ चलो

लखनऊ, 19 नवम्बर 2021। रिहाई मंच ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे आधी–अधूरी घोषणा बताया।

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के अगले सत्र में तीनों काले कृषि कानूनों के वापस लिए जाने की घोषणा का स्वागत करते हैं लेकिन किसानों की अन्य मांगों को शामिल न किए जाने से निराशा भी है।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में तीनों कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही किसानों की उपज के लाभकारी मूल्य की कानूनी गारंटी, नए बिजली संशोधन विधेयक की वापसी की मांग भी शामिल रही है।

इस आंदोलन के दौरान सात सौ के करीब शहीद किसानों के लिए मुआवज़ा व सम्मान और किसानों की हत्या, खासकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त किए जाने, के आरोपियों को सज़ा दिलाने की मांग पर प्रधानमंत्री की घोषणा में कुछ नहीं कहा गया है और न ही झूठे मुकदमों में फंसाए गए आंदोलनकारियों, किसानों समर्थक सक्रियातावादियों और पत्रकारों के बारे में कुछ कहा गया है।

राजीव यादव ने कहा कि सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच संवादहीनता और अलग-अलग नेताओं, मंत्रियों के किसान विरोधी बयानों और हिंसक गतिविधियों के चलते अविश्वास का वातावरण रहा है। विगत में सरकार ने श्रमिकों के हित की बातें करते हुए जिस तरह से पूंजीपतियों के पक्ष में काम किया उसे भी नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता।

मंच महासचिव ने कहा कि अंतिम निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लिया जाएगा। इस बीच 22 नवम्बर को संयुक्त किसान मोर्चा की प्रस्तावित महापंचायत में भाग लेने के लिए अधिक से अधिक किसान लखनऊ पहुंचें इसकी तैयारी में कोई कोताही नहीं की जाएगी।

द्वारा-
राजीव यादव
महासचिव, रिहाई मंच
9452800752

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