05/09/2025
सड़क, हवाई उड़ान के बाद अब जलमार्ग पर नजर ...
बात उन दिनों की है...अंग क्षेत्र व कोसी के बीच बड़ी खाई थी। सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया व किशनगंज जाना काफी मुश्किल था। सोचकर ही लोग परेशान हो जाते थे। गंगा नदी नाव व जहाज से पार करना पड़ता था। उसके बाद कोसी नदी को पार करना भी दुरूह कार्य था। इन जगहों पर जाने में पूरा दिन निकल जाता था। समय बदला, विक्रमशीला पुल निर्माण के बाद स्थिति बदली। 2015 में बाबा विशुराउत पुल निर्माण होने के बाद तो सहरसा, सुपौल व मधेपुरा का मार्ग और भी आसान हो गया। अंग व कोसी की दूरी घटी तो व्यापार बढ़ा। अब तो बिहार का दूसरा सबसे लंबा पुल का निर्माण फुलौत-बिहपुर के बीच हो रहा है। इससे तो लोगों को और भी सहुलियत होगी। इस सब के बीच एक और अच्छी खबर मिल रही है। गंगा और कोसी जैसे बड़े नदी क्षेत्र को जलमार्ग से जोड़ा जाएगा। गंगा-कोसी को जोड़ते हुए राज्य समुद्री व जलमार्ग मास्टर प्लान तैयार होगा। इस योजना से काफी लोग लाभान्वित होंगे। खासकर गंगा से सटे शहर पटना बेगूसराय भागलपुर कटिहार बक्सर इन सबको ज्यादा फायदा होगा। इस क्षेत्र में जलमार्ग आधारित परिवहन विकसित होने से इन इलाकों में माल ढुलाई आसान होगी। गंगा पर पहले से चल रही जलपरिवहन परियोजनाओं को और गति मिलेगी, वहीं कोसी क्षेत्र में कृषि उत्पादों और प्राकृतिक संसाधनों के परिवहन के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी। इससे किसानों और व्यापारियों को बाजार तक सस्ता और तेज़ विकल्प मिलेगा। वहीं 15 सितंबर से पूर्णिया हवाई सेवा भी शुरू हो रहा है। जो लोगों को सुकून दे रहा है...। #बांका