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16/09/2025

उर्दू अकादमी में कवि सम्मेलन और मुशायरा

कृते च कर्तव्यम एषः धर्म सनातनःकृते च कर्तव्यम एषः धर्म सनातनःअर्थात *कर्ता के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करना सनातन धर...
13/09/2025

कृते च कर्तव्यम एषः धर्म सनातनः

कृते च कर्तव्यम एषः धर्म सनातनः
अर्थात *कर्ता के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करना सनातन धर्म का पहला संस्कार है*
गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने यह विचार व्यक्त किए। वह श्री गोरखनाथ मन्दिर, गोरखपुर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 56वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 11वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक पुण्यतिथि समारोह व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ में ब्रह्मलीन पूज्य महंतद्वय की पुण्य स्मृति में साप्ताहिक आयोजन भी कृतज्ञता ज्ञापन का ही आयाम है।महंतद्वय समाज, राष्ट्र और लोक जीवन से जुड़े प्रत्येक मुद्दे पर सनातन धर्म और भारत के हितों के प्रति प्रतिबद्ध रहे। महंत दिग्विजयनाथ जी ने सनातन धर्म, शिक्षा, सेवा और राष्ट्रीयता के जिन मूल्यों और आदर्शों को स्थापित किया, उन्हें महंत अवेद्यनाथ जी ने आत्मसात कर आगे बढ़ाया। महंत दिग्विजयनाथ जी ने इसी ध्येय से देश की गुलामी के कालखण्ड में वर्ष 1932 में महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की थी। वर्ष 1932 में पहली संस्था स्थापित हुई और फिर यह श्रृंखला बढ़ती गई। गोरखपुर में जब पहले विश्वविद्यालय की स्थापना की बात आई तो उन्होंने महाराणा प्रताप महिला विद्यालय दान देकर विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य प्रारम्भ कराया। उन्होंने महिला शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष शिक्षा सहित शिक्षा के प्रत्येक क्षेत्र को आगे बढ़ाया। उनके बाद महंत अवेद्यनाथ जी ने भी इस सिलसिले को जारी रखा।
मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय के अविस्मरणीय योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण के यज्ञ का शुभारम्भ महंत दिग्विजयनाथ जी ने किया था। उनके बाद वर्ष1983 से लेकर जीवन पर्यंत महंत अवेद्यनाथ मंदिर निर्माण के लिए संघर्षरत रहे। ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी समाज को तोड़ने वाली ताकतों से चिंतित रहे। उन्होंने अश्पृश्यता के खिलाफ आवाज उठाई और आजीवन सामाजिक समरसता को बढ़ाया।

स्वामी विवेकानंद का स्मरणलखनऊ। विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण और दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी...
12/09/2025

स्वामी विवेकानंद का स्मरण

लखनऊ। विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण और दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी द्वारा सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की स्मृति में, विद्यांत हिंदू पीजी कॉलेज ने आज अपनी पहली "व्याख्यानमाला" व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया। "मानव समाज का विकास: 21वीं सदी" विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षाविदों, छात्रों और गणमान्य व्यक्तियों ने मानविकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित अंतःविषय अंतर्दृष्टि का अन्वेषण किया।

कॉलेज परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम ने तीव्र वैश्विक परिवर्तनों के बीच सामाजिक प्रगति पर विचारोत्तेजक संवाद को बढ़ावा दिया। प्रबंधक श्री शिवाशीष घोष और प्राचार्य प्रो. धर्म कौर के तत्वावधान में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में ऐतिहासिक प्रेरणा को समकालीन चुनौतियों के साथ जोड़ने की कॉलेज की प्रतिबद्धता पर बल दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक समिति द्वारा समन्वित छात्रों द्वारा प्रस्तुत एक सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुई, जिसमें भारत की दार्शनिक विरासत का सम्मान करते हुए पारंपरिक प्रस्तुतियों के साथ एक चिंतनशील माहौल तैयार किया गया। माननीय प्रबंधक श्री शिवाशीष घोष और प्रधानाचार्या प्रो. धर्म कौर ने स्वागत भाषण दिए। उन्होंने आज के विश्व में विवेकानंद के विश्व बंधुत्व के संदेश और गांधीजी के अहिंसक प्रतिरोध की प्रासंगिकता पर बल दिया।

उद्घाटन भाषण मुख्य अतिथि, लखनऊ स्थित रामकृष्ण मिशन के माननीय स्वामी मुक्तिदानन्द ने दिया। वे युवाओं में आध्यात्मिकता और ध्यान को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं, और उन्होंने आंतरिक शांति के लिए इन प्रथाओं की ओर बढ़ते आकर्षण को भी रेखांकित किया। अपने भाषण में, उन्होंने प्राचीन भारतीय ज्ञान और आधुनिक सामाजिक विकास के बीच समानताएँ रेखांकित कीं और उपस्थित लोगों को तकनीकी प्रगति के साथ नैतिक मूल्यों को एकीकृत करने के लिए प्रेरित किया।

राज्य सूचना आयुक्त प्रो. दिलीप अग्निहोत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, "स्वामी विवेकानंद ने राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना को प्रज्वलित किया और उपनिवेशित भारत को उसकी समृद्ध विरासत की याद दिलाई। राजनीतिक रूप से पराधीन होने के बावजूद, भारत की सांस्कृतिक संप्रभुता अडिग रही। उनका जीवन और कार्य राष्ट्रवाद की प्रेरणा देते हैं और मानवता के कल्याण को 'वसुधैव कुटुम्बकम' के मूल सिद्धांतों में समाहित करते हुए वैचारिक ऊर्जा का संचार करते हैं।"

लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के अंतरराष्ट्रीय स्तर के युवा वैज्ञानिक प्रो. अमृतांशु शुक्ला का सम्मान समारोह एक विशेष कार्यक्रम था। प्रो. शुक्ला, परमाणु भौतिकी और तापीय ऊर्जा भंडारण के विशेषज्ञ प्रोफेसर हैं। डॉ. भूपेंद्र सचान द्वारा प्रशस्ति पत्र वाचन के बाद, प्रो. शुक्ला ने श्रोताओं को संबोधित किया और स्वदेशी और प्रौद्योगिकी के सतत उपयोग तथा 21वीं सदी में मानव सभ्यता पर उनके प्रभाव पर अपने विचार साझा किए।

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू), लखनऊ के राजनीति विज्ञानी प्रो. रिपुसूदन सिंह ने भारतीय सभ्यता और पश्चिम व अन्य देशों की सभ्यता की तुलना की। छात्रों ने भाषणों के साथ सक्रिय रूप से भाग लिया और सामाजिक विकास में युवाओं की भूमिका पर नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रो. ध्रुव कुमार त्रिपाठी, प्रो. अमित वर्धन, प्रो. आलोक भारद्वाज, प्रो. सुरभि शुक्ला, डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. शालिनी साहिनी, श्रीमती सिमता मिश्रा आदि के अतिरिक्त व्याख्यान भी शामिल थे।

प्रो. बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कार्यवाही का संचालन किया। कार्यक्रम का समापन प्रो. राजीव शुक्ला द्वारा सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उपस्थित लोगों में LUACTA के अध्यक्ष प्रो. मनोज पांडे, LUACTA महामंत्री प्रो.अंशु केडिया, शिक्षक, विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक, छात्र, सम्मानित नागरिक और मीडिया प्रतिनिधि शामिल थे।

12/09/2025

स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा
डॉ दिलीप अग्निहोत्री

11/09/2025

विद्यांत हिन्दी पीजी कालेज के हिन्दू विभाग की संगोष्ठी

07/09/2025

उग्रसेन सोलर एनर्जी कंपनी के कॉरपोरेट ऑफिस का उद्घाटन

सूर्य घर योजना से जन कल्याण

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि समाज और देश के विकास में ग्रीन एनर्जी का व्यापक योगदान है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना और "मुक्त बिजली योजना" का यही उद्देश्य है। इसका लाभ जन जन तक पहुँचना चाहिए। राज्य सूचना आयुक्त डॉ. दिलीप अग्निहोत्री और एडिशनल कमिश्नर जीएसटी यू डी द्विवेदी ने उग्रसेन सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के कॉरपोरेट ऑफिस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सीईओ प्रदीप कुमार ने कंपनी की कार्य योजना से अवगत कराया। उग्रसेन सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का यह प्रयास सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और लोगों को स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह कंपनी सौर ऊर्जा से जुड़ी सभी आवश्यकताओं और समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कंपनी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी सेवाओं को और विस्तार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह योजना न केवल ऊर्जा की स्वायत्तता को बढ़ावा देती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है। उद्घाटन समारोह में गन्ना निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी आनंद दुबे, डॉ.राघवेंद्र कंपनी के सह फाउंडर बृजनंदन चौबे,एडमिन रजत सहित कंपनी के कर्मचारी और अन्य लोग उपस्थित रहे।

