Bihar Positive

Bihar Positive बिना किसी बाधा के खबर लेंगे भी हम और खब?

औरंगाबाद में श्री  ने विशाल जनसभा को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने बताया कि- “झारखंड यहाँ से बगल में है वहाँ हमारी सरकार...
21/01/2025

औरंगाबाद में श्री ने विशाल जनसभा को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने बताया कि- “झारखंड यहाँ से बगल में है वहाँ हमारी सरकार है तो पेंशन ज़्यादा है,महिलाओं को प्रतिमाह अनुदान और कई सुविधा है.. बिहार में भी ये सब संभव हो सकेगा जब बिहार में हमारी सरकार बनेगी।”

राजद के कार्यकारणी बैठक पटना में पहुंचे युवा नेता ओसामा साहब।
20/01/2025

राजद के कार्यकारणी बैठक पटना में पहुंचे युवा नेता ओसामा साहब।

महाकुंभ में पिंडदान करते दिखे प्रशांत किशोर पांडेय पूछने पर बताया - “BPSC आंदोलन का राजनीतिकरण कर उसे बर्बाद करने के बाद...
20/01/2025

महाकुंभ में पिंडदान करते दिखे प्रशांत किशोर पांडेय

पूछने पर बताया - “BPSC आंदोलन का राजनीतिकरण कर उसे बर्बाद करने के बाद से ज़मीर मR गया है।”

बीपीएससी परीक्षा रद्द कर दी गई है। बीपीएससी की तैयारी ही मुश्किल नहीं होता है, सेंटर तक पहुंचकर सफलतापूर्वक इसकी परीक्षा...
09/05/2022

बीपीएससी परीक्षा रद्द कर दी गई है। बीपीएससी की तैयारी ही मुश्किल नहीं होता है, सेंटर तक पहुंचकर सफलतापूर्वक इसकी परीक्षा देना भी मानो एक उपलब्धि है। अभ्यर्थियों को बिहार के एक कोने से दूसरे कोने परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। जैसे नवादा जिले के छात्र को सीतामढ़ी, मोतिहारी के छात्र को रोहतास सेंटर मिलता है। सैकड़ों किलोमिटर का सफर तय कर लोग सेंटर पर पहुंचते हैं। न ठहरने को रूम मिलता है और न ट्रेन/बसों में बैठने की जगह।

इन सबके के बाद उनके परीक्षा हॉल में पहुंचने से पहले पेपर लीक हो जाता है। मामला दबा दिया गया तो ठीक नही तो हंगामा हुआ तो परीक्षा रद्द। इसको कहते हैं सिस्टम..

सीसी- Aapna Bihar
पीसी- @राहुल पांडे

फल बेचकर 150 रुपये दिन कमाते थे, एक दिन एक अंग्रेज ने Orange मांगा जिसे ये अंग्रेजी न जानने की वजह से समझ न सके...उसी दि...
08/11/2021

फल बेचकर 150 रुपये दिन कमाते थे, एक दिन एक अंग्रेज ने Orange मांगा जिसे ये अंग्रेजी न जानने की वजह से समझ न सके...उसी दिन फैसला कर लिया कि परिस्थितियों ने भले ही इन्हें स्कूल नहीं जाने दिया लेकिन ये अपने गाँव के बच्चों के लिए स्कूल जरूर खोलेंगे।

कर्नाटक के फल विक्रेता हरेकाला हजब्बा को पद्मश्री मिलना भारत देश की आत्मा को सम्मानित करने जैसा है 🙏

22 साल की खुशबू रजक लखीसराय से 11 हज़ारों मतो से जिला परिषद की चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। ये तस्वीर बिहार में नारी सश...
23/10/2021

22 साल की खुशबू रजक लखीसराय से 11 हज़ारों मतो से जिला परिषद की चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। ये तस्वीर बिहार में नारी सशक्तिकरण की बेहतरीन उदाहरण है। ये नए बिहार की तस्वीर है। ये नीतीश जी के सामाजिक न्याय महिला सशक्तिकरण और पंचायत में दलित अतिपिछड़ा आरक्षण का कमाल है।

