Apka Cyber Dost

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जागरूक रहकर ही आप साइबर फ्रॉड से बच सकते हैं। 'Apka Cyber Dost' इस काम में आपकी मदद के लिए तैयार है। आप हमारे साथ जुड़ें और अपने आपको और अपने ईष्ट-मित्रों से साथ इस जानकारी को साझा करके उन्हें साइबर फ्रॉड से बचाएं।

18/04/2025
वाट्सऐप फ्रॉड: फोटो भेज कर 2 लाख की ठगी!
14/04/2025

वाट्सऐप फ्रॉड: फोटो भेज कर 2 लाख की ठगी!

क्या फेसबुक आपकी जासूसी करता है?बहुत से लोगों ने यह महसूस किया है कि जब भी वे किसी विषय पर बात करते हैं, उससे सम्बंधित व...
04/04/2025

क्या फेसबुक आपकी जासूसी करता है?

बहुत से लोगों ने यह महसूस किया है कि जब भी वे किसी विषय पर बात करते हैं, उससे सम्बंधित विज्ञापन फेसबुक पर दिखने लगते हैं। इससे उन्हें शक होता है कि कि फेसबुक उनकी बातें सुनता है। तो आइए जानते हैं कि सच्चाई क्या है?

फेसबुक कैसे ट्रैक करता है?
दरअसल जब आप फेसबुक, इंस्टाग्राम या व्हाट्सऐप का उपयोग करते हैं, तो यह आपकी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है। अगर किसी वेबसाइट पर Facebook Pixel या लॉगिन API जुड़ा है, तो फेसबुक वहां भी आपकी गतिविधि ट्रैक कर सकता है। अगर आपने फेसबुक को लोकेशन एक्सेस दी है, तो यह आपके मूवमेंट को भी ट्रैक करता है। कई लोग मानते हैं कि फेसबुक आपके माइक्रोफोन को सुनता है, लेकिन कंपनी इसे खारिज कर चुकी है। हालांकि, यह आपके टेक्स्ट, इमेज और अन्य डेटा का विश्लेषण जरूर करता है।

क्या आप इसे रोक सकते हैं?
अगर आपको शक है कि फेसबुक आपको ट्रैक करता है, तो आप सेटिंग में जाकर जरूरी बदलाव करके इसे नियंत्रित कर सकते हैं। इसे करने के लिए आप फेसबुक की Settings & Privacy में जाएं Device permissions को चुनें। वहां पर आपको कई विकल्प नजर आएंगे।

वहां पर हर आप्शन के आगे See info लिखा नजर आएगा। उसपर क्लिक करने पर Allowed और Not Allowed का विकल्प मिलेगा। इसमें से मनचाहा आप्शन चुनें और Update settings को सेलेक्ट कर दें।

इसी के साथ आप अपनी "Off-Facebook Activity" सेटिंग को भी डिसेबल कर लें और Ad Preferences में जाकर "Ads based on your activity" भी बंद कर लें।

इस तरह से फेसबुक की ट्रैकिंग को आप मनचाहे तरीके से नियंत्रित कर पाएंगे।

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वाट्सऐप से ठगी, फोटो डाउनलोड करते ही बैंक साफ!कल से ये न्यूज़ वायरल है, जिसमें कहा जा रहा है कि जबलपुर के एक व्यक्ति के ...
03/04/2025

वाट्सऐप से ठगी, फोटो डाउनलोड करते ही बैंक साफ!

कल से ये न्यूज़ वायरल है, जिसमें कहा जा रहा है कि जबलपुर के एक व्यक्ति के पास वाट्सऐप पर एक फोटो आया। उसे डाउनलोड करते ही उसका मोबाइल हैक हो गया और फिर उसके एकाउंट से पैसे निकल गये। एक्सपर्ट बता रहे हैं कि ऐसा फोटो की मेटाडेटा जानकारी (EXIF Data) में लिंक एम्बेड करके किया गया, जिससे फोटो को डाउनलोड करते ही कोई हिडेन APK फ़ाइल इंस्टॉल हो गयी, जिसने फोन का एक्सेस साइबर ठग के हाथ में दिया और ठग ने उस व्यक्ति के बैंक में आनलाइन बैकिंग एक्टिवेट करके दो लाख एक हजार रूपये निकाल लिये।