06/09/2025
आपदा एक अवसर या चेतावनीआज चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है प्रकृति पूरे रौद्र रूप में है मानो अपने ऊपर हुए अत्याचार का एक एक...
04/09/2025

आपदा एक अवसर या चेतावनी

आज चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है प्रकृति पूरे रौद्र रूप में है मानो अपने ऊपर हुए अत्याचार का एक एक हिसाब कर रही हो, अब क्या सच्चाई है ये या तो प्रकृति समझ सकती है या फिर मनुष्य परन्तु इस आपदा का क्या निदान है ये केवल और केवल मनुष्य के हाथ में है। आपदा एक अप्रत्याशित और विनाशकारी घटना है, जो प्राकृतिक या मानव-जनित कारणों से होती है, जिससे समुदाय के सामान्य कामकाज में गंभीर व्यवधान उत्पन्न होता है और बड़े पैमाने पर जान-माल, संपत्ति तथा पर्यावरण का नुकसान होता है. आपदाएं मानव, भौतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान का कारण बनती हैं, जिसकी भरपाई प्रभावित समुदाय अपने संसाधनों से करने में सक्षम नहीं होता है।
अब जब आपदा इतनी भयावह होती है तो मनुष्य ऐसे कार्य क्या सोच कर करता है जिससे किसी को भी किसी तरह से नुकसान होता हो, प्राकृतिक आपदा मानव जनित आपदा की तरह नहीं होता जो तुरन्त घटित होता हो यह एक लंबी प्रक्रिया होती है जो कुछ समयावधि के बाद असर दिखाती है, अगर हम पेड़ काट रहे हैं और लगातार काटे जा रहे हैं तो उससे जुड़े जीतने भी तत्व होगे वो सभी प्रभावित होंगे और जब प्रभावित होंगे - प्रतिक्रिया देंगे तो वहां के वातावरण पर असर पड़ना लाजिमी है, परिणाम स्वरूप वातावरण में रह रहे मनुष्य जीव जन्तु नदी नाले पहाड़ सभी प्रभावित होंगे-वही हो रहा है। हम जंगलों को काटे जा रहे हैं, नदियों को प्रदूषित कर रहे हैं, पहाड़ों को खोखला कर रहे हैं, वायुमंडल में विषैले धुएँ का उत्सर्जन कर रहे हैं, चारों तरफ असंतुलन पैदा कर रहे हैं।
जहां एक ओर आपदा हमें चेतावनी देती है कि हमारी जीवनशैली गलत दिशा में जा रही है वहीं वह हमें अवसर भी देती है कि पुराने ढर्रे को बदल कर नई शुरुआत करने का, हर आपदा के पीछे छिपा संदेश यही है – "रुको, सोचो और सही दिशा में कदम बढ़ाओ।"
• बाढ़ हमें जल प्रबंधन और नदियों की सफाई का महत्व याद दिलाती है।
• भूकंप हमें टिकाऊ और सुरक्षित निर्माण तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
• सूखा हमें जल-संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन की अनिवार्यता समझाता है।
• महामारी हमें स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामाजिक संवेदनशीलता का महत्व सिखाती है।
• तकनीकी और वैज्ञानिक नवाचारों की प्रेरणा मिलती है।
• समाज में सहयोग, संवेदना और एकजुटता की भावना बढ़ती है।
• हम अपने बच्चों को पर्यावरण और संसाधनों के संरक्षण का महत्व सिखा सकते हैं।
आपदा केवल एक त्रासदी नहीं है। यह हमें हमारे कर्मों का दर्पण दिखाती है। यह चेतावनी भी है और अवसर भी, चेतावनी इसलिए कि हम अपने लालच और गलतियों से सबक लें। अवसर इसलिए कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित, संतुलित और सुखद भविष्य बना सकें। उनसे सीख कर अपने और समाज के जीवन को संवार सके।

