05/07/2024
रोनाल्डो वो आदमी है जिसे विराट कोहली इंस्पिरेशन की तरह देखते है। मुहम्मद सिराज जैसा न जाने कितने खिलाड़ी रोनाल्डो का ट्रेडमार्क सेलिब्रेश कॉपी करते है।रोनाल्डो की गिनती दुनिया के सबसे कामयाब और महानतम फुटबॉलर्स में होती है, मौजूदा वक्त में वो दुनिया के हाइएस्ट पैड सॉकर प्लेयर है, जो अपने साढ़े छे साल की सैलरी से आईपीएल की सबसे कामयाब टीम चेन्नई को खरीद सकता है। नाम,रुतबा,दौलत,शोहरत,रिकॉर्ड्स, सब कुछ है रोनाल्डो के पास, पर दो दिन पहले सोलवेनिया के खिलाफ एक मैच में रोनाल्डो से एक फ्री किक और फिर एक पेनल्टी मिस हुई और वो ऐसे रोने लगे जैसे टीम में आया हुआ कोई नया नया खिलाड़ी हो। क्या वजह होगी इतने बड़े खिलाड़ी की ऐसे रोने की?
जवाब है कि Glory is always greater than fame and money..
बचपन में जब रोनाल्डो के पास फुटबाल खरीदने के भी पैसे नही होते थे, और वो टिन के डब्बे और बोतलों से प्रैक्टिस करते थे,और उनकी मां बेटे के सपने की हर कीमत चुकाने के लिए दिन रात काम किया करती थी। उस मुश्किल वक्त में रोनाल्डो और उनकी मां का सपना दुनिया का सबसे अमीर इंसान होना नही, बल्कि अपने देश पुर्तगाल के लिए फीफा का वर्ल्ड कप जीतना था। रोनाल्डो जब कुछ नही थे, तब भी उनसे अगर कोई गोल मिस ही जाता तो घर लौटकर रोने लगते। वक्त ने करवट ली तो रोनाल्डो को वो सब कुछ दिया जो किसी भी खेल का खिलाड़ी सिर्फ सोच सकता है। रोनाल्डो के आने से पूरे पुर्तगाल में उम्मीदें जागी कि कोई आ गया है जो हमारा अधूरा सपना पूरा करेगा। पुर्तगाल ने पहला वर्ल्डकप 1966 में खेला था और पहली बार में वो सेमीफाइनल तक गए और थर्ड प्लेस पर फिनिश किया। फिर अगले 36 साल पुर्तगाल वर्ल्डकप के लिए क्वालीफाई नही कर पाई, 2002 में ये शाप खत्म हुआ तो पहले राउंड में बाहर हो गए।
फिर साल 2006 में आया 21 साल का रोनाल्डो, और इस बार पुर्तगाल एक बार फिर सेमी फाइनल तक पहुंची, रोनाल्डो का ये पहला वर्ल्ड कप था, उसके बाद फुटबाल की दुनिया के एक्सपर्ट रोनाल्डो की माला जपने लगे, और एक बार फिर पुर्तगाल की उम्मीदें बढ़ने लगी। पर फिर एक ही कहानी बार बार दोहराई जाने लगी, इधर एक तरफ क्लब की दुनिया में रोनाल्डो का रुतबा बढ़ता जा रहा था, तो दूसरी तरफ रोनाल्डो लाख खून पसीना बहा ले, पुर्तगाल का वर्ल्ड कप कैंपेन दाए बाए खिसक के रह जाए हर बात। रोनाल्डो और मेसी की पुरानी बहस में जब भी बात नेशनल टीम की आती है तो रोनाल्डो मेसी के सामने घुटने पर नजर आते है जिन्होंने लास्ट वर्ल्ड कप जीता है।रोनाल्डो ने अपने करियर में हर चीज हासिल की है, पर अपने देश को इस कामयाबी का स्वाद नही चखा सके, हर साल रोनाल्डो और पुर्तगाल के साथ ई साला कप नामदे वाला सीन होता है।
ऐसे में जब रोनाल्डो अपने करियर के आखिरी दौर में है, ये माना जा रहा है कि इस साल का यूरो कप उनका आखिरी यूरो हो। यही वो इकलौता मेजर इनर्नेशनल टूर्नामेंट है जिसे आठ साल पहले रोनाल्डो अपने देश को जिता चुके है।और परसो जब मैच कांटे पर धंसा था तो रोनाल्डो से एक पेनल्टी मिस हो गई, मतलब अगर पुर्तगाल हार जाता तो रोनाल्डो एक बार फिर खाली दामन विदा हो जाते। रोनाल्डो और उनकी मां की जिंदगी भर का स्ट्रगल पैसे के लिए नही था, पैसा तो बोनस था, उन दोनो का सपना था पुर्तगाल को वो देने का जो अब तक उन्हे नसीब नही हुआ था, और इसी वजह से जब रोनाल्डो को एक्स्ट्रा टाइम के हाफ टाइम में एहसास हुआ कि अब सब बिखरने वाला है, तो वो और उनकी मां दोनो रोने लगे, पुर्तगाल ने वो मैच गोली डिएगो कोस्टा के दम कर जीत लिया, पर इस मैच से एक चीज जो समझ आई है वो ये है कि आप को अगर दुनिया में सब कुछ हासिल हो भी जाए ना, तो आपसे वो छीन लिया जायेगा, जो आपको सबसे ज्यादा अजीज हो,रोनाल्डो के आंसू इसी वजह से निकले क्युकी पूरी दुनिया जीतने वाला इंसान अपना घर बचा नही पाया,कोई शातिर शायर इसलिए कह के भी गया है, किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता...