Kal ke sitare official

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  विश्वप्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी 27 वर्षीय सादिओ माने की कमाई भारतीय रुपयों में गिनें तो प्रति सप्ताह 2 करोड़ 40 लाख रुपये...
28/08/2024


विश्वप्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी 27 वर्षीय सादिओ माने की कमाई भारतीय रुपयों में गिनें तो प्रति सप्ताह 2 करोड़ 40 लाख रुपये है, यानी 10 करोड़ रूपये महिना I

इन्हें कई जगह पर टूटे हुए फोन के साथ देखा गया
एक इंटरव्यू में जब उनसे उसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा मैं उसे ठीक करवा लूंगा, जब उनसे पूछा गया कि आप नया क्यों नही ले लेते, तब उन्होंने कहा मैं ऐसे हजार मोबाइल खरीद सकता हूँ, 10 फरारी , 2 जेट प्लेन , डायमंड घड़ियां , बंगले और न जाने क्या क्या खरीद सकता हूँ । लेकिन मुझे ये सब क्यों चाहिए ?

मैंने गरीबी देखी है, पैसे की तंगी की वजह से मैं पढ़ नही पाया इसीलिए मैंने स्कूल्स बनवाये हैं ताकि लोग पढ़ पाए,मेरे पास जूते नही थे, मैं बिना जूतों के खेलता था,अच्छे कपड़े नही थे, खाने को नही था । मैं भूखे पेट प्रैक्टिस करने को मजबूर होता था I मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मै स्टेडियम जा सकूं तो मैने स्टेडियम बनवाए ताकि कोई भी गरीब बच्चा बिना पैसे के भी स्टेडियम में प्रैक्टिस कर सके।
आज मुझे इतना कुछ मिला है तो मैं उसका दिखावा करने के बजाए मैं उसे अपने लोगों के साथ बांटना चाहता हूं ।

सादिओ माने सेनेगल (पश्चिम अफ्रीका ) से हैं और अपने देश के लोगों के लिए काफी कुछ कर रहे हैं...! उन्होंने गरीबो के लिए कई स्कूल बनवाये, गरीब बच्चों को खेल कूद के लिए स्टेडियम बनवाते है उन्हें खेल सामग्री उपलब्ध करवाते है, जूते कपडे दिलवाते है अच्छा पौष्टिक खाना उपलब्ध करवाते है ताकि कोई भी गरीब बच्चा पैसों के अभाव में खेलना बंद न करे I और खुद टूटे फ़ोन का इस्तेमाल करते हैं I

ये एक सीख है, एक पाठ है, जो उन्होंने दुनिया को पढ़ाया..! एक हम हैं फालतू में दिखावे और ऐंठ में जी रहे हैं..!!

15/08/2024

T-20 वर्ल्ड कप, 2024 जीतने के बाद रोहित शर्मा ने भी इस फॉर्मेट से साइन ऑफ कर लिया। रोहित ने कहा कि यह फॉर्मेट मेरे दिल क...
30/06/2024

T-20 वर्ल्ड कप, 2024 जीतने के बाद रोहित शर्मा ने भी इस फॉर्मेट से साइन ऑफ कर लिया। रोहित ने कहा कि यह फॉर्मेट मेरे दिल के बहुत करीब रहा है। मैंने T-20 इंटरनेशनल खेल कर ही भारत के लिए खेलना स्टार्ट किया था। इस दौरान मैंने हर लमहे का आनंद लिया है। मुझे लगता है कि यह रिटायरमेंट का सही समय है। पिछले 3-4 सालों में हमने जो कुछ भी झेला है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। ईमानदारी से कहूं तो हमने व्यक्तिगत रूप से और एक टीम के रूप में बहुत मेहनत की है, आज यहां तक पहुंचने और यह गेम जीतने के लिए पर्दे के पीछे बहुत कुछ हुआ है। यह वह नहीं है जो हमने आज किया, यह वह है जो हम पिछले 3-4 सालों से कर रहे हैं। आज हमारे लिए यही नतीजा निकला है।

