17/08/2025
अगर इच्छा शक्ति हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती, ऐसा ही कुछ महसूस हुआ वाई वी गिरी जी से मिलकर। जिस उम्र में लोग बैठकर अपने पेंशन से अपना जीवन यापन करते हैं उस उम्र में भी यह उतनी ही तेजी से चलते और काम करते हैं जितना कि नौजवान और साथ ही सैकड़ो लोग उनके मार्गदर्शन में काम भी करते हैं। सारी पारिवारिक जिम्मेदारियां को निभाने के बाद भी समाज के लिए प्रशांत किशोर के आवाहन पर उठ खड़े हुए हैं और पूरे बिहार में जनसुराज का प्रचार प्रचार कर रहे हैं तथा बिहार को बदलने के लिए आम जनता से आवाहन कर रहे हैं। वाई वी गिरी जी जनसुराज पार्टी से मांझी 114 विधानसभा के संभावित प्रत्याशी भी हैं और लगातार क्षेत्र में दौरा भी कर रहे हैं। कुछ विपक्ष के लोगों के द्वारा यह बात फैलाई जा रही है कि वाई भी गिरी जी बाहरी उम्मीदवार हैं लेकिन जब गिरी जी से बात हुई तो बहुत स्पष्टता के साथ उन्होंने कहा की मांझी मेरा घर है और मैं मांझी का ही हुं। घोरहट मेरा ननिहाल है और मैं बचपन में मैं डुमरी में कुश्ती खेला करता था। मांझी में ही मेरी बेटी की शादी हुई है मेरे बेटे की शादी हुई है।मेरा पूरा जीवन मांझी के उपर आधारित और भावुक रूप जुड़ा हुआ है। उनका कहना है कि जो लोग मेरी उपस्थिति से घबराए हुए हैं वही लोग इस तरह का भ्रम फैला रहे हैं। मांझी जी की जनता बदहाली से त्रस्त हो चुकी है और इस बार ना बाहुबली चलेगा ना जातिवादी चलेगा और नाहीं पैसे का खेल होगा। होगा तो बदलाव और आएगा जनता का सुंदर राज यानी जनसुराज। इस तरह की बहुत सारी बातें हुई मांझी और बिहार को लेकर दिवाकर मिश्रा के साथ वाई वी गिरी की देखिए और सुनिए पूरी बात इस वीडियो में,