19/02/2025
बनियों का राज आ गया। प्रधानमंत्री बनिया , गृहमंत्री बनिया अब दिल्ली का मुख्यमंत्री भी बनिया। बनिया लूट के खा जाएँगे अब। इस टाइप की तमाम पोस्ट आ रही हैं। आनी भी चाहिए क्योंकि इस देश का संविधान ही जातिवाद को बढ़ावा देता है। उसको पुरुष्कृत करता है।
मगर सच्चाई सुनते जाइए।
बनिया ना सिर्फ़ भाजपा के बल्कि इस देश के निर्माणकर्ता हैं। राष्ट्र का जड़ धर्म होता है और धर्म का जड़ होता है अर्थ। बनियों ने सदियों से इस जड़ को सींचा है। चाहे मुगलकाल हो , ब्रिटिशकाल हो या वर्तमान काल। ये बनियों का ही धन है जो धर्म को बचाए हुए है।
आप किसी भी जाति के युवा हैं। जातीय उन्माद से बचिए। सोशल मीडिया पे लोग आपको जातीय स्वाभिमान की चटनी देकर कब जातीय उन्माद चटा देगा। आपको पता नहीं चलेगा।
बहन बेटी की इज्जत के नाम पर इकट्ठा करने वाले से कहिए मेरे बहन को अच्छे कॉलेज में एडमिशन चाहिए। तुम करादो। नहीं कराएगा। समाज के किसी गरीब लड़की से शादी कर लो नहीं करेगा। क्योंकि आपको वह भीड़ में गिन रहा है जो उसके पीछे चलेगी और नेता मानेगी।
ब्राह्मण-बनिया-कायस्थ-खत्री ऐसी जातियों के वजह से हिंदुस्तान अफ़्रीका या अफ़ग़ानिस्तान नहीं है। वरना हमसे ज़्यादा भेद किसी देश में नहीं हैं।
बनियों ने आजादी का आंदोलन फण्ड किया। RSS को खड़ा किया। आज भी RSS के प्रचारक सबसे ज़्यादा कहीं दोपहर और रात्रि भोजन कर रहे होंगे तो वह बनिया परिवार ही होंगे।
वो लोग दूसरे जाति की तरह थार पर शर्ट खोलकर रंगदारी वाला गाना नहीं बजा रहे तो उन्हें कमजोर मत समझिए। किसी अच्छे बनिया से पाला पड़ गया तो आपको ताक़त और रंगदारी समझा देगा।