हमने पहले भी कई हाई प्रेशर गेम खेले हैं और हारकर गलत साइड पर भी रहे हैं। लेकिन खिलाड़ी समझते हैं कि क्या करना है। आज का दिन इस बात का बेहतरीन उदाहरण था कि जब पीठ दीवार से सटी हो, तो क्या करना जरूरी है। हम एक टीम के रूप में और हम सभी खिलाड़ियों ने एक साथ मिलकर काम किया, तब भी जब एक समय ऐसा लग रहा था कि दक्षिण अफ्रीका की टीम हावी हो रही है। कुल मिलाकर, एक टीम के रूप में, मैदान पर एक समूह के रूप में, हम इसे वाकई बहुत चाहते थे। हम इसे जीतना चाहते थे। इस तरह के टूर्नामेंट को जीतने के लिए पर्दे के पीछे बहुत कुछ होता है, बहुत प्रयास होते हैं, बहुत सारे दिमाग एक साथ आने चाहिए। मुझे अपने साथ खेलने वाले खिलाड़ियों पर बहुत गर्व है और साथ ही प्रबंधन पर भी, जिन्होंने हमें खेलने, प्रदर्शन करने और हम में से हर एक पर भरोसा करने की स्वतंत्रता दी।

इसकी शुरुआत प्रबंधन, कोच, कप्तान से होती है और फिर खिलाड़ी मैदान पर जाकर प्रदर्शन करते हैं। पूरे टूर्नामेंट में, मुझे लगता है कि हमने शानदार प्रदर्शन किया। मुझे ही नहीं, बल्कि और किसी को भी विराट के फॉर्म पर संदेह नहीं था। हम जानते हैं कि उनमें क्या खूबी है, वे 15 सालों से अपने खेल में शीर्ष पर हैं, जब भी मौका मिलता है, बड़े खिलाड़ी खड़े हो जाते हैं। विराट एक छोर संभाले हुए थे जो हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था और बाकी खिलाड़ी उनके इर्द-गिर्द खेले। हमारे लिए उस स्कोर तक पहुंचना, एक टीम एफर्ट था। हम चाहते थे कि कोई खिलाड़ी यथासंभव लंबे समय तक बल्लेबाजी करे। ये ऐसे विकेट नहीं हैं जहां आप खुलकर बल्लेबाजी कर सकें और स्कोरबोर्ड को सीधा चलायमान रख सकें, इसलिए हम इसे समझते हैं। हम चाहते थे कि कोई खिलाड़ी यथासंभव लंबे समय तक बल्लेबाजी करे और विराट ने ऐसा बखूबी किया। यहीं विराट का अनुभव काम आता है।

बाकी खिलाड़ियों ने भी बहुत अच्छा खेला, अक्षर की 47 रन की पारी भी बहुत महत्वपूर्ण थी। (बुमराह के बारे में) मैं समझ सकता हूँ कि आप लोग इसे शब्दों में बयां करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं उनमें से एक हूँ जिसने उन्हें इतने सालों से देखा है, यहाँ तक कि उनके साथ खेला भी है, लेकिन मुझे भी नहीं पता कि उनके साथ वास्तव में क्या है। मुझे पता है कि वह टेबल पर क्या लाते हैं, लेकिन वह यह कैसे करते हैं, यह एक मास्टरक्लास है। वह अपने कौशल का समर्थन करते हैं जो पर्याप्त से अधिक है और वह बहुत ही आत्मविश्वासी लड़का है। वह जो भी करना चाहता है, उसे पूर्णता के साथ करता है जो एक बहुत ही दुर्लभ दृश्य है। जसप्रीत बुमराह, एक शब्द में कहें तो, वह एक क्लास एक्ट है।

हार्दिक भी शानदार थे, आखिरी ओवर में गेंदबाजी करना, चाहे कितने भी रन चाहिए हों, आखिरी ओवर में गेंदबाजी करना, मुझे लड़कों पर बहुत गर्व है। बिल्कुल शानदार, न्यूयॉर्क से बारबाडोस तक, मैं बस उन्हें सलाम करना चाहता हूँ, जिस तरह से उन्होंने हमारा समर्थन किया है और यहाँ तक कि भारत में भी, लाखों लोग बैठे हैं और देख रहे हैं, भारत में देर रात है, मुझे पूरा यकीन है कि वे इसे देख रहे होंगे। वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, बिल्कुल हमारी तरह। यह उनके लिए है। आज हमने जो हासिल किया है उस पर हमें बहुत गर्व है। 2026 का T-20 वर्ल्ड कप भारत और श्रीलंका में खेला जाएगा। इससे पहले रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों ने इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है। क्या आपको लगता है कि यह रोहित और विराट के रिटायरमेंट का सही समय है?

