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भारतीय सेना के 45 जवानों सहित 97 प्रतिभागी सीखेंगे पर्वतारोहण के गुर।मनाली अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरि...
13/09/2025

भारतीय सेना के 45 जवानों सहित 97 प्रतिभागी सीखेंगे पर्वतारोहण के गुर।
मनाली
अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स मनाली में 14 सितम्बर से 10 अक्टूबर 2025 तक चलने वाला विशेष बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स आज से शुरू होगा। यह विशेष आधारभूत प्रशिक्षण ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब मानसून के बाद आपदाओं—जैसे भूस्खलन, बाढ़ और सड़क अवरोध—ने हिमालयी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। इस परिप्रेक्ष्य में प्रशिक्षु पर्वतारोहण के साथ साथ आपदा प्रबंधन, बचाव व राहत कार्यों का भी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे । संस्थान के निदेशक अविनाश नेगी ने बताया कि इस बैच में भारतीय वायु सेना के 33 अधिकारी एवं जवान, सीमा सुरक्षा बल के 12 अधिकारी एवं जवान, बिशप कॉटन स्कूल शिमला के 11 छात्रों सहित देशभर से आए 41 प्रतिभागी पर्वतारोहण और उच्च हिमालयी गतिविधियों का प्रशिक्षण लेंगे । उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण शिविर के दौरान शारीरिक फिटनेस एवं सहनशक्ति विकास, रॉक क्लाइम्बिंग व रस्सी तकनीक, बर्फ एवं हिम शिल्प तथा उपकरणों का प्रयोग,आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हताहतों की निकासी व प्राथमिक उपचार, नेविगेशन, ओरिएंटेशन व नक्शा पढ़ने की कला
के साथ पर्वतीय मौसम की समझ और खतरों का आकलन जैसी विशेषताओं का अध्ययन करेंगे।
प्रशिक्षण के अंत में प्रतिभागियों को 18,000 फीट की ऊँचाई तक अभियान पर भेजा जाएगा, जहाँ वे वास्तविक परिस्थितियों में अर्जित कौशल का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि इस विशेष प्रशिक्षण शिविर का उद्वेश्य न केवल पर्वतारोहण बल्कि आपदा प्रतिक्रिया क्षमता को भी मजबूत करना है।

09/09/2025

मनाली से लेह मार्ग की ओर वाहनों की आबा जाही

सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि मनाली-रोहतांग रोड़ समाहण के पास भारी बारिश के कारण दो-तीन स्थानो पर क्षतिग्रस्त हो ...
09/09/2025

सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि मनाली-रोहतांग रोड़ समाहण के पास भारी बारिश के कारण दो-तीन स्थानो पर क्षतिग्रस्त हो गया था। BRO के अधिकारियों से प्राप्त सूचना के अनुसार यह रोड़ अब Restore कर दिया गया है तथा एक तरफा वाहनो के आवागमन के लिए सुरक्षित है। जो आज दिनांक 09-09-2025 को यह रोड़ सुबह 10 बजे से एक तरफा छोटे वाहनो के लिए खोल दिया जाएगा तथा दोपहर बाद बड़े वाहन छोड़े जाएंगे। मनाली पुलिस सभी से सहयोग की अपील करती है। पुलिस हमेशा ही आम जनता की सेवा में तत्पर है।

क्षमा दत्त शर्मा, हि0पु0से0, उप मण्डल पुलिस अधिकारी मनाली जिला कुल्लू हि0प्र0।

23/01/2025

मनाली में हुऐ दिल ढहला देने बाली घटना बाबत जानकारी देते हुए S P kullu

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16/01/2025

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15/01/2025

मनाली शरदोत्सव 2025

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28/01/2024

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कुल्लू दशहरा में शामिल होने के लिए मनाली ने निकली माता हिडिंबा ।   हिडिंबा मंदिर में तीन दिन शप्तचंडी का पाठ पूर्ण होने ...
23/10/2023

कुल्लू दशहरा में शामिल होने के लिए मनाली ने निकली माता हिडिंबा ।

हिडिंबा मंदिर में तीन दिन शप्तचंडी का पाठ पूर्ण होने के बाद माता हडिम्बा अपने लाब - लशकर के साथ कुल्लू दशहरा में शामिल होने के लिए मनाली से निकली। दशहरे के दिन आज देव महाकुंभ में शामिल होकर इस देव समागम को आरंभ करेंगी। माता हिडिंबा के दशहरा में शामिल होने को लेकर जानकारी देते हुये हिडिंबा मंदिर के कारदार एबम पुजारी रोहित राम शर्मा ब पुजारी लाल चंद शर्मा ब जीत राम शर्मा ने बताया कि नवमी के दिन माता हिडिंबा की पालकी अपने कारकरिंदो के साथ कुल्लू की ओर प्रस्थान करती है। माता हिडिंबा की पूजा अर्चना व दर्शनों के लिए लोग जगह - जगह नजरें बिछाये हुये रहते हैं । माता का रथ (पालकी) पैदल कुल्लू तक का सफर पूर्ण करता है। उन्होंने बताया कि कुल्लू प्रस्थान से पूर्व माता हिडिंबा सर्ब प्रथम अपने पुत्र धटोत्कच्छ को साथ चलने का आह्वान करने धटोत्कच्छ के पूजन स्थल तक जाती हैं तथा धाटी के अन्य देबी - देबताओं को साथ चलने एबम दशहरे के सम्पन्न करने हेतु का आह्वान करती हैं। देश के अन्य भागों की तुलना में कुल्लू का दशहरा ,विजय दशमी से आरम्भ होता है तथा करीब एक सप्ताह तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस बर्ष कुल्लू दशहरा में करीब 332 देबी - देबताओं को जिला प्रशासन द्रारा आंमत्रित किया गया है। घाटी की प्रमुख देवी एवं कुल्लू राजघराने की कुल दादी माता हिडिम्बा नौवीं को मनाली से प्रस्थान करने के बाद दशमी को रामशीला के हनुमान मंदिर में राजघराने के आमंत्रण के पश्चात रूपी महल में प्रवेश करती हैं । माता हिडिंबा ही धाटी में एक मात्र देवी हैं जिन्हें राजघराने द्वारा आमंत्रण भेजा जाता है तथा महल में विश्राम के लिए कमरा प्रदान किया जाता है। रूपी महल में राज परिवार द्वारा घोड़ी पूजन के पश्चात माता हिडिंबा की पालकी राजभवन से बाहर आकर राजपरिवार को शुभ वचन देने के उपरांत ढालपुर की ओर रवाना होती है। तथा दोपहर पश्चात ढालपुर में दशहरे का शुभारंभ करती हैं। दशहरे के अंतिम दिन लंका दहन के पश्चात माता हिडिंबा का रथ वापस मनाली की ओर प्रस्थान करता है।
राकेश शर्मा

