Gyanendra H

Gyanendra H Life is all about growth and self-improvement

12/07/2025

बदलाव अप्रत्याशित नहीं होता एक रणनीति होती है सोची-समझी

कभी मन भर जाता है तो कभी आवश्यकताएं पूर्ण हो जाती हैं और

मनुष्य की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं।💯

Living
26/06/2025

Living

hopes and resilience, fortifying one to navigate hardships with the certainty that a greater reward is anticipated.
25/06/2025

hopes and resilience, fortifying one to navigate hardships with the certainty that a greater reward is anticipated.

21/06/2025

खेती से बड़ा कोई योग नहीं, और किसान से बड़ा कोई योगी नहीं !! आप योग भी करें वो भी स्वास्थ्य के लिए .. 🌱💚🌿🏠💪

21/06/2025


एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग
"एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" एक ऐसा विषय है जो व्यक्तिगत कल्याण और हमारे ग्रह के स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध पर प्रकाश डालता है। यह अवधारणा, भारत के प्राचीन लोकाचार "सर्वे सन्तु निरामया" (सभी रोगमुक्त रहें) और "वसुधैव कुटुम्बकम्" (विश्व एक परिवार है) में गहराई से निहित है, इस बात पर जोर देती है कि मानव स्वास्थ्य को हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य से अलग नहीं किया जा सकता है।
"एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" के मुख्य पहलू:
* समग्र कल्याण: योग स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है, जिसमें शारीरिक शक्ति, मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक संतुलन और आध्यात्मिक विकास शामिल है। यह केवल शारीरिक मुद्राओं (आसनों) के बारे में नहीं है, बल्कि इसमें श्वास-प्रश्वास (प्राणायाम) और ध्यान भी शामिल है। इस आंतरिक सद्भाव को प्रकृति के साथ बाहरी सद्भाव के लिए एक शर्त के रूप में देखा जाता है।
* पर्यावरणीय चेतना: योग दिमागीपन, सचेत उपभोग और प्राकृतिक दुनिया के प्रति सम्मान को प्रोत्साहित करता है। अहिंसा (अहिंसा) और अपरिग्रह (गैर-अधिकार) जैसे सिद्धांत एक सरल, अधिक टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देते हैं, जिससे हमारा पारिस्थितिक पदचिह्न कम होता है।
* सचेत जीवन: योग का अभ्यास करके, व्यक्ति अपने परिवेश के प्रति अधिक जागरूक होते हैं और प्रकृति की लय के साथ तालमेल बिठाते हैं। यह बढ़ी हुई जागरूकता ऐसे विकल्पों को जन्म दे सकती है जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं, जैसे कि पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों का चयन करना, कचरा कम करना और पौधे-आधारित आहार अपनाना।
* प्रकृति से जुड़ाव: बाहर योग का अभ्यास करने से प्राकृतिक दुनिया के साथ संबंध फिर से स्थापित करने में मदद मिलती है, इस विचार को पुष्ट करती है कि प्रकृति केवल एक पृष्ठभूमि नहीं है, बल्कि हमारे कल्याण में एक सक्रिय भागीदार है।
* समुदाय और वैश्विक प्रभाव: "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" विषय वैश्विक एकता और साझा जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देता है। अक्सर, घटनाओं और पहलों में वृक्षारोपण, सामुदायिक सफाई अभियान और स्थिरता पर चर्चा जैसी पर्यावरणीय कार्रवाइयों के साथ योग को एकीकृत किया जाता है।
* निवारक स्वास्थ्य सेवा: योग को निवारक स्वास्थ्य सेवा के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करता है और समग्र प्रतिरक्षा, मानसिक ध्यान और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है। एक स्वस्थ व्यक्ति एक स्वस्थ ग्रह में योगदान करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होता है।
* स्थिरता को बढ़ावा देना: योग लोगों को सादगी से जीने, सोच-समझकर उपभोग करने और स्वच्छ हवा, शुद्ध पानी और उपजाऊ मिट्टी जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों की रक्षा करने के लिए प्रोत्साहित करके स्थिरता का मार्ग प्रदान करता है।
पहल और उत्सव
यह विषय विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) के लिए प्रमुख रहा है, जो एक वैश्विक आंदोलन पर जोर देता है जहाँ लाखों लोग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरणीय सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए योग आयोजनों में भाग लेते हैं। दुनिया भर की सरकारें और संगठन "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे हैं:
* विभिन्न स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन।
* अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और विनिमय कार्यक्रम।
* "हरित योग" (ग्रीन योग) पहलों जैसे पर्यावरणीय कार्यों के साथ योग का एकीकरण।
* वंचित समूहों के लिए आउटरीच कार्यक्रम।
* वैश्विक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन और जागरूकता अभियान।
संक्षेप में, "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" एक सहक्रियात्मक संबंध की वकालत करता है जहाँ व्यक्तिगत कल्याण और ग्रह का स्वास्थ्य एक-दूसरे को पुष्ट करते हैं, एक ऐसी जीवन शैली को प्रोत्साहित करते हैं जो व्यक्ति और उसके आसपास की दुनिया दोनों को लाभ पहुँचाती है।

