08/02/2025
स्टेशन पर कट रही रात होटल, लॉज और गेस्ट हाउस फुल,
सात दिन में 35 लाख लोग आए काशी, एक घाट से एक मिनट में गुजरीं 30 नावें
महाकुंभ पलट प्रवाह से शुक्रवार को एक बार फिर शहर थम गया। हर तरफ वाहनों का रेला और जाम में राहगीर दो से ढाई घंटे तक फंसे रहे। सड़क, रेल और गंगा में भी श्रद्धालुओं का दबाव ऐसा रहा कि आम जन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर दिन और रात वाहन रेंगते रहे। सात दिन में करीब 35 लाख लोग शहर में आए हैं। इस दौरान करीब 4 लाख चार पहिया वाहन शहर में आए हैं। हर दिन 60 से 62 फ्लाइटों से 10 से 12 हजार लोग आवागमन कर रहे हैं।
ट्रेनों से हर दिन लाखों यात्री कर रहे सफर
वहीं, हर एक मिनट में एक घाट से लगभग 30 नावें शुक्रवार की सुबह 10 बजे गुजरीं। ट्रेनों से हर दिन करीब 1.5 से 2 लाख यात्री विभिन्न ट्रेनों से वाराणसी कैंट और बनारस से गुजर रहे हैं। वहीं रोडवेज की 350 बसों से रोज 18 हजार लोग आ रहे हैं। इस तरह सात दिनों में करीब 35 लाख से ज्यादा लोग शहर में आए हैं। विश्वनाथ धाम के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान करीब 30 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। उधर, बाहरी राज्यों और जिलों के रजिस्ट्रेशन नंबर के वाहनों को सुबह जगह-जगह आउटर पर रोका गया।
मंदिरों में लगी रही भक्तों की लंबी कतार
बाबा विश्वनाथ धाम और कालभैरव मंदिर में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। हाईवे पर रामनगर टेंगरा मोड़ से डाफी टोल प्लाजा, अखरी बाईपास और चुनार रोड अंडरपास में इस कदर जाम रहा कि बाइक सवार भी आगे नहीं बढ़ पाए। मंडुवाडीह और लहरतारा-बौलिया मार्ग भी जाम की चपेट में रहा। शाम के समय लहरतारा से कलेक्ट्री फार्म पहुंचने में लोगों को 40 से 50 मिनट लग लग गए। मिर्जामुराद, कछवा रोड, राजातालाब, रोहनिया और हरहुआ रिंग रोड चौराहे पर दिन भर जाम के बीच वाहन रेंगते रहे।
मौनी अमावस्या पर चार दिन में पहुंचे थे 40 लाख लोग
मौनी अमावस्या के दौरान 29 जनवरी से एक फरवरी तक शहर में लगभग 40 लाख श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था। प्रयागराज-वाराणसी के बीच रेल और सड़क मार्ग उस समय भीषण जाम था। बसों और ट्रेनों से काशी आने में लोगों को 18 से 20 घंटे का वक्त लगा था। भीड़ इतनी थी कि बाबा विश्वनाथ मंदिर धाम में दो से तीन घंटे बाद लोगों को बाबा के दर्शन का सौभाग्य मिला था। इसके बाद श्रद्धालुओं के आवागमन में कमी आई और भीड़ सामान्य रहा कि अचानक बसंत पंचमी के बाद शुक्रवार को एक बार फिर भीड़ बढ़ने लगी।
होटल, लॉज और गेस्ट हाउस फुल, स्टेशन पर कट रही रात
महाकुंभ का असर ऐसा है कि शहर के छोटे-बड़े सभी होटल, गेस्ट हाउस, लॉज और होम स्टे तक फुल है। पिछले 15 दिनों से यही क्रम बना हुआ है, कहीं भी कमरे खाली नहीं मिल रहे हैं। अधिकतर होटल, गेस्ट हाउस के कमरों को ऑनलाइन ट्रैवेल्स कंपनियों ने बुक करवा लिया है। वह अपने हिसाब से कमरों को बेच रही हैं। वहीं, होम स्टे भी ऑनलाइन बुक हो जा रहे हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक ठौर मिलना मुश्किल हो गया है।
गुजरात से पहुंचे श्रीनिवासन ने बताया कि बृहस्पतिवार की रात में सपरिवार काशी आए, लेकिन कहीं भी होटल, गेस्ट हाउस और लॉज नहीं मिला। अधिक पैसे देने पर भी कहीं कमरे नहीं मिले। मजबूरी में कैंट स्टेशन के होल्डिंग एरिया में ठहरना पड़ा। टूर ऑपरेटर सुधांशु सक्सेना ने बताया कि आने वाले हफ्ते भर तक शहर के होटलों में कमरे मिलना मुश्किल है।
कैंट स्टेशन पर बढ़ी भीड़, सुरक्षा तंत्र सतर्क
महाकुंभ आवाजाही करने वालों की कैंट स्टेशन पर भीड़ शुक्रवार की देर शाम से बढ़ना शुरू हो गई। रात में आरपीएफ, जीआरपी ने श्रद्धालुओं को सर्कुलेटिंग एरिया से उन्हें होल्डिंग एरिया में भिजवाया।