लिखने को तो बहुत कुछ है पर फिलहाल शुभकामना दीजिए "खुशबू कुमारी को जिसने कई ल़डकियों और महिलाओं के लिए मिसाल पेश की है।" 🌻❤️

आँख फाड़कर देख , संदेश साफ हैआज भी धोनी आईपीएल का बाप है ❤️चाहे कितना भी ऊँचा पहाड़ है , उसको टुकड़ों में बिखेर देने के लिए...
15/10/2021

आँख फाड़कर देख , संदेश साफ है
आज भी धोनी आईपीएल का बाप है ❤️

चाहे कितना भी ऊँचा पहाड़ है , उसको टुकड़ों में बिखेर देने के लिए काफी सीएसके की दहाड़ है।

  2020 की परीक्षा में टॉप कर शुभम ने कटिहार और पुरे बिहार का नाम रौशन किया है । हार्दिक बधाई ।।
24/09/2021

2020 की परीक्षा में टॉप कर शुभम ने कटिहार और पुरे बिहार का नाम रौशन किया है । हार्दिक बधाई ।।

मनोज मुन्तशिर! मुम्बई की विवादित दुनिया में खड़ा एक ऐसा व्यक्ति जो अब भी अपने व्यवहार में भारतीय संस्कार और हृदय में धर्म...
28/08/2021

मनोज मुन्तशिर! मुम्बई की विवादित दुनिया में खड़ा एक ऐसा व्यक्ति जो अब भी अपने व्यवहार में भारतीय संस्कार और हृदय में धर्म ले कर जीता है। जिसकी कलम बाहुबली फ़िल्म में चीख कर कहती है, "स्त्री पर हाथ डालने वाले की उंगलियां नहीं काटते, काटते हैं उसका गला!" मनोज आजकल अपने गीतों के कारण हमेशा चर्चा में रहते हैं, और अपने राष्ट्रवादी तेवर के साथ वे फिल्मी गीतकारों में सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त कर चुके हैं।
पर आजकल मनोज लगातार कुछ लोगों के निशाने पर रहने लगे हैं। वे जब पण्डित चंद्रशेखर आजाद के लिए लिखते हैं कि "जियो तिवारी जनेवधारी..." तो भारत में रह रहे बौद्धिक तालिबानियों को मिर्ची लग जाती है। अभी दो दिन पहले जब उन्होंने अकबर के लिए गढ़े गए झूठे सम्मान के विरुद्ध बोलते हुए उसके आतंकी चरित्र की वयाख्या कर दी, तो फिर वे निशाने पर आ गए। उन्हें गालियां दी जाने लगीं हैं, उनका बिरोध होने लगा है।
मुझे समझ नहीं आता कि भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को अकबर या उसके खानदान का कोई भी राजा कैसे प्रिय हो सकता है? बाबर, जहांगीर, शाहजहाँ, औरंगजेब आदि ने भारत की आम जनता को किस तरह लूटा, किस तरह लाखों-लाख लोगों को क्रूरता के साथ मौत के घाट उतारा, किस तरह हजारों स्त्रियों को नोचा, यह क्या बताने की चीज है? किस तरह इन लुटेरों ने हमारे मन्दिर तोड़े, मूर्तियां खण्डित की, यह कौन नहीं जानता? इतिहास के पन्ने इन क्रूर आतंकियों की कहानी चीख चीख कर बताते हैं।
और अकबर! जिसके जजिया हटाने की चर्चा तो होती है पर दुबारा जजिया लगाने की चर्चा नहीं होती, वह महान हो गया? जिसके कारण सन 1567 ई. में महारानी फुलकुंवर के साथ चित्तौड़ की हजारों देवियों को जीवित ही अग्नि समाधि लेनी पड़ी, वह महान है? जिसने एक महीने तक चित्तौड़ के आम लोगों को लूटने, उन्हें मारने और स्त्रियों का बलात्कार करने की खुली छूट अपने बर्बर सैनिकों को दी, वह महान था? चितौड़ में अकबर के आदेश से सेना के बाद पच्चीस हजार आम नागरिकों की हत्या की गई थी। यह कौन सा पैमाना है जो आम नागरिकों को गाजर मूली की तरह कटवाने वाले क्रूर अकबर को महान सिद्ध करता है? वह अकबर जिसने अपने झूठे घमण्ड में अपनी बेटियों आराम-बानू, सकरुन्निसा आदि का विवाह तक नहीं होने दिया कि उसकी प्रतिष्ठा चल जाएगी, उसे किस तर्क के बल पर महान मान लें?
मनोज मुन्तशिर ने कोई भी ऐसी बात नहीं की, जो प्रमाणित तथ्य न हो। उन्होंने तो ऐतिहासिक सत्य बताया है। फिर वे कौन से धूर्त लोग हैं जिन्हें सत्य चुभ रहा है? भारत की दशा क्या ऐसी हो गयी है जहाँ किसी प्रतिष्ठित रचनाकार को सत्य बोलने के पहले भी सोचना पड़े? तालिबान का राज्य हो गया है क्या?
कुछ मूर्खों को लगता है कि उनकी टुच्ची संस्थाएं ऐसा माहौल बना देंगी कि इस देश के लोग मोहम्मद गोरी, गजनवी, बाबर, अकबर, शाहजहाँ, औरंगजेब जैसे क्रूर आतंकी लुटेरों को महान शासक मानने लगेंगे। इन मूर्खों को समझ नहीं आता कि अब युग बदल गया है। इनके पसारे हुए झूठ के आंचल पर अब लोग पैसा फेंकने की जगह थूक कर निकलेंगे। अकेले मनोज ही क्यों, हर वह व्यक्ति जिसने मध्यकालीन भारत का इतिहास पढ़ा है वह कभी अकबर को महान नहीं मानेगा।
मनोज मुन्तशिर जैसे लोग बधाई के पात्र हैं जो वे सत्य के साथ खड़े हैं और मुखर हो कर बोल रहे हैं। उनके साहस को नमन है...

सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।

खेलों का रण तैयार हो चुका है. 130 करोड़ जनता की आशाओं और उम्मीदों को लेकर टोक्यो की धरती पर अपना तिरंगा लेके चल रहे इन खि...
23/07/2021

खेलों का रण तैयार हो चुका है. 130 करोड़ जनता की आशाओं और उम्मीदों को लेकर टोक्यो की धरती पर अपना तिरंगा लेके चल रहे इन खिलाड़ियों के लिए दुआएं कीजिए और इंतज़ार कीजिए उस घड़ी का जब अपने खिलाड़ी स्टेडियम में अपना ध्वज लेके जीत का बिगुल बजाएंगे. "चक दे इंडिया" 🇮🇳

लोजपा अपने आप में एक अनोखा ही दल है, एक ऐसा दल जिसका कोई बहुत ही मजबूत जनाधार नही है पर फिर भी इतना जनाधारा जरूर है जो क...
10/07/2021

लोजपा अपने आप में एक अनोखा ही दल है, एक ऐसा दल जिसका कोई बहुत ही मजबूत जनाधार नही है पर फिर भी इतना जनाधारा जरूर है जो कि कई मौकों पे बेहद प्रभावशाली साबित होता है। एक ऐसा दल जिसके शीर्ष नेतृत्व से कभी जनमानस को कोई खास शिकायत नही रही चुकी अपनी समिति ताकत में उन्होंने हर तबके के लिए आवाज उठाई... लोजपा वो दल रहा है जो destructive न हो कर constructive राजनीति का हिस्सा रहा है जिसने सरकार गिराए नही बल्कि सरकार बनाएं हैं।

