Durgesh Saini

Durgesh Saini Durgesh

21/06/2024

बारिश आयी हो
और तुम्हारे मन के अंदर एक
अर्से से सोए हुए प्रेमी/प्रेमिका
ना जागे ऐसा कंही हो सकता है,
बारिश में बहती निर्मल हवा
तुम्हारे चित सरोवर को
एकदम से पावन कर देती होगी,,
बारिश की नन्ही नन्ही बूंदे
जब तुम्हारे तन पर गिरती होंगी,,
तब मानो नील गगन से तुम पर
मोतियों की बरसात हो रही हो,,
इतना ही नही बारिश ने जब
चोरों ओर फैली धरती और
इन पेड़ पौधों को भी एक
नया जीवन दिया हो, को देख कर
तुम्हें अत्यंत सुखद की अनुभूति
होती होगी
तुम्हे प्रतीत होता होगा कि ये सारे
धरती की गोद मे आकाश
की छाँव में ये और ज़्यादा हँस
कर खिलखिलाने लगे हो ,
और जब तुम्हारी आँखे
नीले आसमान की ओर देखती होंगी
तो उसमें तैरते बादलो की सौगाते
तुमसे कुछ कानो में कहती जरूर होंगी,
कि ये आज बरस कर
तुम्हारे मन मे भरे सारे द्वेष धुल डालेंगी।
औऱ जब चहकती चिड़ियों का पानी
में बने छोटे छोटे गर्तों में गोते खाना
देखती होंगी तुम्हारी ये आँखे ,
तब तुम्हारा मन हर पीड़ा से मुक्त
हो जाता होगा,
और उम्र से पहले आई तुम्हारे मे एक
स्थायित्व की स्थिति तुम सब कुछ
भूल जाते होगे,
तुम्हारा ये मन व्याकुल होकर
बाहें फ़ैलाकर इन्ही बाहों में ये सब
जो तुम्हारे ह्रदय को हर्षा रही हो,,
को समेट लेने का मन करता होगा।
और सच मानो अगर तुम्हारे अंदर
अभी भी ऐसा इंसान जिंदा है ना ,
तो तुमसे ज्यादा बड़ा प्रेमी /प्रेमिका कोई नही
और वो भी इस संसार की मोह माया
में बंधे हर कर्म से अछूता,
जो तुम्हें सीधे तुम्हारे अंदर बैठे परमात्मा से
मिला रहा हो 🙏
Durga saini
#साहित्य

22/03/2024

Address

Lucknow

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Durgesh Saini posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Durgesh Saini:

Share