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भगवत कृपा से पूज्य संत, भक्त ,सेवक, विद्यार्थी लोगों का आगमन ~ भास्कर प्रज्ञान आश्रम लखनऊ
19/09/2025

भगवत कृपा से पूज्य संत, भक्त ,सेवक, विद्यार्थी लोगों का आगमन ~ भास्कर प्रज्ञान आश्रम लखनऊ

ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी रामानन्द सरस्वती जी महाराज जी की पुण्यतिथि के अवसर पर पूज्य श्रीसदगुरुदेव भगवान जी पूज्य संतो के ...
14/09/2025

ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी रामानन्द सरस्वती जी महाराज जी की पुण्यतिथि के अवसर पर पूज्य श्रीसदगुरुदेव भगवान जी पूज्य संतो के साथ ।🙏🙏

पूज्य स्वामी चिदात्मानंद सरस्वती जी वृंदावन का पावन आगमन ~ पूज्य संतो का पावन आगमन ~ भास्कर प्रज्ञान आश्रम लखनऊ
12/09/2025

पूज्य स्वामी चिदात्मानंद सरस्वती जी वृंदावन का पावन आगमन ~ पूज्य संतो का पावन आगमन ~ भास्कर प्रज्ञान आश्रम लखनऊ

आज विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्री दिनेश जी का आगमन ~ भास्कर प्रज्ञान आश्रम लखनऊ।
08/09/2025

आज विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्री दिनेश जी का आगमन ~ भास्कर प्रज्ञान आश्रम लखनऊ।

"आदर देहि साधु जन, देहिं कंत के माथ। देहिं कामनि करन है, देहिं प्रेम के हाथ।" गुरु संत और भगवान इनको अपना जीवन पूर्ण समर...
07/09/2025

"आदर देहि साधु जन, देहिं कंत के माथ। देहिं कामनि करन है, देहिं प्रेम के हाथ।"

गुरु संत और भगवान इनको अपना जीवन पूर्ण समर्पण कर देना चाहिए, क्योंकि गुरु संत हमारे जीवन के दुःख को हरण कर लेते हमारे भाग्य को बदल सकते ।।
पुराणों में एक कथा हैं ।। मार्कण्डेय ऋषि की जिनकी आयु भाग्य विधाता ने 5 वर्ष की दी थी तो मार्कण्डेय जी के पिता बहुत दुखी थे तो वह अपने बच्चे को शिव की नगरी में राह चलते संतो की सेवा में लगा दिया तो एक दिन वही ब्रह्मा की तप से उत्पन्न हुए 4 ऋषि निकले तो बालक ने उनको तुरन्त साष्टांग दंडवत प्रणाम किया फिर चारो ऋषि ने चिरंजीवी भव का वरदान दे दिया मार्कण्डेय जी के पिता ने बताया कि हे महा ऋषि इस बालक की आयु 5 वर्ष की ही हैं ।। तो ऋषि लोग आपस में विचार करने लगे कि संतो की वाणी की( मिथ्या ) झूठी न हो तो इसलिए उन्होंने ने कहा ठीक हैं अब मुख से आशीर्वाद निकल गया तो सत्य ही होगा ।। ऐसा कहकर बच्चे को साथ लेकर चल दिए वो महान ऋषितो को ज्योतिष शास्त्र के मर्मज्ञ ज्ञान था ही जिससे बालक की मृत्यु का काल समय निकल कर बालक को महादेव जी की भक्ति मे लगा दिया ।। और खुद चारों ऋषितो न ( सनक, संन्दन, सनातन और सनतकुमार) द्वार पाल बनकर रक्षा करने लगे जब कोई महान पुरूष रक्षा करता हैं तो यमराज के दूत नहीं खुद यमराज को आना पड़ता हैं तो यमराज जी वहां आए और ऋषियो से प्रार्थना करते हुए कहा कि इस बालक की आयु पूर्ण हो चुकी हैं इसको ले जाने की आज्ञा दे ।। ऋषियों ने कहा कि बालक को वरदान में चिरंजीव भव का वरदान दे चुके हैं ।। और इसको बदला नहीं जा सकता है तो आप इसको नहीं ले जा सकते हैं ।।यमराज और ऋषियों के बीच में वार्तालाप होते हुए भगवान शिव जी प्रगट हो गए ।। फिर ऋषियों व बालक ने भगवान शिव को प्रणाम करते हैं तब ऋषि बालक के जीवन की कथा बताते हैं और फिर भगवान शिव यमराज से बोलते हैं कि बालक की 5 ही साल की आयु ही रहेगी पर मेरी 5 साल की आयु बालक की रहेगी ।। तो शास्त्रों में बताया जाता हैं आज भी मार्कण्डेय ऋषि जीवित हैं
संत व गुरु जीवन की भाग्य को बदल सकते हैं संतो की शरण में अपने जीवन को समर्पण कर देने संसार के जीवन के दुखो से मुक्ति मिल जाती हैं ।।

🚩    🕉️       🚩गुरु बिन ज्ञान न होत है, गुरु बिन दिशा अजान। बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त नहीं होता, और बिना गुरु के व्यक्त...
01/09/2025

🚩 🕉️ 🚩
गुरु बिन ज्ञान न होत है, गुरु बिन दिशा अजान।
बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त नहीं होता, और बिना गुरु के व्यक्ति जीवन की दिशा से अनभिज्ञ रहता है।
गुरु मन में बैठत सदा, गुरु है भ्रम का काल, गुरु अवगुण को मेटता, मिटें सभी भ्रमजाल॥
अर्थ: गुरु हमेशा मन में निवास करते हैं और वे सभी भ्रांतियों को दूर करते हैं। गुरु अवगुणों को समाप्त करते हैं, जिससे मन से सभी भ्रम और संदेह मिट जाते हैं।।

31/08/2025
पौराणिक कथा: जब महर्षि भृगु ने क्रोधित होकर भगवान विष्णु के वक्ष पर प्रहार किया, तब प्रभु ने शांत रहकर ऋषि के चरण सहलाए।...
12/05/2025

पौराणिक कथा: जब महर्षि भृगु ने क्रोधित होकर भगवान विष्णु के वक्ष पर प्रहार किया, तब प्रभु ने शांत रहकर ऋषि के चरण सहलाए। इस विनम्रता से भृगु ने उन्हें त्रिदेवों में श्रेष्ठ माना।

#भृगु #विष्णु #पौराणिककथा

  महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ किले में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह था और मात...
09/05/2025


महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ किले में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह था और माता महारानी जयवंता बाई थीं। अपने परिवार की वह सबसे बड़ी संतान थे। महाराणा प्रताप 1 मार्च, 1573 को सिंहासन पर बैठे।

23/02/2025

महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को है। भगवान शिव और माता पार्वती जी का मिलन संपूर्ण शरीर की ऊर्जा का आध्यात्मिक मिलन है।🙏

Shri Hanuman chalisa Jay Shri Ram Jay mahaveer Hanuman
12/02/2025

Shri Hanuman chalisa Jay Shri Ram Jay mahaveer Hanuman

Jay Shri Ram
10/02/2025

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