28/05/2025
*अलीनगर विधानसभा और वर्तमान विधायक का राजनीतिक इतिहास*
अलीनगर विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक यात्रा कुछ इस प्रकार रही है:
वर्ष 2015 में वर्तमान विधायक ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अलीनगर की राजनीति में प्रवेश किया। उसी वर्ष उन्हें भाजपा से टिकट मिला, परंतु वे चुनाव में राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी से 13,460 मतों से पराजित हो गए।
2015 से 2020 तक, विधायक पद न होने के बावजूद उन्होंने भाजपा और अलीनगर की जनता को अनेक बड़े-बड़े सपने दिखाए। उन्होंने तीनों मंडल अध्यक्षों को अपने प्रभाव में रखा।
2020 के विधानसभा चुनाव में वे एनडीए गठबंधन की वीआईपी (VIP) पार्टी से चुनाव लड़े और विजयी हुए। जीत के बाद उन्होंने अपनी टीम गठित की, लेकिन इसके साथ ही गुटबाजी की राजनीति प्रारंभ हो गई।
मंडल अध्यक्षों को अपने बेटे से गालियां दिलवाना, पुराने कार्यकर्ताओं को जिन्होंने उन्हें विधायक बनाने में अहम भूमिका निभाई थी — उनके साथ अपमानजनक व्यवहार करना, धमकियां देना — यह सब शुरू हो गया।
विधायक बनने से पहले उन्होंने अलीनगर में डिग्री कॉलेज बनवाने का वादा किया था, जो केवल भाषण तक ही सीमित रह गया। आज तक जन समस्याओं की सुनवाई के लिए कोई स्थानीय कार्यालय भी नहीं बनाया गया है। विकास का नामोनिशान अलीनगर में नहीं दिखाई देता।
इतना सौतेला व्यवहार झेलने के बावजूद अलीनगर की जनता ने उन्हें सम्मान दिया। परंतु उनके अपने गृह क्षेत्र की जनता ने उन्हें जेल भिजवा दिया। जो क्षेत्र कभी उन्हें आजादी दिलाने का मंच दे रहा था, वहीं की जनता ने उन्हें आजाद कर दिया (राजनीति से अलग कर दिया)।
अलीनगर की जनता के आशीर्वाद से विधायक बनने का सपना तो पूरा हुआ, लेकिन विधायक जी के अपने गृह क्षेत्र केवटी की जनता ने उनका राजनीतिक अंत कर दिया।