
03/08/2025
चलिए एक और युवराज से आप को मिलवाते हैं जिन्होंने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उसका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। डीएम ने हाथों-हाथ बता दिया कि फलां केन्द्र पर फलां क्रम पर आपका नाम है और वोटर लिस्ट की कापी दिखा दी। अब युवराज ने कहा कि मेरे पास जो एपीक नंबर है उसमें आपने छेङछाङ क्यों की। डीएम ने जवाब दिया कि जिस एपीक से आपने पिछली बार वोट दिया उसें रखा है। अब युवराज बता नहीं पा रहा है कि यह दूसरा एपीक उसके पास कहां से आ गया। यही तो विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम है। तो कहीं ऐसा ही एटम हमारे दूसरे युवराज के पास तो नहीं है।
अब दूसरे युवराज को सुनें, कहा कि किसान कानून पर जेटली ने उन्हें धमकाया। जेटली के लङके ने बताया कि किसान कानून 20 में आए वे 19 में ही चले गए। वैसे महाराज आप हिंसा युक्त शब्दावली को ज्यादा पसंद करते हैं। सदन में भूकंप आ जाएगा, मोदी को सङकों पर लोग डंडों से पीटेंगे, एटम फूटा तो चुनाव आयोग साफ हो जाएगा। आदि आपके वाक्य है।
अब पूरे विपक्ष की बात। कह रहे हैं कि सरकार एसआईआर पर चर्चा से भाग रही है। समझ में नहीं आया इसमें चर्चा वाली बात है क्या? चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, वह अपना काम कर रहा है। प्रोफोर्मा लिस्ट जारी हुई है, कोई शिकायत या सुधार अपेक्षित है तो बताईए आयोग को। कोई छूट गया है तो प्रुफ देकर वापिस जुङवा लीजिए।
तो अब समझ में आ गया आपके कि ये लोग देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। इन्हें न किसी संविधान से मतलब है न नियम कानून से।
गज़ब है भाई।