चुकी भारत के अन्य राजनैतिक दलों (खास कर क्षेत्रीय दलों) की भाँति लोजपा भी परिवारवाद का पोषक दल है तो जाहिर है इस दल को लग रहे आघातों के पीछे भी मुख्य वजह इस दल का सयोंजक परिवार ही है... पिछले कुछ महीनों से इस दल को एक के बाद एक कई आघात लगे हैं....पहले इस दल के पितामाह रामविलास पासवान जी का दुनिया से चले जाना फिर बिहार में पार्टी का बहुत बुरा प्रदर्शन इसके उपरांत अब रामविलास जी के भाई द्वारा पार्टी को चिराग (रामविलास के पुत्र) से छीन के उसपे कब्जा करने की कोशिस करना अपने आप में इस दल के समर्थकों के लिए बहुत ही पीड़ादायक है।

मैं भाजपा का प्रबल समर्थक हूँ पर संबंध अगर बिहार की राजनीति से है तो अन्य कई लोगो की तरह मेरे मन में भी चिराग और लोजपा के लिए एक सॉफ्ट कार्नर है और अब ऐसी परिस्थिति में जब अपने अस्तित्व को बचाने के लिए चिराग को राजद जैसे दल के साथ जाने की मजबूरी है ऐसे में भी मुझसे उनका विरोध नही हो पायेगा।

खैर इन सभी आघातों पे मरहम का काम ये तश्वीरें कर रही है... रामविलास जी ने दो शादियां की और चिराग उनकी दूसरी पत्नी से प्राप्त पुत्र हैं और कहीं न कहीं उनकी पहली पत्नी और उनकी बच्चियों के साथ अन्याय हुआ है... पारिवारिक मजबूरियों के कारण रामविलास जी जिन्होंने आज तलक राजनीत की कई समस्याओं का समाधान दिया था उनके पास अपने ही परिवार की इस समस्या का समाधान नही था... हालाकिं रामविलास जी की पहली पत्नी और उनकी बेटी ने हमेसा मुखर हो कर उनका साथ दिया (दामाद नाराज हो गयें) और रामविलास जी ने भी अपनी बेटियों के साथ पूरा न्याय करने की कोशिश की पर फिर भी रिश्तों के बीच अगर दूरियां आ जाती है तो मनमुटाव उसकी जगह ले लेता है और इस परिवार के साथ यही हुआ।

अब रामविलास जी नही है और दोनों पत्नियों के बीच विवाद भी रामविलास जी पे एकाधिकार को ले कर था जो कि उनके जाने के साथ खत्म हो गया... देखना ये था कि क्या चिराग अपने इस परिवार को एक साथ ला पायेंगे??

तो मौजूदा तश्वीर इसकी गवाही देता है कि हाँ चिराग ने कर दिखाया... चिराग ने अपनी बड़ी माँ के चरणों में स्थान बना ली, पिछले दिनों अपनी बहन के साथ भी वो इसी तन्मयता से मिले थे तब आज की ही भाँति दोनों के मन में जो वर्षों की पीड़ा थी वो उनके अश्रुओं के साथ बह निकली... ये तश्वीरें मुझ जैसे कई लोगों को भावुक कर देने वाला है जिन्होंने परिवार का महत्व समझा है, जिन्होंने परिवार की ताकत समझी है।

ईश्वर न करे पर गर चिराग राजनीति के अपने इम्तिहान में असफल हो भी जाते हैं तो भी उन्हें अपने परिवार को पूर्ण रूप से पुनः पा लेने के बाद राजनीति से मिले किसी भी पद से कहीं अधिक संतोष होगा।

चिराग को उनके जीवन की इस नई पारी के लिये ढेरो शुभकामनाएं... उनसे हम जैसे लोगों की भी अपेक्षाएं हैं।।

छठ पर्व में जहां समानता और सद्भाव की अनूठी बानगी देखने को मिलती है। वही प्रकृति से प्रेम, सूर्य और जल की महत्ता का प्रती...
20/11/2020

छठ पर्व में जहां समानता और सद्भाव की अनूठी बानगी देखने को मिलती है। वही प्रकृति से प्रेम, सूर्य और जल की महत्ता का प्रतीक यह पर्व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।
लोक आस्था के महाप्रतीक छठ पूजा की असंख्य शुभकामनाएं 🙏🏽💐

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