04/08/2025
जमीयत उलेमा ज़िला लुधियाना की आपात बैठक
पंजाब की जमीयत को विभाजित करने की कोशिश की कड़ी निंदा
लुधियाना, 3 अगस्त 2025 (रविवार):
आज सुबह 9 बजे नूरानी मस्जिद, नामदेव कॉलोनी, लुधियाना में जमीयत उलेमा ज़िला लुधियाना की एक अहम आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें ज़िले के सभी हलकों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।
बैठक की अध्यक्षता क़ारी मोहम्मद क़ासिम साहब (मोहतमिम; मदरसा नूरुल क़ुरआन) ने की।
बैठक में यह भी तय किया गया कि अगस्त महीने में चार स्थानों पर इस्लाहे मुआशरा (सामाजिक सुधार) के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बैठक का मुख्य विषय:
पंजाब की जमीयत को "मुत्तहिदा जमीयत उलेमा पंजाब" से अलग करने की हालिया कोशिशों पर चर्चा की गई, जिस पर सभी प्रतिभागियों ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए स्पष्ट विरोध दर्ज किया।
मौलाना मोहम्मद नसीम क़ासमी ने कहा:
> "पंजाब की वर्तमान स्थिति ऐसी नहीं है कि उसे मुत्तहिदा जमीयत से अलग किया जाए। इस समय एकता, समझदारी और संवैधानिक आधार पर कार्य करने की आवश्यकता है।"
उन्होंने आगे कहा:
> "जो लोग पंजाब की अलगाव की बात कर के स्वयं को जमीयत के पदाधिकारी घोषित कर रहे हैं, वे गैर-दस्तूरी (असंवैधानिक) तरीकों से जमीयत की एकता को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिसे हम सख्ती से खारिज करते हैं।"
बैठक में मौजूद क़ारी ग़यूर अहमद (अध्यक्ष, जमीयत उलेमा ज़िला लुधियाना) और अन्य सभी पदाधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा:
पंजाब की जमीयत को पहले की तरह मुत्तहिदा जमीयत के अंतर्गत ही रखा जाए।
गैर-संवैधानिक और व्यक्तिगत फैसलों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
जो लोग पिछले 25 वर्षों में ज़िलों में जमीयत की इकाई नहीं बना सके, उनका अचानक से यह "यूनिट निर्माण" सिर्फ़ विभाजन की नीयत से किया गया प्रतीत होता है, जिसे हम हरगिज़ स्वीकार नहीं करेंगे।
यह केवल लुधियाना का रुख नहीं है, बल्कि पंजाब के अन्य ज़िलों की ज़्यादातर जमीयतें भी इसी रुख पर कायम हैं। उन्होंने भी इस विभाजन के प्रयासों का विरोध किया और जमीयत की एकता बनाए रखने पर ज़ोर दिया।
संयुक्त माँग:
सभी ज़िलों के जमीयत कार्यकर्ताओं ने मरकज़ी क़ियादत (केंद्रीय नेतृत्व) और हज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी दाamat barakatuhum al-aliya के फैसले को अंतिम मानते हुए कहा:
> "जब मामला हज़रत सदर साहब के संज्ञान में आ चुका है और उन्होंने इसे मरकज़ी मुन्तज़िमा (केंद्रीय कार्यकारिणी) की बैठक तक के लिए स्थगित रखने का निर्देश दिया है, तो हर किसी को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए। इससे पहले कोई भी विभाजन या घोषणा स्वीकार्य नहीं है।"
जमीयत उलेमा ज़िला लुधियाना और पंजाब की अन्य इकाइयों ने इस संकल्प को दोहराया कि:
> "हम एकता, अनुशासन और केंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर जमीयत की जद्दोजहद को आगे बढ़ाते रहेंगे और हर गैर-संवैधानिक कोशिश का डटकर विरोध करेंगे।"