क्या ऐसा हो सकता है?
इमेज स्टेगैनोग्राफी के जरिए वास्तव में ऐसा हो सकता है, जिसमें किसी तस्वीर (JPEG, PNG, BMP) के पिक्सल वैल्यू में हल्का बदलाव करके उसमें टेक्स्ट, लिंक या अन्य फाइलें छुपाई जा सकती हैं। लेकिन ऐसे लिंक को डिकोड करने के लिए स्टेगैनोग्राफी डिकोडर की जरूरत होती है। यदि किसी फोटो में किसी APK फ़ाइल के लिंक को छिपा दिया जाए, तो ​भी फोटो को इंस्टाल करने पर APK फ़ाइल अपने आप इंस्टाल नहीं हो सकती। वह तभी इंस्टाल होगी, जब फोन में कोई मालवेयर पहले से हो, जो फोटो में छिपे हिडेन लिंक को डिकोड करके इंस्टाल भी कर लें। या फिर यूजर को कोई इस तरह का लालच दिया जाए- "यह फोटो देखो, यह एक ऑफर है, फोटो डाउनलोड करके लिंक को ओपन करो!" अन्यथा की स्थिति में ऐसा होना असम्भव है।

व्हाट्सऐप ऐसा करने से रोकता है
जब आप व्हाट्सऐप से किसी को फोटो भेजते हैं, तो वह उसे compressed कर देता है, जिससे कोई भी छिपा हुआ डेटा या लिंक नष्ट हो जाता है। यदि आपने स्टेगैनोग्राफी (Steganography) या EXIF डेटा में कोई लिंक डाला है, तो वह ट्रांसफर के दौरान हट जाएगा। यहां पर यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि फोटो और ऐप इंस्टॉलेशन दोनो अलग प्रक्रियाएँ हैं। फोटो डाउनलोड होने का मतलब यह नहीं कि कोई ऐप इंस्टॉल हो सकता है। ऐप इंस्टॉल करने के लिए APK फ़ाइल या किसी एप स्टोर (Play Store, App Store) का लिंक मैन्युअली खोलना आवश्यक होता है। इसलिए सिर्फ फोटो डाउनलोड करने से अपने-आप कोई वायरस या ऐप इंस्टॉल नहीं हो सकता है। क्योंकि एंड्रॉएड और iOS किसी भी अनजानी इंस्टॉलेशन को ब्लॉक कर देते हैं जब तक यूजर खुद "इंस्टॉल" पर क्लिक न करे।

फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?
मोबाइल पर भेजे गये लिंक को कभी भी क्लिक न करें, चाहे भेजने वाला अनजान हो या फिर जानने वाला। कभी भी किसी के द्वारा भेजे गये क्यूआर कोड को स्कैन न करें।

यदि किसी को पेमेंट करना है, तो उसके लिए यूपीआई आईडी का इस्तेमाल करें।
किसी भी व्यक्ति के कहने पर कभी भी कोई ऐप इंस्टॉल न करें। ऐप्स को Play Store, App Store से ही इंस्टाल करें।

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घिबली (Ghibli) का दिवानापन: कहीं लेने के देने न पड़ जाएं!आजकल लोगों में घिबली आर्ट को लेकर एक दीवानापन देखने को मिल रहा ...
02/04/2025

घिबली (Ghibli) का दिवानापन: कहीं लेने के देने न पड़ जाएं!

आजकल लोगों में घिबली आर्ट को लेकर एक दीवानापन देखने को मिल रहा है और वे विभिन्न प्लेटफार्म पर अपनी व अपने परिवार की इमेज अपलोड करके उसे घिबली आर्ट में कन्वर्ट कर रहे हैं। इस तरह उनकी प्राइवेट और हाई रेजोल्यूशन वाली इमेज मुफ्त में घिबली इमेंज बनाने वाले प्लेटफार्म पर जा रही हैं, जहां पर उनके दुरूपयोग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

किसी भी फोटो के Exif डेटा में फोटो सम्बंधी डिटेल्स के साथ ही उसके कैमरा/एडिटिंग सम्बंधी जानकारी के साथ उसका GPS लोकेशन डेटा भी दर्ज रहता है। इसका उपयोग करके कोई भी व्यक्ति आपकी सटीक लोकेशन (Latitude & Longitude) निकाल सकता है। खासकर, बच्चों या महिलाओं की तस्वीरों में लोकेशन डेटा रहना बेहद खतरनाक हो सकता है। इससे साइबर अपराधी या स्टाकर (Stalker) आपकी दैनिक गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं और आपको टारगेट कर सकते हैं।