चिकित्सा शिक्षा में संवेदनशीलतासमाज में चिकित्सा और शिक्षा दोनों का बहुत महत्व है। चिकित्सा शिक्षा में तो मानवीय पहलू का...
04/09/2025

चिकित्सा शिक्षा में संवेदनशीलता

समाज में चिकित्सा और शिक्षा दोनों का बहुत महत्व है। चिकित्सा शिक्षा में तो मानवीय पहलू का समावेश होता है। होना चाहिए भी। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इसी तथ्य का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा में संवेदनशीलता, मानवता और सेवाभाव को सर्वाेपरि रखना चाहिए। कोई भी मरीज किसी भी परिस्थिति में आए, उसकी सेवा करना ही डॉक्टर का प्रथम कर्तव्य है और इस जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। आनंदीबेन पटेल अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई जी के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होना उनके लिए विशेष हर्ष का विषय है, क्योंकि उन्हें स्वयं अटल जी से जनप्रतिनिधि के दायित्व, कार्यकुशलता और जनता के प्रति मर्यादित व्यवहार का अमूल्य मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी बच्चों में बढ़ते मोटापे को लेकर चिंतित रहते हैं, क्योंकि इसके कारण अनेक गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न हो रही हैं। इस पर ध्यान गर्भावस्था से ही देना आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं का प्रसव अस्पताल में होना चाहिए तथा उन्हें आहार, वातावरण, मानसिक स्वास्थ्य और परिवार के सहयोग के बारे में जागरूक किया जाना जरूरी है। साथ ही, जन्म के बाद बच्चों के उचित पालन-पोषण की जानकारी भी माताओं तक पहुँचना चाहिए। यह जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की होती है, इसलिए उनका प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है।
शैक्षणिक सत्र के बीच में फीस वृद्धि नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि अनेक गरीब परिवार अपनी भूमि बेचकर अपने बच्चों को मेडिकल शिक्षा दिलाते हैं, और बीच में फीस बढ़ने से उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रदेश के चिकित्सा विश्वविद्यालयों को नैक में सर्वाेच्च ग्रेड प्राप्त हो रहे हैं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रमाण है। अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट निर्माण और अधोसंरचना की सराहना करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय परिसर में एक चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना एवं संचालन किया जाए, ताकि यहाँ चिकित्सा शिक्षा और अधिक सुदृढ़ हो सके। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय में सेंट्रल लाइब्रेरी की स्थापना तथा शोध को प्रोत्साहित करने वाले कार्य किए जाएंगे। विश्वविद्यालय परिसर में एक नया चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा।

04/09/2025

भव्य विंध्य धाम
डॉ दिलीप अग्निहोत्री

विकास पर अग्रसर यूपीलखनऊ। विगत कुछ वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। नई शिक्षा नी...
03/09/2025