मनाली - राकेश शर्मा  विश्ब विख्यात धर्मिक स्थल हडिम्बा मंदिर मे आगामी तीन दिन शप्तचंडी का पाठ पूर्ण होने के बाद जगत जननी...
20/10/2023

मनाली - राकेश शर्मा
विश्ब विख्यात धर्मिक स्थल हडिम्बा मंदिर मे आगामी तीन दिन शप्तचंडी का पाठ पूर्ण होने के बाद जगत जननी माँ हडिम्बा अपने लाबा - लशकर के साथ कुल्लू दशहरा में शामिल हो कर दशहरे आरम्भ की धोषणा करेंगी।
मनाली हडिम्बा मंदिर में आज से प्रारम्भ शपतचंडी पाठ के बाबत जानकारी देते हुये हडिम्बा मंदिर के कारदार एबम पुजारी रोहित राम शर्मा ब पुजारी लाल चंद शर्मा ब जीत राम शर्मा ने बताया की नबरात्रे के छटे नबरात्रे से आठबें नबरात्रे तक करीब तीन दिन, तीन बारह्मणओ द्रारा शपतचंडी पाठ का आयोजन किया जाता है। तथा नबरात्रे के नौमी नबरात्रे में माँ हडिम्बा की पालकी अपने कारकरिंदो के साथ कुल्लू की ओर प्रस्थान करती हैं।
सनद रहे की जगह - जगह जंहा माँ के स्बागत एबम पूजन हेतु श्रदालु गण नजरें बिछाये हुये रहते हैं बहीं माँ की पालकी पैदल कुल्लू तक का सफर पूर्ण करती हैं।
उन्होंने बताया की माँ हडिम्बा की पालकी कल मनाली गांब से ढूंगरी गांब में आयंगी और दो दिन हडिम्बा मंदिर में रहने के बाद नौमी को कुल्लू की ओर प्रस्थान करेंगी।
कुल्लू प्रस्थान से पूर्ब माँ हडिम्बा सर्ब प्रथम अपने पुत्र धटोत्कच्छ को साथ चलने एबम आबान स्बरूप धटोत्कच्छ के पूजन स्थल मे जाती हैं तथा धाटी के अन्य देबी - देबताओं को साथ चलने एबम दशहरे के सम्पन्न करने हेतु आबान करती हैं।
बिगत रहे की देश के अन्य भागों की तुलना में कुल्लू का दशहरा नबरात्रे के अंतिम नबरात्रे में आरम्भ होता है तथा करीब एक सप्ताह तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस बर्ष कुल्लू दशहरा में करीब 332 देबी - देबताओं को जिला प्रशासन द्रारा आंमत्रित किया गया है।
धाटी की प्रमुख देबी एबम कुल्लू राजधाराने की कुल दादी हडिम्बा नौमी को मनाली से प्रस्थान करने के बाद दशमी को रामशीला के हनुमान मंदिर में राजधाराने के आमत्रंण के पश्चात रूपी महल की ओर कूच करती हैं
सन्द रहे की हडिम्बा माँ धाटी में एक मात्र देबी हैं जिन्हें राजधाराने द्रारा आमत्रंण भेजा जाता है तथा महल में बिश्राम स्बरूप कमरा प्रदान किया जाता है।
रूपी महल में राज परिवार द्रारा धोड़ी पूजन के पश्चात माँ हडिम्बा की पालकी को राजभबन से बाहर आकर राजपरिबार को शुभ बचन देने के उपरांत ढालपुर की ओर रबाना होती है। तथा दोपहर पश्चात ढालपुर में दशहरे के आगमन की धोषणा करती हैं।
करीब सात दिन कुल्लू के ढालपुर में ब्यतीत करने के बाद माँ हडिम्बा की पालकी मनाली की ओर बापिसी करती हैं किन्तु एक दिन के सफर की तुलना बापिसी में एक रात्रि का बिश्राम कटरांई में गौड निवास में करती हैं।
एक रात्रि ब्यतीत करने के बाद कटरांई से मनाली का सफर आरम्भ हो जाता है।

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