इसके साथ ही जब आप हाई रेजोल्यूशन फोटो किसी अनजान प्लेटफार्म पर शेयर करते हैं, जिनकी फोटो उपयोग शर्तें भी आपको पता नहीं होतीं, तो उसके द्वारा हैकर आपके स्क्रीन लॉक तोड़ने जैसे प्रयास भी कर सकते हैं साथ ही उससे आपके फेक तस्वीरें और वीडियो भी बना सकते हैं। खासकर महिलाओं और बच्चों के संदर्भ में यह कितना खतरनाक हो सकता है, आप इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते।

कैसे बचें? (How to Protect Yourself?)
इसलिए कहीं पर भी अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक फोटो शेयर करने से बचें। खासकर हाई रेजोल्यूशन फोटो, महिलाओं और बच्चों के फोटो आनलाइन साइट्स पर शेयर न करें। अगर कोई फोटो शेयर करना ही हो, तो क्लोजअप फोटो कदापि न शेयर करें और लो रेजोल्यूशन वाले फोटो उपयोग करें। और उन्हें भी शेयर करने से पहले उनका Exif डेटा हटा दें। इसका सबसे आसान तरीका है कि फोटो को वाट्सअप से किसी एकाउंट में भेजें। फिर उसे डाउनलोड करके उपयोग में लाएं।

और सबसे खास बात, जितना हो सके डिजिटल प्लेटफार्म्स पर अपने फुटप्रिंट्स कम से कम छोड़ें, क्योंकि एक बार उन्हें आनलाइन करने के बाद एन्हें परमानेंट डिलीट करना लगभग असम्भव होता है। और हमारे आसपास मौजूद शातिर लोग इनका दुरूपयोग किस तरह से कर सकते हैं, आप इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते।

=>> अगर आपको ये जानकारी पसंद आए, तो इसे अपनी वॉल पर भी शेयर करें, जिससे लोग गिबली के मायाजाल में फंसने से बचें और साइबर अपराधों से सुरक्षित रहें।

Call Merge Cyber Fraud: कॉल से ओटीपी जनरेट कर हो रही ठगी!साइबर ठगी के नित नए तरीके सामने आ रहे हैं। ठग अब कॉल मर्जिंग के...
01/03/2025

Call Merge Cyber Fraud: कॉल से ओटीपी जनरेट कर हो रही ठगी!

साइबर ठगी के नित नए तरीके सामने आ रहे हैं। ठग अब कॉल मर्जिंग के जरिए धोखा दे रहे हैं। इस प्रकार की घटनाओं में ठग आपको किसी परिचित का रिफरेंस देकर फोन करते हैं। उसी समय एक दूसरी कॉल भी उस व्यक्ति के नम्बर पर आने लगती है। ठग उस कॉल को मर्ज करने के लिए कहते हैं। और जैसे ही लोग ऐसा करते हैं, उनके बैंक एकाउंट से पैसे निकल जाते हैं।

धोखाधड़ी का नया तरीका:
• ठग कॉल को रिसीव करने के बाद आपको कॉल मर्ज करने के लिए कहते हैं।
• एक अनजान व्यक्ति कॉल करता है और कहता है कि उसे आपका नंबर आपके दोस्त से मिला है।
• फिर ठग यह दावा करते हैं कि आपका दोस्त दूसरे नंबर से कॉल कर रहा है और आपसे कॉल मर्ज करने के लिए कहते हैं।
• जब आप कॉल मर्ज करते हैं, तो आपको ओटीपी बताने के लिए कहा जाता है। जैसे ही आप ओटीपी बताते हैं, ठग उसका इस्तेमाल करके आपके खाते से पैसे निकाल लेते हैं।

क्या करें और क्या न करें:
• कभी भी अज्ञात नंबरों के साथ कॉल मर्ज न करें।
• कॉल मर्ज करने के लिए कहे जाने पर सतर्क रहें, खासकर अपरिचित स्रोतों से।
• कॉल करने वाले की पहचान को सत्यापित करें।
• अगर आपको कॉल के माध्यम से ओटीपी प्राप्त होता है और आपने कोई लेनदेन नहीं किया है, तो तुरंत 1930 पर सूचना दें और www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।

Facebook Friend Request Scam: फर्जी महिला मित्र ने स्टील कारोबारी से की 1.92 करोड़ की साइबर ठगी...  अहमदाबाद के एक स्टील...
28/02/2025

Facebook Friend Request Scam:
फर्जी महिला मित्र ने स्टील कारोबारी से की 1.92 करोड़ की साइबर ठगी...