हर व्यक्ति को जैसा वह है वैसा ही स्वीकार करें, इससे गुस्सा और दुःख दोनों ही समाप्त हो जाएंगे 🌈💖🙏
20/06/2025

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Life is a challenge 💪🏽🌟🔥💫
20/06/2025

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Being alive
20/06/2025

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23/04/2025

अपने आत्मसम्मान के लिए आपको चाहे अकेले भी खड़ा क्यों ना रहना पड़े.. फिर भी घबराना मत।

22/04/2025

"मन की ऊर्जा जीवन का सार है। ”

15/04/2025

What are Nanobots: जैसे-जैसे तकनीक तरक्की कर रही है, रोबोट्स का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. अब रोबोट सिर्फ अंतरिक्ष में नहीं बल्कि घर के कामों से लेकर मेडिकल फील्ड तक में अपनी जगह बना रहे हैं. इसी दिशा में स्कॉटलैंड के एडिनबरा यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने एक अनोखी खोज की है. उन्होंने बेहद छोटे रोबोट्स (नैनोबॉट्स) विकसित किए हैं जिन्हें इंसानी शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है. ये छोटे से रोबोट शरीर के भीतर जटिल कामों को अंजाम दे सकते हैं और भविष्य में गंभीर बीमारियों के इलाज में भी काफी काम आ सकते हैं.

कैसे काम करते हैं नैनोबॉट्स

रिसर्च के तहत वैज्ञानिकों ने ऐसे मैग्नेटिक नैनोबॉट्स बनाए जो खून को जमाने वाली दवाओं से बने हैं. इन बॉट्स को खास तरह की कोटिंग दी गई है जो एक निश्चित तापमान पर पिघलकर दवा को छोड़ती है. ये बॉट्स, जो काफी छोटे हैं, को शरीर की नसों में इंजेक्ट किया गया और मेडिकल इमेजिंग व मैग्नेटिक फील्ड्स की मदद से उन्हें शरीर के उस हिस्से तक पहुंचाया गया जहां इलाज की जरूरत थी. जैसे ही ये बॉट्स सही जगह पहुंचे, वैज्ञानिकों ने उन्हें एक साथ इकट्ठा कर गर्म किया जिससे वे पिघलकर दवा को ठीक उसी जगह पर छोड़ दें जहां वह सबसे ज्यादा असरदार हो.

रिसर्च में मिली ये जानकारी

रिसर्च में यह भी पाया गया कि ये नैनोबॉट्स बिना दवा को ब्लडस्ट्रीम में फैलाए, सीधे अपने स्थान तक पहुंच सकते हैं जो इस तकनीक की सेफ्टी और कितना प्रभावी है को दर्शाता है. यह तकनीक न केवल दवाओं की डिलीवरी, बल्कि शरीर में सैंपल लेने, डेटा कलेक्ट करने और यहां तक कि भविष्य में विचारों के ट्रांसमिशन तक में उपयोगी हो सकती है. चीन इस क्षेत्र में काफी तेजी से काम कर रहा है. चीन ने पहले भी नैनोबॉट्स को डॉक्टर्स को सर्जरी में मदद करने के लिए नैनोबॉट्स का इस्तेमाल किया था.

हालांकि, इस तरह की तकनीक के साथ खतरे भी जुड़े हैं. अगर इस तकनीक का दुरुपयोग किया जाए तो इन नैनोबॉट्स का इस्तेमाल किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने, उसकी याददाश्त बदलने या उसके विचारों को कंट्रोल करने के लिए भी हो सकता है.

15/04/2025

सियाचिन दिवस: दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र के वीर सैनिकों का सम्मान हर वर्ष 13 अप्रैल को सियाचिन दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो सियाचिन ग्लेशियर में तैनात भारतीय सेना के अदम्य साहस और अटूट संकल्प को सम्मान देने का एक अवसर है। यह स्थान दुनिया का सबसे ऊँचा और कठिन युद्धक्षेत्र माना जाता है। यह दिन वर्ष 1984 में शुरू किए गए ऑपरेशन मेघदूत की स्मृति में मनाया जाता है, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा रणनीतिक स्थलों पर कब्जा करने के प्रयास को विफल करते हुए सियाचिन ग्लेशियर पर सफलतापूर्वक नियंत्रण स्थापित किया था। इस ऐतिहासिक अभियान में भारतीय सेना और वायुसेना (IAF) के बीच शानदार तालमेल देखने को मिला। वर्ष 2025 में इस अभियान की 41वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। सियाचिन के वीर योद्धाओं का बलिदान और शौर्य आज भी करोड़ों भारतीयों को प्रेरणा देता है और राष्ट्रभक्ति की भावना को प्रबल करता है। 🇮🇳💪🏽🎉🙏

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