03/04/2025
वाट्सऐप से ठगी, फोटो डाउनलोड करते ही बैंक साफ!
कल से ये न्यूज़ वायरल है, जिसमें कहा जा रहा है कि जबलपुर के एक व्यक्ति के पास वाट्सऐप पर एक फोटो आया। उसे डाउनलोड करते ही उसका मोबाइल हैक हो गया और फिर उसके एकाउंट से पैसे निकल गये। एक्सपर्ट बता रहे हैं कि ऐसा फोटो की मेटाडेटा जानकारी (EXIF Data) में लिंक एम्बेड करके किया गया, जिससे फोटो को डाउनलोड करते ही कोई हिडेन APK फ़ाइल इंस्टॉल हो गयी, जिसने फोन का एक्सेस साइबर ठग के हाथ में दिया और ठग ने उस व्यक्ति के बैंक में आनलाइन बैकिंग एक्टिवेट करके दो लाख एक हजार रूपये निकाल लिये।
क्या ऐसा हो सकता है?
इमेज स्टेगैनोग्राफी के जरिए वास्तव में ऐसा हो सकता है, जिसमें किसी तस्वीर (JPEG, PNG, BMP) के पिक्सल वैल्यू में हल्का बदलाव करके उसमें टेक्स्ट, लिंक या अन्य फाइलें छुपाई जा सकती हैं। लेकिन ऐसे लिंक को डिकोड करने के लिए स्टेगैनोग्राफी डिकोडर की जरूरत होती है। यदि किसी फोटो में किसी APK फ़ाइल के लिंक को छिपा दिया जाए, तो भी फोटो को इंस्टाल करने पर APK फ़ाइल अपने आप इंस्टाल नहीं हो सकती। वह तभी इंस्टाल होगी, जब फोन में कोई मालवेयर पहले से हो, जो फोटो में छिपे हिडेन लिंक को डिकोड करके इंस्टाल भी कर लें। या फिर यूजर को कोई इस तरह का लालच दिया जाए- "यह फोटो देखो, यह एक ऑफर है, फोटो डाउनलोड करके लिंक को ओपन करो!" अन्यथा की स्थिति में ऐसा होना असम्भव है।
व्हाट्सऐप ऐसा करने से रोकता है
जब आप व्हाट्सऐप से किसी को फोटो भेजते हैं, तो वह उसे compressed कर देता है, जिससे कोई भी छिपा हुआ डेटा या लिंक नष्ट हो जाता है। यदि आपने स्टेगैनोग्राफी (Steganography) या EXIF डेटा में कोई लिंक डाला है, तो वह ट्रांसफर के दौरान हट जाएगा। यहां पर यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि फोटो और ऐप इंस्टॉलेशन दोनो अलग प्रक्रियाएँ हैं। फोटो डाउनलोड होने का मतलब यह नहीं कि कोई ऐप इंस्टॉल हो सकता है। ऐप इंस्टॉल करने के लिए APK फ़ाइल या किसी एप स्टोर (Play Store, App Store) का लिंक मैन्युअली खोलना आवश्यक होता है। इसलिए सिर्फ फोटो डाउनलोड करने से अपने-आप कोई वायरस या ऐप इंस्टॉल नहीं हो सकता है। क्योंकि एंड्रॉएड और iOS किसी भी अनजानी इंस्टॉलेशन को ब्लॉक कर देते हैं जब तक यूजर खुद "इंस्टॉल" पर क्लिक न करे।
फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?
मोबाइल पर भेजे गये लिंक को कभी भी क्लिक न करें, चाहे भेजने वाला अनजान हो या फिर जानने वाला। कभी भी किसी के द्वारा भेजे गये क्यूआर कोड को स्कैन न करें।
यदि किसी को पेमेंट करना है, तो उसके लिए यूपीआई आईडी का इस्तेमाल करें।
किसी भी व्यक्ति के कहने पर कभी भी कोई ऐप इंस्टॉल न करें। ऐप्स को Play Store, App Store से ही इंस्टाल करें।
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