Aditya ved Sharma

Aditya ved Sharma Engineer, Researcher, Science and Education activist.✅

21/02/2025

भगवान विष्णु और भक्त का प्रेम

प्राचीन समय की बात है। एक छोटे से गाँव में धर्मदत्त नाम का एक भक्त भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहता था। वह नित्य नियम से प्रभु की पूजा करता, भजन गाता और निस्वार्थ सेवा करता था। उसकी भक्ति इतनी प्रबल थी कि स्वयं भगवान विष्णु भी उसे आशीर्वाद देने के लिए आतुर रहते थे।

एक दिन भगवान विष्णु ने सोचा, "मुझे अपने इस भक्त की परीक्षा लेनी चाहिए कि उसकी भक्ति सच्ची है या नहीं।"

भगवान ने माया रची और गाँव में भयंकर सूखा पड़ गया। खेत सूख गए, नदियाँ सूख गईं और लोग भूख-प्यास से त्रस्त हो गए। धर्मदत्त के पास भी अन्न का एकमात्र बर्तन बचा था, जिससे वह अपना जीवन चला रहा था।

उसी दिन एक वृद्ध साधु उसके द्वार पर आया और भोजन मांगा। धर्मदत्त ने बिना संकोच अपना संपूर्ण अन्न साधु को दे दिया और मुस्कुराते हुए बोला, "भगवान की कृपा से सब कुछ मिल जाएगा।"

यह देखकर भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न हुए। वह प्रकट हुए और बोले, "वत्स, तुमने अपनी अंतिम संपत्ति भी त्याग दी, फिर भी तुम्हारा विश्वास अडिग रहा। मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूँ, माँगो जो चाहो!"

धर्मदत्त ने हाथ जोड़कर कहा, "प्रभु! मुझे कुछ नहीं चाहिए। बस इतना आशीर्वाद दीजिए कि मेरी भक्ति सदा अडिग रहे।"

भगवान विष्णु भाव-विभोर हो गए और बोले, "तथास्तु!"

भगवान के आशीर्वाद से गाँव में वर्षा हुई, सुख-समृद्धि लौट आई, और धर्मदत्त की भक्ति युगों तक अमर हो गई।

सीख: सच्ची भक्ति बिना किसी स्वार्थ के होती है। जो भगवान पर अटूट विश्वास रखता है, उसे जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती।

29/01/2025
जय महा कुंभ।।।
25/01/2025

जय महा कुंभ।।।

25/01/2025
महाकुंभ एक अद्वितीय और पवित्र अवसर है, जो हमें आत्मा की शुद्धि, मानवता की सेवा और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता ...
16/01/2025

महाकुंभ एक अद्वितीय और पवित्र अवसर है, जो हमें आत्मा की शुद्धि, मानवता की सेवा और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह संगम का पर्व हमें एकता, शांति और समृद्धि का संदेश देता है। आइए, हम इस दिव्य अवसर पर अपने जीवन को शुद्ध करें और अपने आंतरिक संसार को जागृत करें। जय महाकुंभ!
— आदित्य वेद शर्मा"

02/11/2024

भाई दूज के पर्व से जुड़ी एक पौराणिक कथा प्रचलित है, जो यमराज और उनकी बहन यमुनाजी से संबंधित है। कहा जाता है कि एक बार यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने के लिए उनके घर गए। यमुनाजी ने अपने भाई का स्वागत किया, उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराया और उनकी आरती उतारी। यमराज अपनी बहन के इस सत्कार और स्नेह से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने बहन यमुनाजी को वरदान देने की इच्छा प्रकट की।

यमुनाजी ने यमराज से प्रार्थना की कि जिस तरह आज वे अपनी बहन से मिलने आए हैं, उसी प्रकार हर भाई अपनी बहन के घर जाए और इस दिन को खुशी और प्रेम के साथ मनाए। उन्होंने यह भी वरदान मांगा कि इस दिन जो बहन अपने भाई को तिलक करे और उसकी लंबी उम्र की कामना करे, उसके भाई को कभी अकाल मृत्यु का भय न हो।
यमराज ने यमुनाजी की यह बात स्वीकार कर ली और कहा कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के घर जाकर उसका सत्कार करेंगे और तिलक करवाएंगे, वे दीर्घायु होंगे। तभी से भाई दूज का पर्व मनाया जाने लगा। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं, उसकी लंबी उम्र और सुख की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहन को उपहार और स्नेह देते हैं।

Address

Science House
Mandi

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Aditya ved Sharma posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Aditya ved Sharma:

Share