04/03/2024
आज रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की प्री-वेडिंग सेरेमनी की कुछ तस्वीरें देखीं। मुकेश अंबानी को जामनगर में लोगों को भोजन कराते देखा तो मैं 29 साल फ्लैश बैक में चला गया। अचानक 1995 का वो दिन याद आ गया जब धीरूभाई अपनी बीमारी से उठे थे, और कोकिला बेन की मन्नत पूरी करने पूरा अंबानी परिवार अपने पैतृक चोरवाड़ गांव में जमा हुआ था। कोकिलाबेन का संकल्प था कि धीरूभाई के स्वस्थ होते ही पूरा परिवार चोरवाड़ जाएगा और पूरे गांव को एक जैसे कपड़ों में साथ बिठाकर अपने हाथों से भोजन कराएगा।
जहां तक मुझे याद है ये 1995 के आखिरी हफ्ते की बात थी। डीडी मेट्रो पर आजतक शुरू हो चुका था और मैं उसका नया-नवेला रिपोर्टर था। ये न्यूज़ स्टोरी आजतक पर चली थी। मैंने धीरूभाई अंबानी के सामने माइक अड़ा दिया था। मुकेश और अनिल अंबानी ये कहते हुए मेरे पास आए थे कि नहीं-नहीं इन्हें परेशान नहीं करते, इनके सामने माइक नहीं लगाते। अंबानी परिवार से ख़ासकर मुकेश भाई से ये मेरी पहली मुलाक़ात थी।
इसके बाद मुझे ये भी याद आता है कि अंबानी परिवार ने अपने चोरवाड़ गांव और अपने जामनगर का कितना ध्यान रखा। जामनगर रिफ़ायनरी आज रिलायंस का बड़ा लैंडमार्क है। चोरवाड़ में अंबानी परिवार के विकास कार्य न सिर्फ़ जड़ों से उसका भावनात्मक जुड़ाव दिखाते हैं, बल्कि 'नर सेवा ही नारायण सेवा है' का कमिटमेंट भी दर्शाते हैं।
चोरवाड़ के लोगों ने मुझे धीरूभाई का एक सपना भी बताया था। ये तब का था जब वो कमाई के लिये विदेश जा रहे थे। उनका सपना था कि बाहर जाकर कम से कम इतना कमा सकें कि एक दिन अपनी कार में बैठकर चोरवाड़ लौटें।..और जिस दिन धीरूभाई गांव लौटे तो उनके साथ एक कार नहीं बल्कि पजेरो गाड़ियों का पूरा काफ़िला था।