अहमदाबाद के एक स्टील कारोबारी सुमित ग्रोवर फेसबुक फ्रैंड रिक्वेस्ट स्कैम का शिकार हो गए। एक अज्ञात महिला ने उन्हें वेबुल नामक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश करने के लिए कहा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 1.92 करोड़ की साइबर ठगी का सामना करना पड़ा।

अगस्त 2024 में, सुमित ग्रोवर को 'किरा शर्मा' नाम की एक महिला से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। किरा ने खुद को दुबई में जिम इक्विपमेंट की फैक्ट्री का मालिक बताया और उसने सुमित का विश्वास जीतने के लिए वीडियो कॉल और तस्वीरें साझा कीं। किरा ने सुमित को वेबुल नामक एक वेब-बेस्ड एप्लिकेशन में निवेश करने का सुझाव दिया और बताया कि उसके चाचा जेपी मॉर्गन में एनालिस्ट हैं और इन्वेस्टमेंट टिप्स देते हैं।

सुमित ने पहले $500 का निवेश किया, बाद में किरा ने उन्हें 50 हजार यूएसडीटी निवेश करने पर 20 हजार यूएसडीटी बोनस का लालच दिया। सुमित ने दिसंबर तक 1.92 करोड़ रुपये का निवेश किया, और एप्लिकेशन पर उन्हें उनकी कुल वैल्यू 6.77 लाख यूएसडीटी दिखाई गई।

जब सुमित ने 77 हजार यूएसडीटी निकालने की कोशिश की, तो उनसे 20% टैक्स भरने के लिए कहा गया। जब उन्होंने टैक्स को अपनी राशि से काटने का अनुरोध किया, तो कोई जवाब नहीं मिला। किरा ने अपना पुराना व्हाट्सएप नंबर बंद कर दिया।

सुमित को संदेह हुआ और उन्होंने वेबुल नामक कंपनी के बारे में ऑनलाइन खोजबीन की और पाया कि यह एक साइबर ठगी का माध्यम बन चुका है। इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

'टैग' की महामारी से कैसे बचें? फेसबुक में 'टैगिंग' की सुविधा जरूरी संदर्भ को उद्धृत करने के लिए बनाई गयी थी। लेकिन आत्मप...
23/02/2025

'टैग' की महामारी से कैसे बचें?

फेसबुक में 'टैगिंग' की सुविधा जरूरी संदर्भ को उद्धृत करने के लिए बनाई गयी थी। लेकिन आत्मप्रचार की बीमारी से ग्रसित लोगों ने इसे एक 'महामारी' का रूप दे दिया है। हद तो यह है कि लोग अपनी सड़ी से सड़ी बात पर भी अपने 'फेसबुक फ्रेंड्स' को थोक की मात्रा में 'टैग' करने लगे हैं। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि ज्यादातर लोगों की 'वॉल' पर उनकी खुद की पोस्ट खोज पाना दूभर हो चला है। वहां पर दूसरों की पोस्ट का कूड़ा करकट ही नजर आता है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर लोगों को फेसबुक सेटिंग्स की जानकारी नहीं है। यदि आप फेसबुक में एक छोटी सी सेटिंग कर लें, तो दूसरों के कूड़ा कचरा को अपनी वॉल पर प्रदर्शित होने से बचा सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि इसके लिए हमें क्या करना होगा।

मोबाइल में फेसबुक ऐप खोलें, दाईं ओर सबसे ऊपर दिख रहे अपने फोटो पर क्लिक करें।

फोटो के नीचे 'गेयर' जैसा दिखाई देगा। यह 'Settings & Privacy' का बटन है। इस पर क्लिक करें।

खुलने वाले पेज के बीच में 'Audience and visibility' विकल्प मिलेगा, आप इसके 'Profile and Tagging' विकल्प पर क्लिक करें।

नीचे की ओर जाएं, वहां पर 'Reviewing' विकल्प मिलेगा। उसमें दो आप्शन दिये गये हैं:
1. Review tags people add to your posts before the tags appear on Facebook?
2. Review posts you're tagged in before the post appears on your profile?