ये हैं बच्चन साहब के साढू जी। सलमान खान के ऑन स्क्रीन पप्पा। फिल्म मैंने प्यार किया में सलमान खान के घमंडी पिता का किरदा...
29/06/2024

ये हैं बच्चन साहब के साढू जी। सलमान खान के ऑन स्क्रीन पप्पा। फिल्म मैंने प्यार किया में सलमान खान के घमंडी पिता का किरदार इन्होंने ही निभाया था। इनकी पत्नी रीता वर्मा बच्चन साहब की साली साहिबा हैं। यानि जया बच्चन जी की बहन हैं। कुछ लोग गलतफहमी में एक्ट्रेस स्वर्गीय रीता भादुड़ी को इनकी पत्नी मान लेते हैं। लेकिन वो रीता भादुड़ी एकदम अलग हैं। और ये गलतफहमी होती है जया भादुड़ी( जो कि अब बच्चन हैं) और रीता भादुड़ी का एक जैसा सरनेम होने की वजह से। उस पर भी जया जी की सगी छोटी बहन का नाम भी रीता ही है। लेकिन एक्ट्रेस रीता भादुड़ी और जया बच्चन की बहन रीता दोनों अलग हैं।

खैर, बात करते हैं राजीव वर्मा जी के बारे में। क्योंकि आज इनका जन्मदिन है। 28 जून 1949 को होशंगाबाद में राजीव जी का जन्म हुआ था। ये डेढ़-दो साल के ही थे जब इनके पिता परिवार सहित भोपाल शिफ्ट हो गए थे। इनके पिता होशंगाबाद में वकालत की प्रैक्टिस करते थे। वास्तव में इनके पिता होशंगाबाद से भोपाल मुख्य शहर नहीं, अपने पुश्तैनी गांव मंडीदीप लौटे थे। आज मंडीदीप कोई गांव नहीं, बल्कि भोपाल के पास स्थित एक विशाल इंडस्ट्रियल एरिया है। राजीव वर्मा जी का बचपन मंडीदीप में गुज़रा। चूंकि वहां रामलीला का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाता था, तो राजीव वर्मा जी को भी बचपन से ही रामलीला देखने का शौक था।

मंडीदीप का रामलीला स्थल ही वास्तव में वो जगह रही जहां राजीव वर्मा के भीतर एक कलाकार ने जन्म लिया। उस वक्त इन्हें भी कभी-कभार वानर सेना का हिस्सा बनने का मौका मिल जाता था। और कभी-कभी तो सीता स्वंयवर में आए अनेकों राजाओं में से एक राजा भी ये बन जाते थे। हालांकि उस उम्र में इन्होंने ये कभी नहीं सोचा था कि एक दिन ये रंगकर्म के नामी कलाकार बनेंगे। या फिल्मी दुनिया का में मशहूर हो जाएंगे। पर जैसा कि मैंने कहा, कि मंडीदीप के रामलीला स्थल पर ही राजीव वर्मा जी के भीतर एक कलाकार का जन्म हुआ था।

तो उसकी शुरुआत कुछ ऐसे हुई कि रामलीला में मुख्य किरदार निभाने वाले कलाकार इनके आस-पड़ोस के लोग ही हुआ करते थे। रामलीला खत्म होने के बाद उन लोगों का बड़ा जलवा गांव में हो जाता था। राजीव वर्मा को आभाष हुआ कि रामलीला के बाद बड़े किरदार निभाने वाले लोग बड़े लोकप्रिय हो जाते हैं। फिर तो इन्हें जब भी मौका मिलता, ये बढ़-चढ़कर रामलीला में हिस्सा लेते। स्कूल में होने वाले नाटकों में भी काम करते। कॉलेज में आए तो वहां भी नाटकों का सिलसिला जारी रखा।