विकास पर अग्रसर यूपी

लखनऊ। विगत कुछ वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हुआ। गुणवत्ता युक्त शिक्षा को बढ़ावा मिला। ढांचागत सुविधाओं का विस्तार हुआ। राज्य के विश्वविद्यालयों की नेक रैंकिंग में उल्लेखीय उछाल दिखने लगा है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। विदेशों के साथ निवेश तथा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आदान प्रदान के अनेक अवसर यहाँ उपलब्ध हैं। प्रदेश के विश्वविद्यालय लगातार शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ विभिन्न समझौता ज्ञापन संपन्न हुए हैं। विश्वविद्यालयों ने नैक में सर्वाेच्च ग्रेड प्राप्त कर अपनी गुणवत्ता को प्रमाणित किया है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि विदेशी विद्यार्थी अब उत्तर प्रदेश में आकर हिंदी और संस्कृत सहित अन्य विषयों का भी अध्ययन कर रहे हैं। आनंदीबेन पटेल से राजभवन, लखनऊ में भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन मिड कैरियर ट्रेनिंग प्रोग्राम के उत्तर प्रदेश के भ्रमण पर आए हुए हैं।
राज्यपाल ने अधिकारियों से संवाद करते हुए उत्तर प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, स्टार्ट-अप, कृषि, निवेश, पर्यटन एवं सांस्कृतिक धरोहर से सम्बन्धित पहलुओं पर चर्चा की। राजभवन द्वारा चुनौतियों को अवसर में बदलकर समाजहित में किये जा रहे कार्याे की जानकारी देते हुए बताया कि राजभवन परिसर में स्थापित विद्यालय के बच्चों तथा भिक्षावृत्ति छोड़ चुके बच्चों को राजभवन में बैंड का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इन बच्चों द्वारा गठित राजभवन बैंड ने गणतंत्र दिवस को विधान सभा के सामने आयोजित परेड में प्रतिभाग कर प्रथम स्थान प्राप्त कर राजभवन का गौरव बढ़ाया। बच्चों को एसपीसी की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे उनमें अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और नागरिक उत्तरदायित्व का भाव विकसित हो रहा है।
राजभवन के प्रयासों से प्रदेश की आंगनबाड़ियों को सशक्त बनाने हेतु अब तक लगभग चालीस हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को संसाधन किट उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाया-लिखाया जा सके। इसी प्रकार, प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए राजभवन ने विशेष अभियान चलाया है, जिसके अंतर्गत मरीजों को पोषण पोटली प्रदान की जा रही है और अब तक लगभग चार लाख टीबी मरीज स्वस्थ होकर टीबी मुक्त हो चुके हैं। राजभवन ने ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण,नशा मुक्ति अभियान तथा समाज के सहयोग से अनेक नवाचारी पहलें भी की हैं। राजभवन परिसर में प्रतिदिन योग कार्यक्रम आयोजित होते हैं, राजभवन में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों का बीएमआई परीक्षण कराया जाता है, समय-समय पर सांस्कृतिक गतिविधियां कराई जाती हैं, और बच्चों के लिए स्केटिंग रिंग भी बनाई गई है, जिसमें वे खेलकूद के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ लेते हैं। राजभवन परिसर आम नागरिकों के लिए भी खुला है, जहाँ लोग मॉर्निंग वॉक और इवनिंग वॉक के लिए आते हैं और स्वस्थ जीवन शैली की ओर प्रेरित होते हैं।

विंध्य कॉरिडोर से व्यापक बदलावडॉ दिलीप अग्निहोत्रीराज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि विंध्य कॉरिडोर से ती...
01/09/2025

विंध्य कॉरिडोर से व्यापक बदलाव

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि विंध्य कॉरिडोर से तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं में व्यापक सुधार हुआ है। विंध्याचल में उन्होंने कहा कि शक्ति पीठों में मां विंध्यवासिनी धाम का विशेष महत्व है। एक तरफ मां गंगा दूसरी तरफ विंध्य पर्वत शृंखला इस पूरे क्षेत्र को सुरम्य बनती है। इसके साथ ही यहां काली खोह और अष्टभुजा देवी का भी धाम है।विंध्यवासिनी काली खोह और अष्टभुजा धाम आध्यात्मिक त्रिकोण का निर्माण करते हैं। साधना की दृष्टि से यह सिद्ध क्षेत्र है। नवदुर्गा की अवधि में यहां साधक विशेष अनुष्ठान करते हैं। दूर-दूर से यहां दर्शनार्थी पहुंचते हैं।
विंध्यवासिनी धाम को नव्य और भव्य बनाने के लिए 2021 में कॉरिडोर का निर्माण शुरू हुआ था। आधुनकि सुविधाओं के साथ ही सुगम आवागमन के लिए गलियों का कायाकल्प किया गया है। यहां चार प्रमुख मार्गों पर प्रवेश द्वार बनाया गया है। मुख्य मंदिर के चारों तरफ पचास फीट चौड़ा परिक्रमा पथ बनाया गया है। परिक्रमा पथ का निर्माण पूर्ण हो चुका है। मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर एवं विंध्य कॉरिडोर निर्माण के साथ-साथ काली खोह,अष्टभुजा मंदिर निर्माण तथा त्रिकोण मार्ग के चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यकरण का कार्य पूरे त्रिकोण तीर्थ को सुविधा संपन्न बना रहा है।

Address

Sector-6 Gomti Nagar Vistar
Lucknow
226010

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