
24/07/2025
एक 53 साल की महिला रोज़ ज़मीन के नीचे उतरती थी... और किसी को पता भी नहीं चला कि वो क्या कर रही है!"
गांव के लोग सोचते थे —
"ये पगली है क्या? रोज़ खुदाई करती है, अकेले…!"
कोई पूछता —
"किसके लिए?"
वो मुस्कुरा देती — "पौधों के लिए।"
कर्नाटक की रहने वाली गौरी नायक के पास एक छोटा सा खेत था,
लेकिन पानी नहीं था।
फसलें सूख रही थीं, ज़िंदगी ठहर गई थी।
सरकार से गुहार लगाई — जवाब नहीं आया।
पड़ोसियों ने कहा — "छोड़ दे ये सब, तू क्या उखाड़ लेगी अकेली?"
पर उसने ठान लिया था —
"या तो खेत जिएगा… या मैं खुद पानी निकालूंगी!"
और फिर शुरू हुआ 6 महीने का एक साइलेंट मिशन।
रोज़ 6 घंटे, खुद के ही बनाए गड्ढे में उतरती थी।
60 फीट नीचे तक अकेले खुदाई करती रही।
कई बार साँसें फूल जाती थीं,
कई बार चक्कर आते थे,
कभी हाथ कट जाते, कभी मिट्टी धँस जाती —
लेकिन एक आवाज़ उसे रोकने नहीं देती थी —
"तेरे खेत को तुझसे बेहतर कोई नहीं बचा सकता।"
और आख़िरकार,
6 महीने बाद —
पानी फूटा…
एक कुआं तैयार हुआ…
और एक औरत ने अकेले इतिहास रच दिया।
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ना सोशल मीडिया को बताया,
ना कोई वीडियो बनाया…
बस कर दिखाया।
👉 अब ये हम पर है — क्या हम उस महिला की कह