यहां ये बताना भी ज़रूरी है कि भोपाल के मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से राजीव वर्मा जी ने आर्किटेक्चर की पढ़ाई की थी। यहां पढ़ाई के साथ-साथ ये विभिन्न सांस्कृति कार्यक्रमों में नाटक करते रहते थे। इन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में बतौर वॉइस ड्रामा आर्टिस्ट भी काम किया। तभी मध्य प्रदेश के नगर एंव ग्राम निवेश विभाग में राजीव वर्मा जी को नौकरी भी मिल गई। सरकारी नौकरी। इस नौकरी के दौरान भी फ्री टाइम में राजीव वर्मा रंगकर्म किया करते थे। वो नौकरी राजीव वर्मा जी ने लगभग 23 सालों तक की थी।

थिएटर जगत में राजीव वर्मा जी का अच्छा नाम हो गया था। इसी दौरान मध्य प्रदेश सरकार ने इन्हें दिल्ली भेजा ताकि ये मास्टर्स की डिग्री ले सकें। दो सालों तक ये दिल्ली में मास्टर्स की पढ़ाई करते रहे। ठीक इसी वक्त दूरदर्शन पर टीवी शोज़ बनने का दौर शुरू हो गया। दिल्ली में एक प्रोड्यूसर से इनकी मुलाकात हुई। वो प्रोड्यूसर शिक्षा व्यवस्था पर एक शो बनाने की प्लानिंग कर रहे थे जिसका नाम था चुनौती। इत्तेफाक से वो प्रोड्यूसर भोपाल में इनके द्वारा किया गया एक नाटक देख चुके थे। वो इनके टैलेंट से अच्छी तरह से वाकिफ थे।

उस प्रोड्यूसर ने राजीव वर्मा जी को चुनौती शो में एक अहम किरदार ऑफर किया जिसे इन्होंने स्वीकार भी कर लिया। और इस तरह राजीव वर्मा जी की अभिनय की ये वाली पारी भी शुरू हो गई। बाद में चुनौती के वो प्रोड्यूसर इनके रिश्तेदार भी बने। राजीव वर्मा जी की छोटी बहन की शादी उनसे हुई। यानि वो राजीव वर्मा के बहनोई हो गए। खैर, चुनौती में राजीव वर्मा जी के काम को बहुत पसंद किया गया। इनका चेहरा देशभर में मशहूर हो गया। चुनौती में ये कॉलेज प्रिंसिपल के किरदार में दिखे थे।

चुनौती से मशहूर हुए तो राजीव वर्मा जी को फिल्मों में काम करने के ऑफर्स भी मिलने लगे। इन्हें मैंने प्यार किया फिल्म मिल गई। फिर तो इन्होंने खुद को पूरी तरह से एक्टिंग की दुनिया को समर्पित कर दिया। और तकरीबन आठ सालों तक सरकारी नौकरी व अभिनय साथ-साथ करने के बाद आखिरकार राजीव वर्मा जी ने अपनी नौकरी से वीआरएस ले लिया। जिस समय राजीव वर्मा जी ने मैंने प्यार किया फिल्म में सलमान के पिता का किरदार निभाया था उस वक्त इनकी उम्र 36-37 साल ही थी। इसलिए जब पहली दफा इन्हें फिल्म में काम करने का ऑफर मिला था तो इन्हें लगा था कि शायद कोई हीरो का रोल इन्हें मिलने वाला है। मगर बाद में पता चला कि इन्हें तो पिता का रोल करना है।

राजीव वर्मा जी ने कई फिल्मों व टीवी शोज़ में काम किया है। हालांकि अब ये एक्टिंग से ज़रा दूर हैं। लेकिन एक वक्त आया था जब फिल्मों से ये बोर हो गए थे और सिर्फ टीवी शोज़ में ही काम करना शुरू कर दिया था। बात अगर राजीव जी की निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो जया बच्चन जी की छोटी बहन रीता जी से राजीव वर्मा जी की शादी हुई है। रीता जी से इनकी मुलाकात थिएटर के दिनों में हुई थी। रीता जी भी तब थिएटर किया करती थी। राजीव वर्मा के फिल्मों में आने से काफी पहले ही इन दोनों की शादी हो चुकी थी। इनके दो बेटे हैं। इनका एक बेटा शिलादित्य वर्मा थिएटर की दुनिया से जुड़ा है। और दूसरा बेटा तथागत वर्मा सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। राजीव वर्मा जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं।
Copypaste

02/03/2024

बुद्ध का एक शिष्य हुआ.....🙏🙏🙏

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