आपको बस इन दोनों विकल्पों के सामने बने बटनों को आन करना है।

इस तरह आप 'टैग' की महामारी से सुरक्षित हो जाएंगे। इस सेटिंग की बाद जो भी लोग अपनी पोस्ट में आपको टैग करेंगे, वह पोस्ट पहले आपके पास रिव्यू के लिए आएगी। यदि आप उस पोस्ट को परमीशन देंगे, तभी वह आपकी पोस्ट में दिखेगी, अन्यथा वह 'हाइड' हो जाएगी।

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फेसबुक का डाटा सुरक्षित कैसे करें? हालांकि फेसबुक में 2-Step Verification ऐक्टिव कर आप अपने अकाउंट को 99 % साइबर अपराधिय...
09/02/2025

फेसबुक का डाटा सुरक्षित कैसे करें?

हालांकि फेसबुक में 2-Step Verification ऐक्टिव कर आप अपने अकाउंट को 99 % साइबर अपराधियों से सुरक्षित कर सकते हैं। पर 1 % खतरा तब भी बना रहता है। ऐसे में साइबर अपराधी आपका पर्सनल डाटा जैसे मोबाइल नम्बर, ईमेल, समय समय पर आपकी पोस्ट के द्वारा प्रदान की गयी जानकारी तथा आपके दोस्तों की सूची को हासिल कर उसका दुरुपयोग कर सकते हैं। इन जानकारियों को वो बिना आपका अकाउंट हैक किये भी प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन अगर आप अपने अकाउंट में कुछ मामूली सेटिंग्स कर लें, तो उसे साइबर अपराधियों से पूरी तरह से बचा सकते हैं।

इन सेटिंग्स के लिए मोबाइल में सबसे ऊपर दाईं ओर बनी फोटो पर क्लिक करें। Settings and privacy को चुनें। उसके बाद Settings को क्लिक करें और Privacy checkup में जाएं। नए विंडो में Who can see what you share पर क्लिक करें और फिर Continue का बटन दबाएं। अब Phone Number, Email के साथ Friends and following आप्शन में Friend list और Follow pages को Only me कर लें।
इसके बाद Next का बटन दबाएं। Default audience आप्शन में Public के विकल्प को बदल कर Friends कर लें। इस तरह आपका Facebook अकाउंट पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगा।

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क्या आप जानते हैं कि 99.99 प्रतिशत लोग वाट्सअप में टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन नहीं करते हैं। ऐसे में-1. आपका अकाउंट बड़ी आसा...
05/02/2025

क्या आप जानते हैं कि 99.99 प्रतिशत लोग वाट्सअप में टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन नहीं करते हैं। ऐसे में-

1. आपका अकाउंट बड़ी आसानी से हैक किया जा सकता है।

2. सिम स्वैपिंग अटैक करके अपराधी आपके नम्बर का नया सिम प्राप्त कर सकते हैं।

3. फ्रॉड और फेक मैसेज भेज कर अपराधी आपके नाम से पैसे मांग सकते हैं, गलत जानकारी फैला सकते हैं, या आपके दोस्तों-रिश्तेदारों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

4. अपराधी आपका पर्सनल डेटा चोरी कर उसका दुरुपयोग कर सकते हैं।

5. अगर एक बार अकाउंट किसी और के हाथ लग जाए और अपराधी उसमें अपना ईमेल भी जोड़ ले, तो तो उसे रिकवर करना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

कैसे बचें?
1. टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करें: 3 डॉट पर क्लिक करके सेटिंग्स में जाएं > अकाउंट > टू-स्टेप वेरिफिकेशन > Enable करें और एक मजबूत पिन सेट करें। ध्यान रहे, ये पिन आपकी जन्मतिधि न हो, क्योंकि उसे पता करना बेहद आसान होता है।

2. रिकवरी ईमेल जोड़ें: अगर आप पिन भूल जाते हैं तो रिकवर करने में मदद मिलेगी। इसका आप्शन टू स्टेप वेरिफिकेशन के पहले रहता है।

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