Josh Trigger

Josh Trigger creation

Basic Concepts of English Grammar          vira
23/12/2024

Basic Concepts of English Grammar
vira

12/12/2023

भारत के अजूबा जादूगर...

20/11/2023

भर जाएंगे जब ज़ख्म तो आऊंगा दोबारा
मैं हार गया जंग मगर दिल नहीं हारा .!!
🥺💔

दर्द से बिलखते कोहली को अनुष्का ने गले लगाकर कराया चुप 💔💔😭 चूम कर बांटा दर्द 😭😢
20/11/2023

दर्द से बिलखते कोहली को अनुष्का ने गले लगाकर कराया चुप 💔💔😭 चूम कर बांटा दर्द 😭😢

तेरे गिरने में तेरी हार नहीं क्योंकि तू आदमी है अवतार नही ❣️✌🏻जीत हार तो लगी रहती है पूरे महीने हम चैंपियंस की तरह खेले ...
20/11/2023

तेरे गिरने में तेरी हार नहीं क्योंकि तू आदमी है अवतार नही ❣️✌🏻

जीत हार तो लगी रहती है पूरे महीने हम चैंपियंस की तरह खेले शायद कल हमारा दिन नही था। शुक्रिया टीम इंडिया पिछले एक महीने में हमें खुश होने के अनगिनत मौके देने के लिए 🫶🏻✨
जीत में भी हम साथ थे आज हार में भी हम साथ हैं!! ❤️

ऑस्ट्रेलिया के हाथों वर्ल्ड कप फाइनल हारकर मैन ऑफ द टूर्नामेंट जीतने जाने वाले विराट सचिन के बाद दूसरे भारतीय बन गए। 200...
20/11/2023

ऑस्ट्रेलिया के हाथों वर्ल्ड कप फाइनल हारकर मैन ऑफ द टूर्नामेंट जीतने जाने वाले विराट सचिन के बाद दूसरे भारतीय बन गए। 2003 में 360 के टारगेट का पीछा करते हुए भारत 125 रन से हारा था। 2023 में 241 डिफेंड करते हुए भारत को 6 विकेट से शिकस्त मिली। सचिन ने 2003 वर्ल्ड कप में 673 रन बनाए थे। विराट ने वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे ज्यादा 765 रन बना दिए। सचिन के बाद विराट को भी वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब फाइनल हारने के बाद नसीब हुआ।
💔💔💔

World Cup 2023 के खिताब कौन जीतेगा....कॉमेंट कीजिए।
17/11/2023

World Cup 2023 के खिताब कौन जीतेगा....
कॉमेंट कीजिए।

17/11/2023

बात उस सेमीफाइनल मैच की, जिसे सचिन के दम पर जीतकर भारत ने आखिरी बार वर्ल्ड कप फाइनल खेला था। 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में धोनी-गंभीर की पारी सबको याद है, पर सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ सचिन की कुटाई का जिक्र कम होता है। भारत ने सचिन तेंदुलकर के दम पर 2011 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पाकिस्तान को धूल चटाई थी। उस पूरे मुकाबले में सचिन तेंदुलकर के अलावा मिस्बाह-उल-हक अर्धशतक जड़ने वाले एकमात्र बल्लेबाज थे। यह अपने आप में बताने के लिए काफी है कि सचिन तेंदुलकर ने किन परिस्थितियों में भारत को फाइनल में पहुंचाया था। अगर सचिन के बल्ले से यह ऐतिहासिक पारी नहीं आती, तो शायद हम 2011 विश्व कप का फाइनल भी नहीं खेल पाते। आज हम आपको उस यादगार पारी की अहमियत बताने का प्रयास करेंगे। सचिन तेंदुलकर उस मैच में वन मैन आर्मी की तरह खेले थे। तारीख थी 30 मार्च 2011 और जगह आई एस बिंद्रा स्टेडियम, मोहाली, पंजाब। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के सामने पाकिस्तानी कप्तान शाहिद अफरीदी की चुनौती थी। स्टेडियम में दोनों देशों के प्रधानमंत्री मौजूद थे। किसी को भी जीत से कम कुछ मंजूर नहीं था। टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया।

वीरेंद्र सहवाग ने 25 गेंद पर 9 चौकों की मदद से 38 रनों की तेज पारी खेली। सहवाग वहाब रियाज के छठे ओवर की पांचवीं गेंद पर LBW हो गए। फर्स्ट डाउन बल्लेबाजी करने उतरे गौतम गंभीर 32 गेंद खेलकर 27 रन ही बना सके। विराट कोहली भी 9 रन बनाकर वहाब रियाज का शिकार बन गए। टीम इंडिया का स्कोर 25.2 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 141 रन था। इसके बाद सचिन तेंदुलकर का साथ निभाने बीच मैदान युवराज सिंह पहुंचे। युवी को पहले ही गेंद पर वहाब रियाज ने क्लीन बोल्ड कर दिया। जिस खिलाड़ी का बल्ला पूरे टूर्नामेंट में अपने शबाब पर था, वह सेमीफाइनल में नाकाम हो गया। पूरे स्टेडियम में मातमी सन्नाटा पसर गया। पर उम्मीद बाकी थी, क्योंकि पाकिस्तान का काल कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ग्राउंड पर थे। सचिन ने 11 चौकों की मदद से 85 रनों की शानदार पारी खेली। सचिन जरूर शतक चूक गए, पर उनकी यह बेशकीमती पारी किसी सेंचुरी से कम नहीं थी। यह सचिन के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी। अपने करियर के शुरुआत से लेकर आखिर तक पाकिस्तान के खिलाफ जब भी सचिन मैदान पर उतरे, समूचा भारत इस चैंपियन खिलाड़ी के पीछे खड़ा हो गया। सचिन भी बेशुमार उम्मीदों पर खरे उतरे।

अंतिम लम्हों में रैना के 36* और धोनी के 25 रनों की बदौलत टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 260 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तानी टीम 49.5 ओवर में 231 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम इंडिया ने 29 रनों से मुकाबला जीत लिया। आलोचकों का एक वर्ग ऐसा कहता रहा है कि 2011 विश्व कप टीम इंडिया ने सचिन तेंदुलकर के लिए जीता। सचिन का इसमें कुछ खास योगदान नहीं था। जबकि हकीकत यह है कि सचिन तेंदुलकर ने 2011 विश्व कप में 53 की औसत से 2 अर्थशतक और 2 शतक के साथ भारत के लिए सबसे ज्यादा 482 रन बनाए थे। पाकिस्तान के खिलाफ अगर सचिन तेंदुलकर का बल्ला नहीं चलता, तो भारत के लिए 200 रनों का आंकड़ा छूना भी मुश्किल होता। यह जरूर हकीकत है कि अपना छठा विश्व कप खेल रहे सचिन की खातिर पूरी टीम खिताब जीतना चाहती थी। पर लिटिल मास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी उस जीत में अहम योगदान दिया था। 38 वर्ष की उम्र में जोश और जज्बे के साथ हिंदुस्तान को विश्व विजेता बनने के लिए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को सलाम। ❤️

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